फिजिकल एक्टिविटीज किसी भी बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती हैं। यदि वे एक्टिव रहने की बजाय अपना ज्यादातर समय मोबाइल या टीवी की स्क्रीन के पास बिताते हैं, तो उनकी निष्क्रियता उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकती है। शोध बताते हैं कि टेलीविजन देखने, वीडियो गेम खेलने, कंप्यूटर का उपयोग करने, मोटर चालित वाहनों की सवारी करने आदि में अत्यधिक समय व्यतीत करने से बाद में जीवन में खराब फिटनेस, वजन बढ़ने और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए पेरेंट्स के रूप में आपके लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि बच्चे के स्क्रीन समय को कैसे सीमित किया जाए (how to limit screen time)।
यदि आपका बच्चा अपना ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताता है, तो शुरुआत में यह आदत विकसित करना मुश्किल हो सकता है कि वे अपने खाली समय को किसी फिजिकल एक्टिविटी से जोड़ सकें। यदि वे शारीरिक तौर पर एक्टिव रहने की शुरुआत करेंगे, तो धीरे-धीरे उनमें यह अच्छी आदत डेवलप हो सकती है।
उनके स्क्रीन टाइम को कम करने के लिए कंटिन्यू किड्स की डायरेक्टर, डेवलपमेंटल एंड बिहेवियरल पीडियाट्रिशियन डॉ. हिमानी नरूला के बताए कुछ ट्रिक्स आजमा सकती हैं।
क्या आपके लिविंग एरिया में आपके बच्चे के लिए दौड़ने की पर्याप्त जगह है? उससे एक्सरसाइज तब तक नहीं हो पाएगी जब तक सुरक्षित रूप से करने के लिए कोई जगह न हो। अपने लिविंग रूम, प्ले रूम या किचन के आसपास एक ऐसा स्थान निकालें जहां आप बच्चे को क्वारंटाइन कर सकें। उस स्थान से ऐसे हर सामान को हटा दें, जो टूट-फूट सकता है या जिससे बच्चे को चोट लग सकती है।
बच्चे स्वाभाविक रूप से मूवमेंट्स के प्रति आकर्षित होते हैं। वे इधर-उधर भागना चाहते हैं। वे अपने पेट्स के पीछे दौड़ते हैं। अपने पसंदीदा म्यूजिक पर डांस करते हैं और बॉल को उछालते हुए खेलना भी चाहते हैं। दूसरी तरफ बच्चे पेरेंट्स की जरूरतों के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।
यदि आप घर पर हमेशा काम में लगी रहती हैं, तो आपका बच्चा अपने-आपको कमरे तक सीमित रखना शुरू कर देगा। यदि आप तेज आवाज पर गुस्सा करने लग जाती हैं, तो वे डांस पार्टी करने या बॉल से खेलने में झिझकने लगेगा।
पेरेंट्स को बच्चों के स्क्रीन टाइम (टेलीविजन, कंप्यूटर और वीडियो गेम) को सीमित कर देना चाहिए। उन्हें प्रति दिन अधिकतम दो घंटे तक ही देखने देना चाहिए। बच्चे के बेडरूम में टेलीविजन न लगाएं। रात के खाने के दौरान टेलीविजन न देखें। टेक्नोलॉजी के उपयोग को सीमित करने के लिए अपने सुपरविजन में लिविंग रूम में कंप्यूटर और दूसरी तरह के उपकरणों को बंद कर दें।
आपके बच्चे आपके नक्शे कदम पर चलना चाहेंगे। इसलिए थोड़ा-थोड़ा करके उन्हें आगे बढ़ाएं। यह सुनिश्चित करें कि आपका पेरेंटिंग बिहेवियर सकारात्मक और सक्रिय हो। आपके कार्य और व्यवहार ही उन्हें जीवन भर हेल्दी एक्टिविटीज को फॉलो करने में मदद करेंगे। बच्चे को एक्टिव होने दें और आप स्वयं भी इसे प्रायोरिटी बेसिस पर फॉलो करें।
कुछ पेरेंट्स बच्चों को उन खेलों और गतिविधियों में भाग लेने के लिए मजबूर कर देते हैं, जिनमें वे भाग नहीं लेना चाहते हैं। संभव है कि हर बच्चे को फुटबॉल या डांस पसंद नहीं हो! यदि वे कुछ नई चीजें आजमाना चाहते हैं, तो उन्हें करने दें। उन्हें योग या तलवारबाजी पसंद हो सकती है। इससे वे एक्टिव रह सकेंगे।
टिपिकल वीडियो गेमिंग खेलने की बजाय, स्केटबोर्डिंग और रोलरब्लेडिंग जैसे कुछ नए तरीके भी आजमाने को कहें। यदि घर पर पेट्स हैं, तो उसके साथ टहलने जाने के लिए कहें। गार्डनिंग भी व्यायाम हो सकता है। बारिश होने पर बच्चे घर में भी डांसिंग का आनंद उठा सकते हैं।
आपका बच्चा कुछ ऐसी चीजों को भी नापसंद कर सकता है, जो फिजिकल एक्टिविटी के रूप में बढ़िया माना जा सकता है। एक्सरसाइज के अलावा, उसे कुछ ऐसे खेलों के लिए भी बढ़ावा दें, जिसे उसने स्वयं क्रिएट किया हो और उसे करने में मजा आता हो।
हाइड एंड सीक, घर की सफाई करने के खेल और यहां तक कि पोकेमॉन गो जैसी एक्टिविटीज भी आपके बच्चे को एक्टिव रखने में मदद कर सकती है।
बच्चे के लिए उपयुक्त फिजिकल एक्टिविटीज के बारे में पेडियाट्रिक्स से भी बात करें। बच्चे को हेल्दी लाइफस्टाइल और नियमित रूप से एक्सरसाइज करने के लिए प्रेरित करें। उसका स्क्रीन टाइम सीमित करें और भरपूर नींद लेने के लिए भी प्रोत्साहित करें। बचपन में डाली गई स्वस्थ आदतें ही बड़े होने तक होती हैं।
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