योग और व्यायाम तनाव (Yoga for stress) कम करने में मददगार हैं। पर जब आप तनाव में होती हैं, तो सबसे बड़ी मुश्किल होती है अपने लिए समय निकालना। अब जब दफ्तर और स्कूल दोनों ही खुल चुके हैं, तब हम समझते हैं कि आप सुबह के समय वक्त नहीं निकाल पातीं। तब ऐसे में अपनी फिटनेस और मेंटल हेल्थ के लिए क्या करें? हमारा जवाब है सूर्य नमस्कार। जी हां, अगर आपको सुबह समय नहीं मिल पा रहा, तो आप शाम के समय भी सूर्य नमस्कार का अभ्यास कर सकती हैं। यहां हम बता रहे हैं सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar benefits in the evening) करने का सही तरीका और इसके फायदे।
12 आसनों और 10 अंगों की मदद से किया जाने वाला सूर्य नमस्कार न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य प्रदान करता है, बल्कि तनाव भी भगाता है। यदि समय की कमी के कारण इसे आप सुबह नहीं कर पाती हैं, तो शाम को भी इसका अभ्यास कर सकती हैं। शाम में सूर्य नमस्कार करने के वे ही फायदे मिलते हैं, जो सुबह करने से मिलते हैं।
डिवाइन सोल योगा के सीनियर योगा इंस्ट्रक्टर और थेरेपिस्ट ज्ञान प्रकाश कहते हैं, “सूर्य नमस्कार संपूर्ण व्यायाम है। इसके अभ्यास की शर्त बस इतनी सी है कि आप सकारात्मक ऊर्जा के साथ इसका अभ्यास करें और खाली पेट हों। तो ये सुबह या शाम कभी भी किया जा सकता है। ”
थेरेपिस्ट ज्ञान प्रकाश जोर देकर कहते हैं, “प्रोफेशनल लाइफ में बिजी शेड्यूल के कारण समय का अभाव होता है। इसके कारण कई ढेर सारे प्रोफेशनल ऑफिस से लौटने के बाद योग और सूर्य नमस्कार करते हैं। ऑफिस गोअर्स और हाउस वाइफ दोनों इसे शाम में भी कर सकती हैं। कई योगा क्लासेज शाम को सूर्य नमस्कार सिखाते हैं।
इसमें ध्यान सिर्फ इतना रखना है कि सूर्य नमस्कार करते वक्त आपका पेट खाली हो। आपने कम से कम 2 घंटे से कुछ खाया नहीं हो।’
झान प्रकाश के अनुसार, “सुबह सूर्य को प्रणाम करते हुए सूर्य नमस्कार किया जाता है। दरअसल, सुबह में सूर्य की किरणें सकारात्मक ऊर्जा रिलीज करती हैं और व्यक्ति में पॉजिटिव वाइब्स भरती हैं। इस समय संपूर्ण वातावरण शांत होता है और आप अपना माइंड कॉन्सन्ट्रेट करने में सक्षम होती हैं।
जैसा कि नाम से स्पष्ट है, सूर्य नमस्कार संस्कृत के दो शब्दों “सूर्य” और “नमस्कार” यानी आशीर्वाद से बना है। इसलिए इसे सुबह करना सबसे अच्छा माना जाता है। यदि आपके पास समय की कमी है, तो इसे शाम के समय करने से भी उतने ही लाभ मिलते हैं, जितना सुबह में करने से।”
यह भी ध्यान में रखनी चाहिए कि इसके सभी स्टेप्स सही हों। सूर्य नमस्कार न सिर्फ स्ट्रेस रिलीज करता है, बल्कि ब्लड सर्कुलेशन और डायजेस्टिव सिस्टम में सुधार लाता है। लगातार बैठ कर ऑफिस वर्क करने के कारण बढ़े हुए बेली फैट को भी कम करने में मदद करता है।
आपने गौर किया होगा कि सुबह में शरीर स्टिफ होता है। जो भी आसन हम करते हैं, उसके लिए पर्याप्त फ्लेक्सिब्लिटी हासिल करने में हमें कठिनाई होती है। पहली बार सूर्य नमस्कार सीखने वालों के लिए यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। वहीं दूसरी ओर शाम में लगातार काम करने के बाद बॉडी वार्म रहता है। इससे बॉडी फ्लेक्सिबल भी हो जाती है।
सूर्य नमस्कार करने की विधि
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंसीधी खड़े हो जाएं। अपनी दोनों हथेलियों को प्रणाम की मुद्रा में लाएं। एक गहरी सांस लें। दोनों कंधों को रिलैक्स कर लें।
सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं। इससे पूरे शरीर में खिंचाव महसूस होगा।
अब सांस लेते हुए पैरों को भी स्ट्रेच करें। एक घुटने को जमीन पर रखते हुए ऊपर की ओर देखें। दूसरे घुटने को पीछे की ओर रखें।
धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस दौरान हिप्स और टेल बोन को ऊपर उठाएं।
सांस छोड़ते हुए छाती और ठुड्डी को जमीन पर रखें।
छाती को भुजंगासन में ले जाते हुए धीरे-धीरे सांस लें।
सांस छोड़ते हुए हिप्स और टेल बोन को ऊपर उठाएं।
हर बार हिप्स और टेल बोन को ऊपर उठाते समय चेस्ट को वी शेप में रखने की कोशिश करें।
धीरे-धीरे सांस लेते हुए बाएं पैर को पीछे ले जाएं। शरीर को स्ट्रेट रखें। अपने हाथों को भी स्ट्रेट रखें।
अपने चेहरे को ऊपर की ओर रखते हुए दाहिना पैर दोनों हाथों के बीच ले जाएं। बाएं घुटने को जमीन पर रखें।
सांस छोड़ते हुए दाएं पैर को आगे की ओर कर लें और हथेलियों को जमीन से टिका दें। यदि इसे करने में कठिनाई अनुभव होती है, तो घुटनों को मोड़ भी सकती हैं। इस दौरान नाक को घुटनों से सटाने की कोशिश की जाती है।
धीरे-धीरे सांस लें और स्पाइनल कॉर्ड या बैक बोन को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। हाथों को ऊपर पीछे की ओर ले जाएं। हिप्स को आगे की ओर करें।
सांस छोड़ते हुए बॉडी को स्ट्रेट करें। हाथों को नीचे की ओर करें। शरीर को ढीला छोड़ते हुए रिलैक्स कर सकती हैं।
नुकसान के जोखिम को कम करने के लिए इसे करने से पहले वार्मअप करें।
कभी-भी जल्दबाजी में सूर्य नमस्कार नहीं करें। रिलैक्स होकर ही इसे करना चाहिए। गलत ढंग से बनाए जाने वाली योग मुद्राओं से स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल सकता है।
सांसों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।
यह भी पढ़ें:-वेट लॉस के लिए डांस शुरू कर रहीं हैं, तो जान लें इसके बारे में 9 जरूरी बातें