नारियल का तेल, बादाम का तेल, जोजोबा तेल, जैतून का तेल- इन सभी तेल का प्रयोग आप स्किन पर कर चुकी होंगी। अब आप मछली के तेल का भी प्रयोग कर सकती हैं। मछली का तेल यानी फिश ऑयल सम्पूर्ण शरीर के लिए फायदेमंद है। अपने गुणों के कारण यह हृदय स्वास्थ्य और मेंटल हेल्थ के लिए बहुत अधिक लाभदायक माना जाता है। कई शोध निष्कर्ष मछली के तेल को त्वचा और बालों की देखभाल के लिए बढ़िया मानते हैं। इसे ब्यूटी रेजीम में शामिल करने पर जोर देते हैं। आइये जानते हैं कि फिश आयल ब्यूटी हैक्स किस तरह फायदेमंद (Fish Oil ke fayde) है। क्या इसे आज़माया जा सकता है।
मैरीन ड्रग्स जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, फिश ऑयल ऑयली फिश के टिश्यू से मिलता है। मछली के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड, ईकोसैपेंटेनोइक एसिड और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड होते हैं। ईकोसैनोइड्स कंपाउंड भी होते हैं, जो शरीर के साथ-साथ स्किन की सूजन को भी कम करते हैं। फिश आयल हाइपरट्राइग्लिसराइडिमिया में भी सुधार करते हैं।
मैरीन ड्रग्स जर्नल के अनुसार,मछली में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड बेहद हाइड्रेटिंग होते हैं। वे पानी की कमी को रोकने के लिए स्किन बैरियर का काम कर सकते हैं। यदि स्किन पर किसी स्थान पर ड्राई पैचेज हैं, तो इसका उपयोग करना सबसे अच्छा होता है। आंखों के पास या चेहरे के किनारों के आसपास छोटे-छोटे खुरदुरे धब्बों पर इसे हलके हाथ से लगाया जा सकता है। शरीर के अन्य स्थानों जैसे कोहनी और घुटनों की ड्राई स्किन पर भी लगाया जा सकता है।
फिश ऑयल सप्लीमेंट (Fish Oil Supplement) ओरली लेने पर सूजन, सूखापन, एरिथेमा (redness) और खुजली के लक्षण भी कम हो सकते हैं। यह सोरायसिस को भी कम कर सकता है। यदि पिम्पल्स की समस्या है, तो फिश आयल नहीं लगायें। यह ब्रेकआउट का कारण बन सकता है।
मछली के तेल के सूजन-रोधी गुण एक्जिमा, सनबर्न या सामान्य रूप से संवेदनशील त्वचा सहित सूजन वाली त्वचा की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। तेल एपिडर्मल सेल बैरियर को ठीक करने, त्वचा की ताकत बढ़ाने और त्वचा में डीएनए की क्षति को कम करने में मदद करते हैं। थोड़ी मात्रा लगाने पर भी असर करता है, लेकिन स्किन को अवशोषित करने के लिए समय दें। इसकी गंध से यदि परेशानी होती है, तो फिश आयल के घटक वाले स्किन केयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्किन पर छोटा-मोटा कट या खरोंच लग गई है, तो थोड़ा सा मछली का तेल लगाया जा सकता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं। रिसर्च रिव्यु के अनुसार, इससे क्रोनिक अल्सर और अन्य स्किन घावों के उपचार में भी सुधार हो सकता है।
मछली के तेल में मौजूद ईपीए शरीर के यूवी किरणों से आंतरिक सुरक्षा को बढ़ा सकता है। सनस्क्रीन के समान यह सूजन-रोधी होता है। ध्यान दें कि फिश आयल एसपीएफ़ 30 वाले सनस्क्रीन का यह विकल्प नहीं हो सकता है। मछली के तेल युक्त आहार सुरक्षा की एक और परत जोड़ सकता है। यह सनबर्न से होने वाली क्षति को ठीक करने में मदद कर सकता है। सूरज से प्रेरित डीएनए क्षति के संकेतों को कम कर सकता है। यह फोटो-एजिंग के संकेतों को कम कर सकता है।
जर्नल ऑफ़ कॉस्मेटोलोजी एंड डर्मेटोलोजी के अनुसार, फिश ऑयल की गंध के कारण इससे सिर की मालिश नहीं की जा सकती है। इसकी बजाय मछली के तेल का पूरक (Fish Oil Supplement for Hair Health) लिया जा सकता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड के मॉइस्चराइजिंग गुण का लाभ बालों को मिलता है। मछली का तेल त्वचा में सीबम (Oil) उत्पादन को प्रबंधित करने में मदद करता है। इससे बालों के स्वास्थ्य में सुधार होता है। संतुलित सीबम प्रोडक्शन बालों को प्राकृतिक रूप से कंडीशनिंग करने, स्कल की सूजन की स्थिति और रूसी को रोकने में मदद करता है।
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