डेंगू मुख्य रूप से संक्रमित एडीज मच्छरों (Dengue from Aedes mosquitoes) के काटने से फैलता है। इन दिनों दिल्ली-एनसीआर सहित भारत के कई राज्यों में इसका प्रसार तेजी से हो रहा है। इससे होने वाली समस्या का खतरा प्रेगनेंट महिला में और अधिक बढ़ जाता है। आमतौर पर प्रसव के दौरान यह मां से नवजात शिशु में फैलने के बारे में नहीं जाना जाता है। ऐसे दुर्लभ मामले सामने आए हैं, जहाँ डेंगू वायरस का वर्टिकल ट्रांसमिशन ((mother to child transmission)) हुआ है। यह ट्रांसमिशन का सामान्य तरीका (Dengue in pregnancy) नहीं है। इसके बारे में विस्तार से दिल्ली के प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एचओडी-इंटरनल मेडिसिन डॉ. अनुराग सक्सेना बता रहे हैं।
डॉ. अनुराग सक्सेना बताते हैं, ‘ मां से बच्चे में डेंगू ट्रांसमिशन का जोखिम कम हैं। अगर प्रसव के समय मां में डेंगू वायरस का वायरल लोड अधिक हो, तो बच्चे में वर्टिकल ट्रांसमिशन (vertical transmission) हो सकता है। वायरस संभावित रूप से नाल (placenta) को पार कर सकता है। यह अजन्मे बच्चे को संक्रमित (infection to unborn child) कर सकता है।’
डॉ. अनुराग सक्सेना के अनुसार, जो गर्भवती महिलाएं डेंगू पॉजिटिव हैं, उन्हें डेंगू के लक्षणों, जैसे तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, दाने और रक्तस्राव की प्रवृत्ति (bleeding tendencies) के लिए बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए।
चूंकि डेंगू मुख्य रूप से मच्छरों के काटने से फैलता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए यह आवश्यक है कि वे मच्छरदानी का उपयोग (mosquito nets) करके, लंबी बाजू के कपड़े पहनकर (long-sleeved clothing) और गर्भावस्था के लिए सुरक्षित मच्छर निरोधकों (mosquito repellents) का उपयोग करके मच्छरों के संपर्क से बचें।
यदि डेंगू के लक्षणों वाली गर्भवती महिला को संदेह है कि उसे डेंगू है, तो उसे तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। उपचार और प्रबंधन के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता की सलाह (healthcare provider’s recommendations) का पालन करना चाहिए।
हाइड्रेशन(Hydration) : पर्याप्त हाइड्रेशन मां और नवजात शिशु दोनों के लिए जरूरी है। बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से रिकवरी प्रक्रिया में मदद मिलती है।
आराम(Rest) : मां और नवजात शिशु दोनों को रिकवर करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए पर्याप्त आराम मिलना चाहिए।
चिकित्सा सलाह का पालन करें (Follow Medical Advice) : मां के लिए डेंगू के उपचार और प्रबंधन के लिए अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर की सलाह का पालन करना जरूरी है। इसमें दर्द से राहत, बुखार कम करने वाली दवाएं और लक्षणों की करीबी निगरानी (Dengue in pregnancy) शामिल हो सकती है।
स्तनपान (Breastfeeding): यदि मां स्तनपान कराने में सक्षम है, तो उसे यह जारी रखना चाहिए। स्तन का दूध आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। नवजात शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मां से नवजात शिशु तक डेंगू के वर्टिकल ट्रांसमिशन का जोखिम ट्रांसमिशन के अन्य तरीकों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है। जो गर्भवती महिलाएं डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में रहती हैं या वहां यात्रा करती हैं, उन्हें डेंगू संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए अपनी पूरी गर्भावस्था के दौरान मच्छरों के काटने से बचाव (Dengue in pregnancy) के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। इसके अलावा, किसी भी गर्भवती महिला को संदेह है कि उसे डेंगू हो सकता है, तो उसे उचित मेडिकल अटेंशन और देखभाल मिलनी चाहिए।
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