तन की दुर्गंध को दूर करने के लिए लोग कई ब्रैंण्डस के परफ्यूम इस्तेमाल करते हैं। इसी के चलते घर से बाहर निकलने से पहले लोग अक्सर अपना पसंदीदा परफ्यूम लगाना नहीं भूलते हैं। मगर आपको ये जानकार हैरानी होगी कि पसंदीदा परफ्यूम का अत्यधिक और नियमित इस्तेमाल स्किन संबधी समस्याओं का कारण बनने लगता है। इसमें पाए जाने वाले हानिकारक कंपाउड स्किन की सेंसिटीविटी को नुकसान पहुंचाकर खुजली और जलन को बढ़ा सकते है। जानते हैं केमिकल युक्त परफ्यूम के कुछ नुकसान और घर पर परफ्यूम बनाने का तरीका(How to make perfumes at home)।
इस बारे में डर्मेटोलॉजिस्ट और ट्राइकोलॉजिस्ट डॉ विदुषी जैन का कहना है कि बाजार में मिलने वाले परफ्यूम और डियोड्रेंट त्वचा को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। परफ्यूम और डियोड्रेंट में इस प्रकार के कंपाउड मौजूद होते हैं, जो स्किन संबधी समस्याओं का कारण साबित होते हैं। इसमें स्किन हार्मिंग सिंथेटिक्स पाए जाते हैं। फाथलेट्स, मस्क केटोन्स और फॉर्मलाडेहाइड जैसे कंपाउड त्वचा की नमी को सोखकर स्किन पर रेडनेस, रैशिज़ और इचिंग का कारण साबित होते हैं।
रॉस युनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसार लंबे वक्त तक और बार बार एक ही परफ्यूम का इस्तेमाल करने से स्किन पर रैशेज की समस्या बढ़ने लगती है। वे लोग जिन्हें केमिकल इन्टोलिरेंस की समस्या होती है, वे कॉन्टेक्ट डर्माटाइटिस का शिकार हो जाते हैं। इससे त्वचा पर लालिमा बढ़ने लगती है और रैशेज की समस्या पैदा हो जाती है।
परफ्यूम का प्रयोग करने से स्किन एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। ये सुगंध परफ्यूम के अलावा साबुन, डिटर्जेंंट समेत अन्य किसी भी प्रोडक्ट में मौजूद हो सकती है। इससे हाथों और उंगलियों के अलावा आंखों के गले के मध्य खराश की समस्या पैदा होने लगती है।
इसमें पाए जाने वाले केमिकल त्वचा पर मौजूद नेचुरल ऑयल को छीन लेते हैं। इससे स्किन में रूखापन बढ़ने लगता है और स्किन फ्लेकी दिखने लगती है। लिमोनेन, इथेनॉल और मेथिलीन क्लोराइड से तैयार होने वाले परफ्यूम स्किन ड्राइनेस को बढ़ा देते हैं।
परफ्यूम की गंध से सूजन की समस्या का खतरा बढ़ने लगता है। वे लोग जिनकी स्किन सेंसिटिव है, उन्हें परफ्यूम के इस्तेमाल से दूर रहना चाहिए। केमिकल के प्रयोग से तैयार परफ्यूम को लगाने से चेहरे और हाथों पर सूजन की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा सिरदर्द और बार बार छींक आने की समस्या का भी सामना करना पड़ता है।
इसे बनाने के लिए एक बाउल में गुलाब की पंखुडियां लें और उसमें कोकोनट ऑयल डालकर रख दें। 2 से 3 घंटे तक भिगोए रखने के बाद पेट्ल्स् को मैश करें और उसमें एसेंशियल ऑयल और पानी को मिलाएं। इस मिश्रण को ओवरनाइट रखने के बाद मलमल के कपड़े से छालकर परफ्यूम को अलग कर दें।
सबसे पहले एक बाउल मोगरा के फूल लें। अब उन्हें एक धागे में पिरो लें। उसके बाद उसे एक कांच की साफ बोतल में डालकर रख दें। इसे इस प्रकार से रखें की वो बोतल के तले से न टकराएं। अब इसे धूप में रख दें। दो से तीन दिन तक धूप में रखने से फूल सूखने लगेंगे और इससे निकलकर इत्र बोलत के तले पर जमा होने लगेगा। अब बोतल को खोलकर इत्र को बाहर निकालें और उसमें एसेंशियल ऑयल व डिस्टिल्ड वॉटर मिलाकर उसे प्रयोग करें।
कांच के बर्तन में 4 चम्मच रोजमेरी ऑयल डालें और उसमें बादाम का तेल समान मात्रा में मिलाएं। अब इसमें अपने मन मुताबिक रोज़ या जैसमीन का एसेंस मिला दें। इसमें 2 बड़े चम्मच डिस्टिल्ड वॉटर की मिलाएं और शेक करें। इस तैयार परफ्यूम को कांच की बॉटल में डालकर इस्तेमाल करें।
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