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प्रदूषण पहुंचा रहा है त्वचा को नुकसान, तो जानिए आप अपनी स्किन को कैसे प्रोटेक्ट कर सकती हैं

चेहरे की त्वचा को मुलायम और क्लीन बनाए रखने के लिए स्किन केयर रूटीन का ख्याल रखना आवश्यक है। स्किन का ख्याल न रख पाने से त्वचा धूल व मिट्टी के संपर्क में आने लगती है। जो स्किन को कई प्रकार से प्रभावित करती हैं। जानते है त्वचा की देखरेख के लिए किन टिप्स को करें फॉलो।
Published On: 13 Oct 2023, 05:00 pm IST
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Ghar se bahar nikaliye in skin care tips ke sath
चेहरे की त्वचा को मुलायम और क्लीन बनाए रखने के लिए स्किन केयर रूटीन का ख्याल रखना आवश्यक है। शटरस्टॉक

प्रदूषण (Pollution) हमारी ओवरऑल हेल्थ के अलावा स्किन को भी कई प्रकार से प्रभावित करता है। स्किन केयर रूटीन को फॉलो न कर पाने के कारण चेहरे पर एक्स्ट्रा आयल की लेयर्स बनने लगती है। जो चेहरे पर एक्ने, रैशेज और इचिंग का कारण बनता है। इसके अलावा प्रीमेच्योर स्किन एजिंग (Premature skin ageing) का जोखिम भी बढ़ने लगता है। चेहरे की त्वचा को मुलायम और ग्लोइंग बनाए रखने के लिए स्किन क्लीजिंग से लेकर मॉइश्चराइजिंग तक सभी कुछ आवश्यक है। हार्मफुल एयर और पॉल्यूटेंटस से चेहरे की त्वचा को बचाने के लिए कुछ खास बातों का ख्याल रखना आवश्यक है। जानते हैं कि प्रदूषण हमारे चेहरे को कैसे नुकसान पहुंचाता है (Pollution affects skin) और इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है।

प्रदूषण का स्किन पर क्या प्रभाव पड़ता है

1. झाइयों का जोखिम बढ़ाएं

वायु प्रदूषण के संपर्क में आते ही स्किन मुरझा जाती है। इससे त्वचा की नमी खाने लगती है। जो चेहरे को बेजान बना देती है। स्किन सेल्स में घटने वाली कोलेजन की मात्रा चेहरे पर पिगमेंटेशन (pigmentation) के खतरे को बढ़ाती है। इससे गालों और होठों के पास झाइयां होने का खतरा बना रहता है।

Pollution se skin damage ka khatra badh jaata hai
वायु प्रदूषण के संपर्क में आते ही गालों और होठों के पास झाइयां होने का खतरा बना रहता है।

2. टैनिंग का खतरा

धूप व पॉल्यूशन त्वचा के रंग को गहरा करने लगते हैं। इससे चेहरे व गर्दन की स्किन डार्क होने लगती हैं। दरअसल, स्मॉग में मौजूद कई प्रकार के तत्व त्वचा के लिए हानिकारक साबित होते हैं। पर्यावरण में पाई जाने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड त्वचा की नमी को छीन लेती है। वहीं पर्यावरण में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (nitrogen स्किन की ड्राईनेस को बढ़ाने व डिसकलरेशन का कारण साबित होती है।

3. एजिंग साइंस

बिना किसी प्रोटेक्शन के धूप व मिट्टी के कॉटेक्ट में आने से त्वचा में मेलानिन का प्रभाव बढ़ने लगता है। इससे चेहरे पर फाइन लाइंस बनने लगती है। जो अर्ली एजिंग साइंस का संकेत हो सकता है। चेहरे की त्वचा की इलास्टिसिटी को बनाएरखने के लिए चेहरे को प्रदूषण से बचाना आवश्यक है।

4. स्किन पोर्स ब्लॉक होना

पर्यावरण में फैली गंदगी के संपर्क में आते ही स्किन पोर्स यानि रोम छिद्र डस्ट और अतिरिक्त तेल से भर जाते हैं। इससे चेहरे पर बार बार होने वाले पिंपल्स की समस्या से जूझना पड़ता है। इसके अलावा डस्ट से पोर्स लार्ज भी होने लगते हैं। इससे स्किन धीरे धीरे मुरझाने लगती है।

