तंबाकू का सेवन लंबे वक्त तक करने से हमारे मसूड़ों पर उसका निगेटिव इंपेक्ट नज़र आने लगता है। इससे धीरे धीरे ओरल इंफेक्शन और टूथ डिसकलरेशन यानि दांतों का रंग बदलना शुरू हो जाता है। तंबाकू का एडिकशन शरीर के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। मगर इसकी शुरूआत ओरल इंफेक्शन से होती है। जानते हैं कि तंबाकू का माउथ पर क्या प्रभाव पड़ता है और इससे कैसे बचा जा सकता है (Tobacco effect on oral health)।
इस बारे में हेल्थशॉटस की टीम से बातचीत करते हुए लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, एमडीएस, डॉ दिवाकर वशिष्ट ने तंबाकू को ओवरऑल हेल्थ के लिए एकबड़ा खतरा बताया है। उनके मुताबिक चविंग और स्मोक दोनों ही प्रकार के तंबाकू हमारी ओरल हेल्थ के लिए समस्या का कारण बन सकते हैं। चविंग तंबाकू को मुंह में डालते ही उसे जीभ के नीचे या गाल में दबाकर रखा जाता है। इसका सेवन करते ही मुंह का तापमान बढ़ने लगता है। दरअसल, तंबाकू की तासीर गर्म होती है।
इससे माउथ में लाल और सफेद धब्बे बनने लगते है, जो माउथ में बर्निंग सेंसेशन का कारण बन जाते हैं। इन्हें प्रीमैलिग्नेंट घाव कहा जाता है। अगर इसका सही समय पर उपचार नहीं होता है, तो ये कैंसर का रूप ले लेते हैं। स्लाइवा उचित प्रकार तक गले में न पहुंच पाने के कारण निर्जलीकरण की समस्या शुरू हो जाती है। इसका प्रभाव आपके लंग्स पर भी दिखने लगता है। इसके अलावा मरीज़ को हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ की शिकायत भी हो सकती है।
इससे दांतों का रंग बदलने लगता है। तंबाकू में मौजूद टार और निकोटिन के चलते दांतों का रंग पीला और ब्राउन होने लगता है। इसका प्रभाव मसूड़ों पर भी दिखने लगता है। इसके चलते दांतों में कैविटीए दांत टूटने और सूजन की समस्या बढ़ने लगती है। नियमित तौर पर तंबाकू चबाना दांतों के साथ साथ हमारी ओवरऑल हेल्थ के लिए नुकसानदायक है।
तंबाकू में मौजूद तत्व आपके शरीर में माउथ बैक्टीरिया से लड़ने की ताकत को कम करने लगते हैं। इससे वे लोग जो इसका रोज़ाना सेवन करते हैं, उनमें संक्रमण का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे लोग पीरियडोंटल संक्रमण शामिल का शिकार हो जाते है। इससे जिससे दांतों में दर्द और सूजन के अलावा बोन डैमेज का जोखिम भी बढ़ जाता है।
इसे खाने से मुंह में लाल और सफेद रंग के पैच बनने लगते हैं जिसे माउथ अल्सर कहा जाता है। इन छालों से बार बार प्यास लगने लगती है। मगर स्लाइवा गले तक न पहुंचने से डिहाइड्रेशन की स्थिति बन जाती है। ऐसे में खुद को इस समस्या से बचने के लिए तुरंत उपचार आवश्यक है।
वे लोग जो माउथ अल्सर से पीडित होते हैं। उनका मुंह पूरी तरह से खुलने में दिक्कत आने लगती है। सामान्य तौर पर हमारा माउथ 3 से 4 इंच तक खुलता है। मगर इस समस्या के चलते लोगों का मुंह केवल 1 इंच तक ही खुल पाता है। इसके चलते वे पूर्ण रूप से उचित आहार नहीं ले पाते हैं।
खूब पानी पीएं। इससे बार बार मुंह सूखने की समस्या दूर हो जाती है। दरअसल, ज्यादा मात्रा में तंबाकू का सेवन करने से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसे में तरल पदार्थों का सेवन करके ताकि स्लाइवा बन पाए और मुंह का रूखापन दूर हो सके।
ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिससे हमें एंटीऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है। इसके लिए मौसमी फलों और सब्जियों को आहार में शामिल करें। इससे शरीर में संकमण के पनपने का खतरा कम होता है। साथ ही शरीर को सही पोषण प्राप्त होता है।
एक्सपर्ट के मुताबिक वे लोग जिनका माउथ ओपन नहीं हो पाता है। उन्हें फिजियोथैरेपी की सलाह दी जाती है। ऐसे लोगों का आइसक्रीम स्टिक की मदद से कुछ देर तक एक्सरसाइज़ करवाई जाती है। इससे मुंह न खुलने की समस्या हल हो जाती है।
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