World Organ Donation Day : अगर आप भी ऑर्गन डोनेट कर किसी का जीवन बचाना चाहती हैं, तो जानिए क्या है इसकी प्रक्रिया

आज मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है, कि उस अंग के बदले नया अंग लगाकर व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है। मगर दुर्भाग्य से अब भी हमारे पास इनकी पर्याप्त संख्या मौजूद नहीं है।
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समझें क्यों जरूरी है अंग दान करना। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 12 Aug 2023, 20:00 pm IST
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शरीर का हर अंग महत्वपूर्ण है। खासतौर से इंटरनल ऑर्गन, इतने ज्यादा महत्वपूर्ण हैं कि किसी एक अंग के खराब होने पर भी व्यक्ति के जीवन पर संकट आ सकता है। मगर आज मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है, कि उस अंग के बदले नया अंग लगाकर व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है। मगर दुर्भाग्य से अब भी हमारे पास इनकी पर्याप्त संख्या मौजूद नहीं है। भारत में कई लोग ऑर्गन फेलियर के बाद नया ऑर्गन न मिलने के कारण अपनी जान गवां देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है जागरुकता की कमी। अंग दान के महत्व और इसके प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य ये ही हर वर्ष 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस (World Organ Donation Day) मनाया जाता है।

हेल्थ शॉट्स ने वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे के मौके पर डीपीयू प्राइवेट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पिंपरी पुणे के सीनियर कंसल्टेंट, एचपीवी और लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ मनोज डोंगर से बात की। डॉ मनोज ने अंग दान संबंधी जरूरी जानकारियां हमारे साथ साझा कीं।

लोगों में अंगदान यानी कि ऑर्गन डोनेशन के प्रति जागरुकता पैदा करना बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए स्वास्थ्य संस्थान, स्कूल, कॉलेज जैसी सभी जगहों पर योजनाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है। एक व्यक्ति मृत्यु के बाद लगभग 7 से 8 लोगों को नई जिंदगी दे सकता है।

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बेहद महत्वपूर्ण है अंग दान करना। चित्र : एडॉबीस्टॉक

वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे 2023 (World Organ Donation Day)

हर साल 13 अगस्त को विश्व अंग दान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मानाने का मुख्य मकसद अंग दान यानि की ऑर्गन डोनेशन के महत्व के बारे में लोगों के बिच जागरूकता फैलाना है और इसे लेकर लोगों के बिच बनी अवधारणाओं की सच्चाई से उन्हें अवगत करवाना है। इस दिन स्वास्थ्य संगठनों द्वारा तमाम योजनाएं चलाई जाती हैं जिसका एकमात्र उद्देश्य मुख्य रूप से अधिक जीवन बचाने के लिए मृत्यु के बाद अंग दान करने के महत्व पर लोगों को प्रोत्साहित करना और शिक्षित करना है।

भारत में केवल 0.2 प्रतिशत हृदय मरीजों को ही मिल पाता है जीवन

एम्स के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास के अनुसार, “हृदय मानव शरीर में सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, और इसकी विफलता जीवन के लिए खतरा हो सकती है। 85 सफल हृदय परीक्षण करने के लिए हमें एम्स की चिकित्सा टीमों पर गर्व है।” हार्ट ट्रांसप्लांट हृदय रोगों (सीवीडी) के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो देश में मृत्यु और विकलांगता का प्रमुख कारण हैं।

भारत में लगभग 10 मिलियन मरीज हृदय विफलता से पीड़ित हैं, जिनमें से 50,000 को हार्ट ट्रांसप्लांटेशन की आवश्यकता होती है। हालांकि, भारत में हर साल केवल 90 से 100 हार्ट ट्रांसप्लांट किये जाते हैं। इसका मतलब यह है कि प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले केवल 0.2% मरीज ही जीवित बचते हैं बाकी मरीज या तो अपनी जान गवां देते हैं या कुछ दिन तक अस्वथ जिंदगी जीते हैं।

जागरुकता की कमी, अंग दान की कम संख्या, प्रत्यारोपण के लिए अंगों की उपलब्धता और प्रत्यारोपण की मांग के बीच अंतर में योगदान देने वाला एक प्रमुख कारक हैं। इसलिए लोगों के बिच इस विषय को लेकर उचित जानकारी और जागरूकता होनी चाहिए।

