कम समय में अधिक अपेक्षाएं, फिर चाहें वह डेली रुटीन वर्क में हो या संबंधों में, किसी के लिए भी मनोवैज्ञानिक तनाव का कारण बन सकती हैं। बड़े सपने देखते हुए या बड़े गोल सेट करते हुए हम कई बार अपनी क्षमता भूल जाते हैं। जो बाद में मानसिक दबाव और मनोवैज्ञानिक तनाव का कारण बनता है। अगर आप भी इन दिनों ज्यादा बीमार रहने लगी हैं, बात-बात पर गुस्सा आता है और खुद को दबा हुआ महसूस करती हैं, तो ये साइकोलॉजिकल स्ट्रेस के लक्षण हो सकते हैं। आइए जानते हैं इस डेली रुटीन लाइफ में इसे (how to reduce psychological stress) कैसे कम करना है।
यह भी पढ़ें शक बनता है रिश्तों में दरार का कारण, जानें इस समस्या को दूर करने के आसान उपाय
स्ट्रेस से अधिकतर लोगों को परेशानी है। इस समस्या से लोग चाहकर भी दूर नहीं हो पा रहे हैं। कम समय में अधिक काम का बोझ भी इसमें इजाफा कर सकता है। जबकि खराब लाइफस्टाइल और खराब आदतें टाइम मैनेजमेंट को प्रभावित करती हैं। जिसका खामियाजा आपके मानसिक स्वास्थ्य को भुगतना पड़ता है। कई बार रिलेशनशिप का तनाव और अधिक उम्मीदें भी साइकोलॉजिकल स्ट्रेस काे बढ़ा देती हैं। ओवरथिंकिंग भी इसका एक बढ़ा कारण है।
डेली लाइफ में स्ट्रेस की समस्या बढ़ने से मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। स्ट्रेस की समस्या होने पर इसका नकारात्मक प्रभाव मेंटल हेल्थ पर पड़ता है।
वर्ष 2008 में नील, गेल आयरनसन और स्कॉट डी सीगल के नेतृत्व में तैयार एक रिसर्च रिपोर्ट पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित हुई थी। जिसमें यह सामने आया कि मनोवैज्ञानिक तनाव हिंसा, दुर्व्यवहार, आक्रामक भावनाओं और कमजोर स्वास्थ्य का कारण बन सकता है। यह किसी खास वर्ग या उम्र तक ही सीमित नहीं है। इसका शिकार बड़े, बूढ़े, बच्चे, स्त्री या पुरुष कोई भी हो सकता है। इसलिए इसे गंभीरता से लिया जाना और इसके उपाय खोजना जरूरी है।
कानपुर के मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र की सहायक मनोवैज्ञानिक संध्या शुक्ला बताती हैं लगातार काम करने से शरीर को आराम नहीं मिल पाता। इसके अलावा गहन विचार किसी मुद्दे पर, ऑफिस का काम अधिक होना, रिलेशन में सब कुछ सही न होने से स्ट्रेस होता है। ऐसे में दिमाग में अधिक चीज़ें हावी होने लगती हैं। जिसका नकारात्मक प्रभाव मेंटल हेल्थ पर पड़ता है।
इससे बचाव के लिए काउंसलिंग के साथ व्यायाम करना, हेल्दी डाइट लेना और रेस्ट करना जरूरी है। जितना आप पाॅजिटिव रहेगें स्ट्रेस उतना दूर रहेगा। खुद के रोल को ध्यान रखना जरूरी है, आप अपनी जिम्मेदारी को जितना बेहतर तरीके से निभाएगें। उतना स्ट्रेस से दूर रह सकते हैं।
थोड़़ा बहुत तनाव हर व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में हो सकता है। कभी-कभी यह सकारात्मक तरीके से आपकी परफॉर्मेंस में सुधार भी करता है। जबकि कभी-कभी यह इतना तीव्र और लंबा चलता है कि इससे आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होने लगता है।
इसके कारण किसी व्यक्ति में अत्यधिक गुस्सा, दांस पीसना, हाई या लो ब्लड प्रेशर, दस्त लगना, सोच में लगातार परिवर्तन, सेक्स ड्राइव में कमी, सिरदर्द, गर्दन कंधे का दर्द, चक्कर आना, हाथ में पसीना बेचैनी महसूस होना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
नेशनल स्लीप फाउंडेशन्स इनौग्रल स्लीप हेल्थ इंडेक्स के अनुसार डेली स्ट्रेस से बचाव के लिए भरपूर नींद लेना जरूरी है। जिनकी नींद में कमी होती है, वह स्ट्रेस की समस्या का शिकार जल्दी होते हैं। जिनको स्ट्रेस की समस्या है वह हर रात आठ से नौ घंटे की नींद ज़रूरी होती है। भरपूर नींद लेने से तनाव कम होगा।
स्ट्रेस की समस्या से परेशान हैं तो पहले खुद ही इसके कोच और सलाहकार बनें। खुद की ताकत को पहचानना होगा। जब आप खुद के बारे सोचने और विचार करेंगे, तो निश्चित ही आपको इसका जवाब मिल जाएग। अधिक सोचने के बजाए खुद सलाह और मश्विरा करें। जिससे आप स्ट्रेस में नहीं जाएंगे और डिसीजन टेकिंग बनेगें।
अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के संसाधन केंद्र के अनुसार पूरे दिन हम क्या कर रहे हैं, कैसे कर रहे हैं, इसका परिणाम क्या होगा – इस पर विचार करना चाहिए। किसी काम को करने के लिए एक अच्छी योजना बनानी चाहिए। कम समय में अधिक काम को कैसे किया जाए, इस पर एक बेहतर रणनीति बनाई जानी चाहिए।
जिससे आप काम का बोझ नहीं महसूस करेगें और किसी प्रकार के नकारात्मक विचार माइंड में नहीं आएगें। कोशिश करें कि जो भी काम करें उसे लिख लें। जब काम पूरा हो जाए, तो खुद को सफल होने के लिए शाबाशी दें।
अध्ययन बताते हैं कि उन लोगों में तनाव के मामले और तीव्रता ज्यादा देखने में आते हैं, जो किसी भी तरह का शारीरिक व्यायाम नहीं करते। इसलिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल में हर रोज कम से कम 25 मिनट का वर्कआउट जरूर शामिल होना चाहिए।
संध्या शुक्ला कहती हैं, “स्ट्रेस की समस्या से परेशान हैं तो आपको प्रतिदिन फिजिकल एक्टीविटी पर फोकस करना होगा। व्यायाम के माध्यम से किसी भी तरह की बीमारी से दूर रहा जा सकता है। आप हर रोज़ वॉक करें, डांस भी कर सकते है, योगा करें, मेडिटेशन करें इसके अलावा जिम भी करना उचित रहेगा। यह सभी डेली फिजिकल एक्टिविटीज साइकोलॉजिकल स्ट्रेस को कम करने के लिए प्रभावी उपाय हो सकते हैं।
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।