क्षमता से ज्यादा कुछ भी खाना ओवरइटिंग कहलाता है, जो शरीर में ब्लोटिंग का कारण बनने लगता है। इससे पेट में ऐंठन, एसिडिटी और पेट फूलने की समस्या बढ़ जाती है। इससे पाचन क्रिया मंद होने लगती है और पेट पर एक्स्ट्रा फैट भी जमा हो जाते हैं। खासतौर पर वे लोग जो लंबे वक्त तक बैठकर काम करते हैं, उन्हें ब्लोटिंग की समस्या अक्सर घेरे रखती है। अगर आप ओवरइटिंग के बाद पेट को डीब्लोट करना चाहती हैं, तो कुछ आसान नुस्खे इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। ब्लोटिंग समेत पेट संबधी अन्य समस्याओं से राहत पाने के लिए इन चीजों का सेवन करें (tips to relieve bloating)।
इस बारे में मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि आहार में परिवर्तन या अनियमित डाइट ब्लोटिंग का कारण बनने लगते हैं। इसके अलावा फ्राइड फूड (fried food), डिहाइड्रेशन (dehydration) और कई प्रकार की दवाएं भी इस समस्या बढ़ा देती है। ऐसे में कुछ भी खाने के बाद पेट फूला हुआ लगने लगता है। दरअसल, महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण होने वाली एंडोमेट्रियोसिस और ओवरी फाइब्रॉएड भी ब्लोटिंग (bloating) का कारण बन सकते हैं। ऐसे में खुद को हेल्दी बनाए रखने के लिए और नेचुरली डिटॉक्स होने के बाद नींबू, अदरक और खारी फायदेमंद होते हैं। इसमें पाए जाने वाले गुण पाचन को मज़बूत बनाते हैं।
मंद पाचनक्रिया को हेल्दी बनाए रखने के लिए सौंफ को चबाकर खाने से इसमें मौजूद एंजाइम्स खाने को पचाने में मदद करते हैं। विटामिन सी से भरपूर सौंफ में एनेथोल और एस्ट्रैगोल जैसे तत्व पाए जाते हैं। जो एसिडिटी और ब्लोटिंग से शरीर को बचाता है। इसमें पाया जाना वाले डाइटरी फाइबर बार बार भूख लगने की समस्या को भी हल करता है। इससे आप खुद को ओवरइटिंग से बचा सकते है। इसे आप खाना खाने के बाद आधा चम्मच खा लें।
शरीर को डिटॉक्स करने के लिए अदरक का रस बेहद कारगर उपाय है। एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लामेंटरी गुणों से भरपूर कुछ बूंद अदरक के रस को शहद में मिलाकर पीने से ब्लोटिंग की समस्या हल हो जाती है। साथ ही सर्दी खांसी से भी बचा जा सकता है। इससे डाइजेशन संबधी समस्याएं हल होने लगती है और शरीर एसिडिटी से भी बचा रहता है।
मेटाबॉलिज्म को हेल्दी बनाए रखने के लिए अजवाइन बेहद फायदेमंद है। इसके सेवन से पेट में गैस और ब्लोटिंग से राहत मिल जाती है। अजवाइन को नमक में बराबर मात्रा में मिलाकर गुनगुने पानी के साथ निगलने से ब्लोटिंग की समस्या हल हो जाती है। इसके अलावा 1 कप पानी में आधा चम्मच अजवाइन को उबालकर पीने से पेट में मौजूद टॉक्सिक पदार्थ डिटॉक्स हो जाते हैं। अजवाइन टी के सेवन से रेस्पिरेट्री प्रोब्लम्स भी हल होने लगती हैं।
खाने के ज़ायके को बदलने वाली दालचीनी उसके पाचन में भी फायदेमंद साबित होती है। कुछ भी खाने से पहले सुबह खाली पेट दालचीनी को पानी में उबालकर पीने से मेटाबोलिक सिंड्रोम से राहत मिलती है। पेट डीब्लोट होने लगता है और पेट में जमा चर्बी भी बर्न होने लगती है। दालचीनी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट पाचनतंत्र को मज़बूत बनाते हैं।
खाना खाने के बाद अगर आप पेट में ऐंठन या एसिडिटी महसूस कर रह हैं, तो पुदीने की पत्तियों का चबाने और इसके रस को पीने से मदद मिलती है। पुदीने के पाउडर को भी पानी में मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद एंजाइम्स पाचनतंत्र को मज़बूत बनाए रखते हैं। पुदीन की पत्तियों को चबाने से उल्टी और लो एपिटाइट की समस्या हल होने लगती है।
एनआईएच के अनुसार नींबू में पाए जाने वाले एसिड पेट संअधी समस्याओं को दूर करने में मदद करते है। विटामिन सी से भरपूर नींबू के रस को खाली पेट पीने से अपच से बचा जा सकता है। साथ ही वेटलॉस में भी मदद मिलती है। अगर आप पेट को डीब्लोट करना चाहती हैं, तो सुबह खाली पेट नींबू को पानी में मिलाकर पी लें।
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