सिटिंग जॉब करने के कारण ज्यादातर लोगों का वजन काफी बढ़ जाता है। वे सीट पर बैठ कर बहुत अधिक हिलती- डुलती भी नहीं हैं। काम के प्रेशर के कारण वे लंबे समय तक भूखी रहती हैं। फिर जैसे ही समय मिलता है, वे ज्यादा मात्रा में अनहेल्दी स्नैक्स ले लेती हैं। इसका परिणाम यह होता है कि वे ओवरवेट हो जाती हैं। फिर जैसे ही उन्हें पेट, कमर, थाईज और बाजुओं पर यह जमी चर्बी महसूस होती है, वे इसे बर्न करने के लिए अलग-अलग उपाय अपनाने लगती हैं। अगर आप भी फैट बर्न करने और वेट लॉस के लिए कोई सुपर इफेक्टिव तरीका ढूंढ रहीं हैं, तो सूर्य नमस्कार आपके लिए बेस्ट है। सूर्य नमस्कार के विभिन्न आसन आपके शरीर के उन जिद्दी क्षेत्रों पर भी काम करते हैं, जहां से चर्बी गलाना आपके लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। बस यह जरूरी है कि आपको सूर्य नमस्कार (how to do surya namaskar to lose weight) करने का सही तरीका पता हो।
इंडियन जर्नल ऑफ अप्लाइड रिसर्च में वर्ष 2019 में एक स्टडी रिपोर्ट प्रकाशित हुई। इसमें वेट लॉस या बॉडी मास इंडेक्स के लिए सूर्य नमस्कार या पिलाटीज (Pilates) में से कौन ज्यादा असरकारक है, यह अध्ययन किया गया।
दोनों के तुलनात्मक अध्ययन के लिए 25 से अधिक बीएमआई वाली 34 महिलाओं को शामिल किया गया। 17 महिलाओं से सूर्य नमस्कार कराया गया। 17 महिलाओं को पिलाटीज करने को कहा गया। ये दोनों ग्रुप सप्ताह में 5 दिन एक्सरसाइज करती थीं। लगातार 4 सप्ताह बाद देखा गया कि सूर्य नमस्कार से बीएमआई पर ज्यादा प्रभाव पड़ा। पिलाटीज बॉडी माइंड एक्सरसाइज है, जिसे जर्मन फिजिकल ट्रेनर जोसेफ पिलेट्स ने 20 वीं सदी में ईजाद किया था।
योगाचार्य और आयुर्वेद एक्सपर्ट कौशल कुमार कहते हैं, ‘सूर्य नमस्कार वजन घटाने में कारगर है। यह 12 योगासनों का समूह है, जिसमें 5 आसन रिपीट किए जाते हैं। इनका अभ्यास 2 राउंड से प्रारंभ कर 10-15 तक धीरे-धीरे ले जाना चाहिए।’
आचार्य कौशल आगे बताते हैं, ‘यदि आप एक राउंड सूर्य नमस्कार करें, तो लगभग 12 कैलोरी खर्च होती है। यदि आप 12 बार करती हैं, तो 12 x 12= 144 कैलोरी खर्च होती है।
15 बार करती हैं, तो 15 x 12= 180 कैलोरी खर्च होती है।’
एक पूरा सूर्य नमस्कार करने में लगभग 4 मिनट लग सकते हैं। यदि आप 10 बार करती हैं, तो इसमें 40 मिनट समय लग सकता है। सांसों पर नियंत्रण करना सीखना जरूरी है। सभी मुद्राओं को ठीक से करना जान जाती हैं, तो इससे कम समय भी लग सकता है।
आचार्य कौशल कहते हैं कि हमेशा अपनी क्षमता का ध्यान रख कर ही अभ्यास करना चाहिए । अन्यथा मोटे लोग जल्दी थक जाते हैं ।
जिन लोगों को स्लिप डिस्क, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग की समस्या हो, योग्य गुरु के मार्गदर्शन के बिना उन्हें सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए।
कभी-भी जल्दबाजी में सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए। हमेशा सुकून और शांति के साथ इसे करना चाहिए।
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कस्टमाइज़ करेंसुबह पूरब दिशा की ओर मुंह करके करें सूर्य नमस्कार।
यदि आपने योग मुद्राओं को गलत ढंग से किया है, तो इससे वजन नहीं भी घट सकता है।
अत्यधिक लाभ पाने के लिए सांसों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
सूर्य नमस्कार को सर्वांगासन भी कहा जाता है। यह आपकी पीठ, बैक मसल्स को भी मजबूती देता है और ब्लड शुगर लेवल को भी कम करता है।
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