इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यदि आप अच्छी नींद नहीं लेते हैं, तो आप अच्छा महसूस नहीं करते हैं। आप कम ऊर्जा, चिड़चिड़े मूड और यहां तक कि तेज़ भूख से भी पीड़ित को भी महसूस कर सकते है। लेकिन एक नए अध्ययन में यह भी पाया गया है कि खराब नींद से आपकी उम्र बढ़ सकती है या फिर ये आपको ऐसा महसूस करवा सकती है कि आप बहुत अधिक बूढ़े हो गाए है।
रॉयल सोसाइटी जर्नल में प्रकाशित इस लेख में शोधकर्ताओं ने दो अध्ययनों को रिपोर्ट किया है। पहला अध्ययन सर्वे पर आधारित था। सभी 429 प्रतिभागियों उम्र 18-70 से दो प्रश्न पूछे गए। एक उनकी कथित उम्र के बारे में और दूसरा यह कि उन्हें पिछले महीने में कितनी रातों में ठीक से नींद नहीं आई।
दूसरे अध्ययन में 186 लोगों उम्र 18-46 को शामिल किया गया, जिन्होंने प्रायोगिक सेटिंग में अल्पकालिक नींद संतृप्ति और अभाव की तुलना कथित उम्र से की। दो रातों के लिए, प्रतिभागियों को नौ घंटे बिस्तर पर रहना होगा और अन्य दो रातों के लिए, वे केवल चार घंटे बिस्तर पर रहेंगे। इनमें से प्रत्येक परिदृश्य के बाद अनुमानित उम्र को जानने की कोशिश की गई।
दोनों अध्ययनों के परिणामों से पता चला है कि पर्याप्त नींद नहीं मिलने पर ज्यादातर लोग खुद को बूढ़ा महसूस करते हैं। विशेष रूप से, सर्वे वाले अध्ययन में पाया गया कि महीने के प्रत्येक दिन प्रतिभागियों ने खराब नींद ली, उन्हें खुद को लगभग एक चौथाई वर्ष अधिक उम्र का महसूस किया।
प्रायोगिक समूह के लोगों में उम्र बढ़ने का अनुभव और भी अधिक स्पष्ट था। दो रातों की नींद पर प्रतिबंध के कारण लोगों को औसतन नौ घंटे बिस्तर पर रहने की तुलना में लगभग 4.5 वर्ष अधिक उम्र का महसूस हुआ।
हालांकि इस अध्ययन के परिणाम व्यावहारिक हैं, इस क्षेत्र में भविष्य के शोध में नींद की गुणवत्ता और अवधि को मापने के लिए स्लीप ट्रैकर शामिल हो सकते हैं, न कि केवल बिस्तर पर बिताए गए समय को ही इसके परिणामों का अंतिम चरण मान लेना चाहिए।
रोज तेज गति से टहलने से न केवल आपका वजन कम होगा, बल्कि इससे आप रात में भी कम जागेंगे। व्यायाम मेलाटोनिन जैसे प्राकृतिक नींद हार्मोन के प्रभाव को बढ़ाता है। बस अपने वर्कआउट का समय पर ध्यान दें। सोने के समय के बहुत करीब व्यायाम करना उत्तेजक हो सकता है।
जब तक हम बच्चे होते और मां एक कहानी पढ़कर सुनाती थी और हर रात आपको बिस्तर पर लिटाती थी, तो यह आरामदायक रूटीन हमें सुलाने में मदद करती है। जब हम बड़े हो जाते है तो भी सोते समय रूटीन को फॉलो करना एक प्रभाव डाल सकता है।
कोई भी रूटीन जब आप बार बार करते है तो ये शरीर और दिमाग को यह संकेत देने में मदद करते हैं कि सोने का समय होने वाला है।
भूखा पेट आपको जगाए रख सकता है, लेकिन अत्यधिक भरा हुआ पेट भी ऐसा कर सकता है। सोने के दो से तीन घंटे के भीतर भारी भोजन खाने से बचें। यदि आपको सोने से ठीक पहले भूख लगती है, तो आपको संतुष्ट करने के लिए एक हल्का स्नैक्स लेना चाहिए।
यदि आप सोने से पहले खाना खाते है, तो वाइन और चॉकलेट को इसका हिस्सा नहीं होना चाहिए। चॉकलेट में कैफीन होता है, जो उत्तेजक होता है। शराब का भी ऐसा ही असर होता है। यह आपको थोड़ी नींद देता है, लेकिन एक उत्तेजक होता है और रात भर आपकी नींद में खलल डालता है।
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