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Varicose veins : त्योहारी सीजन में थकान बढ़ा सकती है वैरिकोज़ वेंस की समस्या, जानिए कैसे रखना है अपना ख्याल

लंबे समय तक खड़े रहने पर ब्लड फ्लो अवरुद्ध होने लगता है। इसके कारण पैरों की नसों में ब्लड जम जाते हैं और वैरिकोज़ वेंस की समस्या हो जाती है। विशेषज्ञ बताती हैं कि यह गट हेल्थ से जुड़ा है, इसलिए गट प्रॉब्लम दूर करने पर इससे भी राहत मिल जाती है।
Updated On: 27 Oct 2023, 03:42 pm IST
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veins me blood clot ke karan vericose veins ki samasya hoti hai.
वैरिकोज वेन्स बढ़ी हुई और मुड़ी हुई नसें होती हैं। यह कमजोर या क्षतिग्रस्त नसों की दीवारों और वाल्व के कारण होती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

ऑक्टूबर- नवंबर को त्योहार का सीजन माना जाता है। इन महीनों में आप नहीं चाहते हुए भी किचन में कुछ न कुछ रेसिपी ट्राई कर लेती हैं। हेल्दी होने के बावजूद इसे तैयार करना आपकी हेल्थ को प्रभावित कर जाता है। दरअसल, लंबे समय तक एक स्थान पर खड़े रहने पर आपको वैरिकोज़ वेंस की समस्या होने लगती है। इसके कारण आपको पैरों में दर्द होने लगता है। विशेषज्ञ बताती हैं कि यदि आप अपने खान-पान पर ध्यान दें, तो इस समस्या से राहत मिल सकती ( improve varicose veins) है। सबसे पहले जानते हैं कि यह समस्या क्यों होती है?

क्यों होता है वैरिकोज़ वेंस (Varicose veins)

हॉर्मोन एंड गट हेल्थ कोच मनप्रीत कालरा बताती हैं, ‘वैरिकाज़ वेंस की समस्या आम है। यह कमजोर या क्षतिग्रस्त नसों की दीवारों और वाल्वों के कारण होती है। नसों के अंदर एक-तरफ़ा वाल्व होते हैं, जो हृदय की ओर रक्त के प्रवाह को बनाए रखने के लिए खुलते और बंद होते हैं। नसों में कमजोर या डैमेज वाल्व या वाल्स ब्लड को एक जगह जमा कर देती हैं। यहां तक कि पीछे की ओर भी यह फ्लो कर सकती हैं। इसका कोई इलाज तो नहीं है। ब्लड फ्लो बढ़ाने और नसों में दबाव कम करने के लिए दिन भर में कई बार अपने पैरों को कमर से ऊपर उठाना चाहिए।’

इस समस्या से कैसे जुड़ा है गट हेल्थ (Varicose Veins and Gut health are connected)

सौल्टी फ़ूड और अत्यधिक प्रोसेस्ड फ़ूड शरीर में तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाने का कारण बनते हैं। इससे वैरिकोज़ नसों पर अधिक दबाव पड़ता है और ब्लड फ्लो बाधित होता है। आहार में पर्याप्त फाइबर नहीं मिलने से पाचन तंत्र में कब्ज हो जाता है। इसके कारण वैरिकोज़ वेंस समस्या होती है।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

विटामिन K2 के लो लेवल के कारण इलास्टिन का कैल्सीफिकेशन होता है। इसके कारण डबल चिन, पाइल्स और वैरिकोज़ वेंस होते हैं। विटामिन K छोटे ब्लड वेसल्स की दीवारों को खिंचाव और टूटने से बचाने के लिए मजबूत कर सकता है।

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विटामिन K2 के लो लेवल के कारण वैरिकोज़ वेंस होते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

यहां हैं गट हेल्थ के माध्यम से वैरिकोज़ वेंस से आराम दिलाने के 3 टिप्स (3 tips to improve Varicose veins)

  1. भोजन में बल्किंग एजेंट शामिल करें (Bulking Agent in Diet to prevent Varicose Veins)

मनप्रीत कालरा बताती हैं, ‘सायलियम हस्क (Psyllium Husk), या सायलियम सीड और पेक्टिन बल्किंग एजेंट हैं। इन्हें अपने आहार में शामिल करना चाहिए। ये फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पेट में फूलते हैं। ये बोवेल मूवमेंट के दौरान पानी जोड़ते हैं। ये स्टूल को नरम बनाते हैं। कुलमिलाकर ये माइल्ड लैक्सेटिव होते हैं। इससे शौच के दौरान तनाव कम हो जाता है

2. कुट्टू को शामिल करें ( Include buckwheat to cure Varicose Veins)

मनप्रीत कालरा के अनुसार, बकव्हीट यानी कुट्टू के आटे को आहार में शामिल किया जा सकता है। इसमें एक प्रकार का फ्लेवोनोइड रुटिन पाया जाता है, जिसे डॉक्टर वैरिकाज़ वेंस के रोगियों को लेने की सलाह देते हैं। यह एक प्रकार का फ्लेवोनोइड है जो वस्कुलर हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है। रुटिन से भरपूर कुट्टू वैरिकोज़ वेंस पर एंटी इन्फ्लामेट्री प्रभाव डालता है। यह ब्लड को क्लोट करने से रोकता है। रुटिन के कारण कुट्टू बोवेल मूवमेंट में भी मदद करता है

3. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ (fibre rich foods to cure Varicose Veins)

जिन लोगों को वैरिकाज़ वेंस की समस्या है, वे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खूब खाएं। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि ओट्स, दाल, सेब आदि को अपने डेली डाइट में शामिल करें। इनके अलावा प्रूनस, रेजिन, सेम, दाल और मटर भी खाना चाहिए।

varicose veins ke liye fibre food ka chunav jaroori hai.
जिन लोगों को वैरिकाज़ वेंस की समस्या है, वे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खूब खाएं। चित्र : अडोबी स्टॉक

सेब, नाशपाती, संतरा और बेरीज जैसे फाइबर युक्त फल भी वेरिकोज वेंस में नसों को रिपेयर करने में मदद करते हैं। ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और पालक भी बोवेल मूवमेंट कर वैरिकाज़ वेंस की समस्या से राहत पहुंचाते हैं ।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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