मोबाइल जीवन में अब शायद सांस लेने जितना जरूरी हो गया है। जिसके बिना हम जी नहीं सकते। मगर इसने और बहुत सारी चीजों को नुकसान पहुंचाया है। इनमें सबसे ऊपर है बढ़ता हुआ मोटापा और कमजोर होती मेंटल हेल्थ। हालांकि मोबाइल फोन ने हमारे जीवन को बहुत आसान बना दिया है। किसी से बात करनी हो, किसी से मिलने का मन हो तो वीडियो कॉल कर लो। बच्चों की क्लास भी आज कल फोन पर होती है। मतबल बहुत चीजें केवल फोन के माध्यम से अब संभव है। पर इसकी लत भी उतनी ही खतरनाक है। एक मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से जानते हैं मोबाइल फोन एडिक्शन के दुष्प्रभाव और इससे छुटकारा (how to stop child phone addiction) पाने के उपाय।
सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव कहते हैं, “कुछ बच्चे ऐसे होते हैं, जिन्हे बचपन से ही फोन की लत लग जाती है। कई बार माता-पिता भी बिजी होने के कारण या बच्चे को खाना खिलाने के लिए मोबाइल का लालच देते हैं। यही लालच देखते ही देखते उनमें एडिक्शन बन जाता है। जिससे बच्चे के विकास पर बुरी प्रभाव पड़ सकता है और बच्चा जिद्दी हो जाता है।”
डॉ आशुतोष आगे बताते हैं, “कई स्टडी ये बताती है कि जो बच्चे कम उम्र में स्क्रीन के संपर्क में आ रहे हैं, और जो बच्चे मोबाइल उपकरणों पर ज्यादा समय बिताते हैं, उनमें डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसे व्यवहार संबंधी समस्याएं विकसित होने का खतरा अधिक होता है, जो काफी चिंताजनक है। यदि आप सोच रहे हैं कि बच्चे की फोन की लत कैसे रोकें, तो हम आपको उसके कुछ तरीके बताते है।”
बच्चे के फोन का लत को छुड़ाने के लिए आपको भी खुद पर थोड़ा कंट्रोल करना पड़ेगा। आपको यदि अपने बच्चे के फोन को सीमित करना है तो खुद के फोन चलाने का समय भी निर्धारित करना पड़ेगा। क्योंकि बच्चा जो देखता है वही सीखता है। बच्चे के फोन चलाने को कंट्रोल करने के लिए उसे केवल कुछ समय निर्धारित करके ही फोन दें।
केवल एक घंटे के लिए एक निश्चित समय पर फोन दें। बच्चे को खाना खाते समय कभी भी फोन न दें। माता पिता कई बार ये गलती करते है कि बच्चा खाना नहीं खाता है तो उसे फोन का लालच देते है।
स्मार्टफोन की लत का से बच्चे में अन्य गतिविधियों में भाग लेने की इच्छा या रुचि में कमी आने लगती है, जिससे उसका कई चीजों को सीख पाने का मौका भी खत्म हो सकता है। अपने मोबाइल उपकरणों से चिपके रहने वाले बच्चों के पास अपनी रुचियों को आगे बढ़ाने, बाहरी गतिविधियों में शामिल होने या सामाजिक समारोहों में मौज-मस्ती करने के लिए मुश्किल से ही समय होता है।
आप धीरे-धीरे अपने बच्चे को मोबाइल से बाहर निकालकर उनकी रुचि अन्य चीजों में पैदा कर सकते हैं। जैसे की पार्कों में जाएँ, पैदल यात्रा करें, सैर पर जाएं और उन्हें बाकी दुनिया के साथ फिर से जुड़ने के लिए बढ़ावा दें।
कई माता-पिता काम, परिवार और निजी जीवन में संतुलन बनाने में थोड़ी मुश्किलों का सामना करते है। ये चीजें फिर भी जीवन का हिस्सा है लेकिन अपने बच्चे के साथ बॉन्ड बनाने के लिए समय निकालना जरूरी है। अक्सर बच्चे अकेलेपन से बचने के लिए अपने स्मार्टफोन पर निर्भर हो जाते हैं।
आप अपने काम को खत्म करके सारा समय अपने बच्चों के साथ बिताए और उनके साथ कई अलग अलग गतिविधियों में शामिल हों। बच्चे के साथ अच्छा बॉन्ड बनाने से वे अपनी भावनाओं को आपके सामने खुल कर रख सकेंगे।
बच्चे अकसर हर जगह फोन लेकर ही जाते है चाहे वे बेड रूम हो, डाइनिंग रूम हो। आप कुछ जगाहों को ऐसा विकसित कर सकते है जहां को भी डिजिटल उपकरण ले जाने की इजाजत न हो। खाने के समय या बेड रूम में बच्चों को फोन न ले जाने दें। इसका पालन आप खुद भी करें और अपने बच्चों को भी करवाएं। इसके कारण आपका बच्चा आपके साथ इंट्रैक्शन करेगा।
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