जानें क्या हैं ऑर्गन डोनेशन के आंकड़े

स्वास्थ्य मंत्रालय के अपने आंकड़ों के अनुसार, 2014 में डोनर की संख्या (मृतकों सहित) 6,916 से बढ़कर 2022 में केवल 16,041 हुई। यह आकड़ा बेहद कम है। इंडियन सोसाइटी ऑफ ऑर्गन ट्रांसप्लांट्स के सचिव विवेक कुटे के अनुसार भारत में मृतक अंग दान की संख्या प्रति एक मिलियन व्यक्ति पर एक है। हालांकि, भारत की तुलना में विदेशों में अंग दान दर अधिक है, क्योंकि वहां लोग अधिक जागरुक और शिक्षित हैं।

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सभी को है स्वस्थ रहने का हक़. चित्र : एडॉबीस्टॉक

समझें क्यों जरूरी है अंग दान करना (Importance of donate an organ)

अंग दान प्राप्तकर्ताओं को लंबे समय तक जीवित रहने और जीवन की उच्च गुणवत्ता प्राप्त करने की अनुमति देता है। ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन किसी व्यक्ति का जीवन बचा सकता है और ट्रांसप्लांटेशन तब ही मुमकिन है जब कोई व्यक्ति अपना ऑर्गन डोनेट करे।

नेत्र और टिशू दान के माध्यम से, एक अंग दाता सात लोगों की जान बचा सकता है और कई लोगों को लाभान्वित कर सकता है। इसके लिए डोनर को जीते जी ऑर्गन डोनेशन की साईट पर रजिस्टर करवाना होता है और डोनर के मृत्यु के बाद उनके परिवार के सदस्यों को अंगों और ऊतकों को दान करने के लिए सहमति देनी होती है।

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अब जानें ऑर्गन डोनेशन के लिए खुद को कैसे करना है रजिस्टर

यदि कोई व्यक्ति ऑर्गन डोनर बनना चाहता है, तो उन्हें बताये गए इन स्टेप्स को फॉलो करने की आवश्यकता है। तो क्यों न आज वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे के मौके पर खुदको डोनेशन के लिए रजिस्टर करें। ऐसा करने से आप किसी की जान बचा सकती हैं। यह एक सकारात्मक भावना है जो आपको मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहने में मदद करेगा।

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अंगदान के बारे में जरूरी जानकारी यहां दी गई है। चित्र : शटरस्टॉक

स्टेप 1 : आधिकारिक वेबसाइट से डोनर फॉर्म डाउनलोड करें। यह निःशुल्क है और इसमें कोई लागत शामिल नहीं है। कुछ वेबसाइटें जो आपको अंग दाता बनने की अनुमति देती हैं उनमें नेशनल ऑर्गन टिशू ट्रांसप्लांट (NOTTO), रीजनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांस्पलेंट (ROTTO) शामिल हैं, जो सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज की वेबसाइट और मुंबई में KEM हॉस्पिटल, govt, मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल ओमनादुरार, चेन्नई में मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, इंस्टीट्यूट ऑफ पीजी मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, कोलकाता और असम में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज सहित अन्य।

स्टेप 2 : फॉर्म डाउनलोड करने के बाद, “अंग (organ)/देह (body) दान” फॉर्म भरें।

स्टेप 3 : इसके बाद, आपको डोनर फॉर्म पर दो गवाहों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी, जिनमें से एक व्यक्ति डोनर का करीबी रिश्तेदार होना चाहिए।

स्टेप 4 : यदि आपका अनुरोध स्वीकार कर लिया जाता है, तो रेजिस्ट्रेशन नंबर वाला एक डोनर कार्ड आपके आधिकारिक पते पर भेजा जाएगा।

स्टेप 5 : एक बार जब कोई व्यक्ति डोनर बन जाता है, तो उसे यह निर्णय अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करनी चाहिए।

नोट : यदि किसी व्यक्ति ने पहले से रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया होता है और हॉस्पिटल में या घर पर ऑर्गन डोनेशन पेपर पर हस्ताक्षर किए बिना यदि उनकी मृत्यु हो जाती है तो अस्पताल अपंजीकृत दान भी स्वीकार करता है। उस स्थिति में, परिवार का कोई सदस्य सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद मृत व्यक्ति के अंगों को दान करने का निर्णय ले सकता है।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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