सीजनल फ्लू (seasonal flu) के कारण सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। इसके कारण इन दिनों कोल्ड और कफ की समस्या आम है। इनके अलावा शरीर में लगातार दर्द (bodyache) रह सकता है। इन सारी समस्याओं के कारण काम कर पाना कठिन हो सकता है। हालांकि सर्दी और फ्लू को प्राकृतिक रूप से ठीक करने के लिए कई घरेलू उपचार मौजूद हैं। मां बताती है कि मौसमी फ्लू के कारण होने वाली सर्दी-खांसी और बदन दर्द को ठीक करने के लिए तुलसी सबसे कारगर (Tulsi for cold cough and body ache) है।
तुलसी एक पवित्र पौधा है। इसके औषधीय और आध्यात्मिक दोनों गुण हैं। आयुर्वेद में इसे प्रकृति की मातृ औषधि और जड़ी-बूटियों की रानी भी कहा जाता है। तुलसी एंटी बैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लामेटरी, एंटीट्यूसिव (खांसी से राहत देने वाला) और एंटी एलर्जिक भी होती है। तुलसी की कुछ पत्तियों को शहद के साथ लेने से खांसी और फ्लू से राहत मिल जाती है, क्योंकि यह इम्यून हेल्थ में सुधार कर देती है। यदि रोजाना तुलसी की चाय पीई जाए, तो तनाव कम करने में मदद मिल सकती है (Tulsi for stress)।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. नीतू भट्ट बताती हैं, ‘सामान्य सर्दी-खांसी कफ बढ़ने और पाचन के कमजोर पड़ने के कारण होती है। हम जो खाना खाते हैं, वह पूरी तरह से पच नहीं पाता है। वह अमा (Ama) में बदल जाता है। यह अमा थूक (Sputum) के रूप में श्वसन तंत्र में पहुंचता है। यह सर्दी या खांसी का कारण बनता है। तुलसी में पाचन और कफ संतुलन गुण होते हैं, जो अमा को कम करने और शरीर से अत्यधिक थूक को बाहर निकालने में मदद करते हैं। सूजन के कारण शरीर में दर्द करता है। तुलसी का एंटी इन्फ्लामेटरी गुण बदन दर्द से राहत दिलाता है।’
इन्फ्लूएंजा के कारण भी सर्दी खांसी और बदन दर्द हो सकता है। आयुर्वेद में इन्फ्लूएंजा को वात श्लेष्मिका ज्वर के रूप में जाना जाता है। यह तीन दोषों- वात, पित्त और कफ के असंतुलन के कारण होता है। तुलसी तीनों दोषों ख़ासकर कफ दोष को संतुलित करके इन्फ्लूएंजा को प्रबंधित कर सकती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर शरीर को सभी रोगों से मुक्त करने में मदद कर सकती है।
डॉ. नीतू भट्ट के अनुसार, कभी कभी अस्थमा के कारण सांस फूलने लगती है और कफ हो जाता है। आयुर्वेद में अस्थमा को श्वास रोग कहा जाता है। मुख्य दोष वात और कफ के कारण ऐसा होता है। वात और कफ दोष श्वसन मार्ग में रुकावट पैदा करते हैं। इसके परिणामस्वरूप सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। तुलसी में कफ और वात को संतुलित करने वाले गुण होते हैं, जो अस्थमा को दूर करने में मदद करते हैं।
यदि तुलसी की पत्तियों को शहद के साथ दिन भर में 3-4 बार लेंगी, तो आराम मिल सकता है। यदि तुलसी की चाय ली जाए, तो यह और भी अधिक कारगर है।
10-12 तुलसी के पत्ते लें। हाफ टी स्पून कुटी हुई अदरक और 7-8 सूखी कुटी हुई काली मिर्च भी लें।
एक पैन में दो बड़े कप पानी को उबालें। इसमें तुलसी, कसा हुआ अदरक और काली मिर्च डाल दें। इसे लो फ्लेम पर 7-10 मिनट तक उबलने दें।
इसमें एक चुटकी काला नमक मिलाएं और ½ नींबू निचोड़ लें।
सामान्य सर्दी और खांसी को नियंत्रित करने के लिए इसे छानकर पियें। प्रतिदिन 3-4 बार सेवन करें।इसमें 1 छोटा चम्मच शहद भी मिलाया जा सकता है।
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