दांतों की चमक ब्यूटी को बढ़ाने में अहम रोल अदा करती है। मुस्कुराते हुए नज़र आने वाले चमचमाते दांत हमारे हेल्दी होने का एक ठोस सबूत है। दरअसल, दांतों की मज़बूती के साथ उसके रंग में आने वाला बदलाव आपकी सेहत को ब्यां करने का आसान तरीका है। केवल दांतों को देखकर इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आप किन शारीरिक समस्याओं का शिकार है। किसी व्यक्ति के दांत पीले होते हैं, तो किसी के दांतों का रंग ब्राउन दिखने लगता है। आखिर किस रंग के दांत वाकई सेहतमंद होने की निशानी है। इस लेख में जानते हैं कि आपके दांतों के रंग से कैसे आपकी हेल्थ के बारे में जानकारी मिल सकती है। जानते हैं दांतों की मज़बूती के लिए कौन सी हर्ब्स को करें प्रयोग (herbs to whiten the teeth)।
इस बारे में डॉ दिवाकर का कहना है कि अगर आपको दांतों में दर्द, सूजन व टूटने की समस्या है, तो डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें। इसके अलावा दांतों के रंग का बदलना भी चिंता का कारण साबित होने लगता है। वे लोग जिनके दांतों के रंग में बदलाव आने लगता है, तो उन्हें डॉक्टरी सलाह से टूथ पेस्ट को बदलने से लेकर डाइट में भी बदलाव लाने की आवश्यकता है। इसके अलावा दिन में दो बार दांतों की सफाई करें। इससे दांतों में संक्रामक रोगों का खतरा कम होने लगता है।
दांतों को देखकर ओवरऑल हेल्थ का पता लगाना पूरी तरह से उचित नहीं है। अगर आपके दांत गिर रहे हैं तो इसका अर्थ है, कि दांतों में फलोराइड की मात्रा ज्यादा है। वे लोग डायबिटीज़ के शिकार होते हैं। उनके दांतों पर गंदगी जल्दी चिपकने लगती है। दांत इनेमल, पल्प और डेंटिन से बना होता है। डेंटिन में प्रोब्लम होने से उसका असर दांतों और मसूढ़ों पर भी दिखने लगता है। दातों का रंग कभी भी पूरी तरह से सफेद नही हो सकता है। हल्का पीला रंग दांतों के हेल्दी होने की निशानी होता है।
वे लोग जिनके दांत सफेद या हल्के पीले है। उनकी गिनती स्वस्थ दांतों में की जाती है। वे लोग जो दांतों का ख्याल रखते हैं। इसके अलावा स्मोकिंग, तंबाकू और दांतों सफाई के लिए फ्लोराइड से भरपूर टूथ पेस्ट का प्रयोग करते हैं। तो उससे दांतों का रंग हल्का पीला या सफेद होता है। अगर आपके दांत बिल्कुल सफेद हैं, तो ये फ्लोरोसिस का कारण भी बन सकता है।
कुछ लोगों के दांत धीरे धीरे ब्राउन होने लगते हैं। वे लोग जिनके दांतों के मध्य गहरे ब्राउन रंग की लकीरें नज़र आने लगती हैं। एसका कारण मेडिसिन होती हैं। मेडिसिन का लगातार सेवन दांतों के रंग को गहरा करने लगता है। इसके अलावा चाय और कॉफी का रोज़ाना सेवन भी ब्राउन दांतों की समस्या को बढ़ा देता है।
अगर आपने कैविटीज़ को सील करने के लिए दांतों में मेटल की फिलिंग करवाई है, तो उसका असर दांतों के रंग पर भी दिखने लगता है। इससे आपके दांतों में ग्रे या काले रंग के पैच दिखने लगते हैं। जो आपके दांतों के रंग को बदल डालता है।
टीथ इनेमल में बदलाव आने से दांतों के रंग में परिवर्तन दिखने लगता है। कैफीन इनटेक को बढ़ाने से टैनिन क्रोमोजेन पिगमेंट दांतों के साथ खुद ब खुद चिपकने लगता है। इसका असर दांतों के रंग पर भी दिखने लगता है और दांतों का रंग पीला होने लगता है। इसके अलावा तंबाकू और स्मोकिंग भी दांतों के रंग को पीला करने लगते हैं।
दांतों को क्लीन और मज़बूत बनाए रखने के लिए अगर आप नेचुरल तरीके को अपनाना चाहती हैं, तो हर्ब्स सबसे बेहतरीन विकल्प है। आर्टिफीसियल फ्लेवर्स से परे आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों के इस्तेमाल से दांत स्ट्रॉन्ग बनते हैं और ओरल हेल्थ भी उचित बनी रहती है। जड़ी बूटियों में मौजूद एंटीसेप्टिक प्रापर्टीज दांतों का ख्याल रखने में मददगार साबित होती है। जानते हैं दांतों की मज़बूती के लिए कौन सी हर्ब्स को करें प्रयोग।
एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुणों से भरपूर नीम की पतली टहनियों से दांतों की सफाई बेहतर तरीके से होने लगती है। इसमें पाए जाने वाले एंटीसेप्टिक गुण मसूड़ों को स्वस्थ रखते हैं। इससे दांतों में ब्लीडिंग और सूजन के दर्द की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।
कीटाणुनाशक तुलसी की पत्तियों को पानी में कुछ देर उबालकर उसे माउथवॉश की तरह प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा तुलसी की पत्तियों को चबाने से भी मुंह में पैदा होने वाले बैक्टिरिया से राहत मिलती है। जो दांतों में लगने वाली कैविटी के जोखिम को भी कम कर देता है। इसे आप व्यंजनों में भी प्रयोग कर सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंलौंग का तेल दांतों में होने वाले दर्द को कम करता है। इसे दांतों के मध्य रखने से दर्द कम होने लगता है। एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर लौंग के तेल को कॉटन बॉल में डिप करके दांतों में लगाने से दांतों में होने वाले घाव से भी राहत मिलने लगती है। इसमें पाया जाने वाला यूजेनॉल तत्व दांतों को स्वस्थ रखता है।
4. हल्दी
हल्दी में करक्यूमिन तत्व पाया जाता है। जो दांतों की फीकी पड़ रही चमक को निखाने में मदद करता है। एंटी इंफ्लेमेटरी प्रापर्टीज से भरपूर हल्दी को दांतों पर मलने से ओरल हेल्थ मज़बूत बनी रहती है। इसके अलावा संक्रमण का खतरा भी कम होने लगता है।
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