जब वजन बढ़ा हुआ होता है तो शरीर में फैट होता है जिससे स्किन नॉर्मल रहती है। लेकिन जैसे ही हम अपने वजन को कम करते है तो बॉडी से फैट कम हो जाता है तो स्किन में स्ट्रेच मार्क्स हो जाते है। ये बिल्कुल उसी तरह होता है जैसे महिलाओं को प्रेगनेंसी के बाद स्ट्रेच मार्क्स का होना।
एक्ट्रेस जरीन खान ने कुछ समय पहले अपने इंस्टाग्राम पर अपनी एक फोटो शेयर की थी। लोगों ने उनके पेट के स्ट्रेच मार्क्स को लेकर उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। उन्होंने जवाब देते हुए कहा, “यह एक ऐसे व्यक्ति का प्राकृतिक पेट है जिसका वजन 50 किलोग्राम से अधिक कम हो गया है। यह इस तरह दिखता है।”
कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में स्ट्रेच मार्क्स होने का खतरा अधिक होता है। जब आपका वजन घटता या बढ़ता है, जब आप व्यायाम करते हैं, वजन कम करते हैं और मांसपेशियां बनाते हैं, तो त्वचा में परिवर्तन होता है और उसकी लोच कम हो जाती है। खासकर यदि आप अपनी त्वचा में सर्कुलेशन को बेहतर बनाने पर ध्यान नहीं देते हैं।
डॉ. अंकुर सरीन जो की एक डर्मेटोलॉजिस्ट है वो बताते है कि अगर आप अचानके से एक साथ बहुत सारा वजन कम कर लेंगे तो ये आफके स्ट्रेच मार्क्स की वजह बन सकता है लेकिन कुछ तरीके है जिससे आप इससे बच सकते है।
तेजी से वजन घटाने से स्ट्रेच मार्क्स की समस्या बढ़ सकती है। संतुलित और टिकाऊ डाइट और एक्सरसाइज रूटिन अपनाकर धीरे-धीरे, स्थिर वजन घटाने का लक्ष्य रखें। स्वस्थ गति से वजन कम करने से नए स्ट्रेच मार्क्स बनने से रोकने में मदद मिल सकती है।
डॉ. अंकुर सरीन बताते है कि आपको 0.5kg वजन ही हर हफ्ते घटाने का लक्ष्य रखना चाहिए। इससे ज्यादा या बहुत अधिक वजन अगर आप कम समय में घटाते है तो इससे स्ट्रेच मार्क्स की समस्या हो सकती है। तेजी से वजन कम करने से स्किन की लोच भी खत्म होने लगती है।
अपनी त्वचा को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखने से इसकी लोच में सुधार हो सकता है और स्किन में खिंचाव के निशान यानि स्ट्रेच मार्क्स दिखना कम हो सकता है। अंदर से हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी पिएं और प्रभावित क्षेत्रों पर स्ट्रेच मार्क्स के लिए विशेष रूप से बनाए गए मॉइस्चराइज़र या क्रीम का उपयोग करें। कोकोआ बटर, शिया बटर, हायल्यूरोनिक एसिड या विटामिन ई जैसे तत्व युक्त उत्पाद सहायक हो सकते हैं।
आप जिस भी क्षेत्र का वजन कम कर रहें है उस जगह पर मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल कर सकते है इससे आपकी स्किन हाइड्रेट रहेगी। और आपको स्ट्रेच मार्क्स से बचने में भी मदद मिल सकती है।
माइक्रोनीडलिंग एक न्यूनतम इनवेसिव कॉस्मेटिक प्रक्रिया है जिसमें त्वचा में माइक्रो इंजरी पैदा करने के लिए बारीक सुइयों वाले एक उपकरण का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया कोलेजन उत्पादन को प्रोत्साहित कर सकती है और स्ट्रेच मार्क्स की उपस्थिति में सुधार कर सकती है।
लेज़र ट्रिटमेंट, जैसे फ्रैक्शनल लेज़र थेरेपी, कोलेजन उत्पादन को उत्तेजित करके और त्वचा में सुधार करके स्ट्रेच मार्क्स को कम करने में मदद कर सकते हैं। लेजर थेरेपी एक योग्य त्वचा विशेषज्ञ या कॉस्मेटिक सर्जन द्वारा की जानी चाहिए।
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