जानते हैं चेहरे को प्रदूषण के दुष्प्रभाव से कैसे बचाएं

1. डीप क्लीजिंग है आवश्यक

बाहर निकलते ही प्रदूषण (pollution) चेहरे को अपनी चपेट में ले लेता है। नतीजन चेहरे पर संक्रमण और एक्स्ट्रा आयल जमा होने लगता है। जो एक्ने और ब्लैक व व्हाइट हैड्स का कारण साबित होते हैं। चेहरे की त्वचा का ख्याल रखने के लिए घर पहुंचते ही डीप क्लीजिंग (deep cleansing) बेहद आवश्यक है। इसके लिए माइल्ड फेसवॉश लेकर चेहरे पर 15 से 20 मिनट तक मसाज करें और फिर चेहरे को धो दें। इससे चेहरे की त्वचा डीप क्लीन (deep clean) होने लगती है। इसके अलावा त्वचा में मौजूद डस्ट पार्टिकल (dust particle) बाहर आ जाते हैं। दिन में दो बार चेहरे को वॉश ज़रूर करें। उसके बाद चेहरे को नर्म तौलिए या रूमाल से साफ करें। अन्यथा फाइन लाइंस का खतरा बढ़ने लगता है।

water based cleanser se skin ko saaf karen
वॉटर बेस्ड क्लींजर से फेसवॉश करें। चित्र: शटरस्टॉक

2. एंटी पॉल्यूशन फेस मास्क

टॉक्सिक पॉल्यूटेंटस के प्रभाव से चेहरे को बचाने के लिए फेस मास्क का चेहरे पर लगाएं। इससे चेहरे पर मौजूद डस्ट और डर्ट पूरी तरह से क्लीन होने लगती है। इसके अलावा चेहरे की त्वचा क्लीन और मुलायम हो हाती है। स्किन नरिशमेंट के लिए सप्लाह में दो बार फेस मास्क को चेहरे पर लगाएं। इससे स्किन का खुरदरापन और टैनिंग दूर होने लगती है। डीप क्लीजिंग के बाद चेहरे की त्वचा को मुलायम बनाने के लिए फेस मास्क को 10 से 15 मिनट तक चेहरे पर लगाए रखें।

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3. मॉइश्चराइजर अप्लाई करें

चेहरे की त्वचा को मॉइश्चराइज करने के लिए फेसवॉश के बाद मॉइश्चराइजर (moisturizer) ज़रूर अप्लाई करें। इससे स्किन क्लीन एंड क्लीयर होती है। साथ ही मौसम बदलने के साथ होने वाली रूखेपन की समस्या से भी बचा जा सकता है। स्किन टाइप को ध्यान में रखते हुए मॉइश्चराइजर (moisturizer) को चुनें। अन्यथा चेहरे की चिपचिपाहट भी बढ़ने लगती है। घर से बाहर निकलने से पहले या रात को फेसवॉश के बाद मॉइश्चराइजर को चेहरे पर लगाना ज़रूरी है।

4. सनस्क्रीन लगाएं

चेहरे को यूवी रेज़ से बचाए रखने के लिए सनब्लॉक क्रीम (sunblock cream) या एसपीएफ का लगाना आवश्यक है। इसे दिन में दो बार लगाने से चेहरे को सन डैमेज और पॉल्यूशन से बचाया जा सकता है। त्वचा के हिसाब से एसपीएफ का ख्याल रखें। इसके अलावा सनस्क्रीन (sunscreen) त्वचा को एजिंग के प्रभाव से भी बचाने में कारगर साबित होती है। पी साइज़ सनस्क्रीन को टिप पर लेकर चेहरे पर अच्छी तरह से लगा लें। इससे स्किन यूवी किरणों से बच सकती है।

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सन प्रोटेक्शन है सबसे ज्यादा जरुरी। चित्र : एडॉबीस्टॉक

5. चेहरे को ढ़ककर रखें

स्किन को सन डैमेज (sun damage) और प्रदूषण से बचाने के लिए फेस को ढ़ककर ही बाहर निकलें। इससे आपका चेहरा सूरज की किरणों से प्रभाव से बच जाता है। साथ ही चेहरे व गर्दन पर होने वाली टैनिंग की समस्या भी सुलझ जाती है। स्किन को हेल्दी और नरिश बनाए रखने के लिए चेहरे को हैट या स्कार्फ से ढ़क सकते हैं।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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