Side effects of perfume : आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है जरूरत से ज्यादा परफ्यूम का इस्तेमाल

परफ्यूम छिड़कते ही हम फ्रेश महसूस करने लगते हैं। इसकी खुशबू तन और मन दोनों को प्रसन्न कर देती है। क्या आप जानती हैं कि इसमें मौजूद केमिकल के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं? विशेषज्ञ से जानते हैं परफ्यूम किस तरह के स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है।
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जानते हैं केमिकल युक्त परफ्यूम के कुछ नुकसान और घर पर परफ्यूम बनाने का तरीका(How to make perfumes at home)। चित्र : अडोबी स्टॉक
Updated On: 23 Nov 2023, 05:07 pm IST
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Dr. P. Venkata Krishnan
मेडिकली रिव्यूड

सुगंध हमारे तन और मन को प्रेरित कर जाता है। बढ़िया सुगंध मन में बढ़िया विचारों को भी ला सकता है। अकसर हम जब घर से बाहर निकलने लगते हैं, तो अपना पसंदीदा परफ्यूम लगा लेते हैं। पर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पसंदीदा खुशबू कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म भी दे सकता है। कुछ लोगों में यह एलर्जी का भी कारण बनता है। क्या बढ़िया सुगंध वाले परफ्यूम एलर्जी के अलावा और कई स्वास्थ्य समस्याओं (perfumes side effects) को भी जन्म देते हैं?

परफ्यूम में मौजूद हानिकारक रसायन (Harmful Chemical of Perfume)

परफ्यूम में पाए जाने वाले सबसे आम कंपाउंड हैं-बेंजाइल अल्कोहल, एसीटोन, इथेनॉल, एथिल एसीटेट, बेंजाल्डिहाइड, फॉर्मेल्डिहाइड और कभी-कभी मेथिलीन क्लोराइड या लिमोनेन। सुगंधों में पाए जाने वाले रसायनों में फ़ेथलेट्स शामिल हैं। ये एंडोक्राइन डिसर्पचर (endocrine disruptors) हैं। कार्सिनोजेन बेंजोफेनोन और स्टाइरीन (perfumes side effects) भी इसमें मौजूद रहते हैं।

हानिकारक प्रभाव हैं

परफ्यूम की गंध सूजन पैदा कर सकते हैं। ये गंभीर सिरदर्द का कारण भी बन जाते हैं। इनके अलावा स्किन इन्फेक्शन पैदा कर सकते हैं। कुछ गंभीर मामलों में कॉस्मेटिक कॉन्टैक्ट एक्जिमा का कारण बन सकता है। इसके कारण खुजली और स्किन रैशेज हो सकते हैं। बहुत से लोगों को इसके खतरनाक परिणामों का अनुभव नहीं होता है। जो लोग परफ्यूम का उपयोग करना पसंद करते हैं, उन्हें गंध में सेंटेड परफ्यूम में मौजूद रासायनिक सामग्री के बारे में सतर्क (perfumes side effects) रहना चाहिए। कुछ लोगों को केमिकल इन्टोलिरेंस होते हैं। इसके कारण उन्हें जलन भी हो सकती है। ऐसे लोगों में घबराहट और तनाव के लक्षण भी देखे जा सकते हैं।

एलर्जी की बढ़ जाती है संभावना (Perfume causes Allergy)

हार्वर्ड हेल्थ की एक स्टडी के अनुसार, दस में से लगभग एक व्यक्ति को परफ्यूम में पाए जाने वाले केमिकल से एलर्जी हो सकती है। इन दिनों बहुत सारे सामान में सुगंध का उपयोग किया जाता है। परफ्यूम सुगंधित मोमबत्तियों के रूप में या फ्रेशनर के रूप में भी हो सकता है। कई साबुन, डीटर्जेंट, हैंड वाश लिक्विड भी सुगन्धित होते हैं। इनसे भी एलर्जी विकसित हो सकती है। 100 लोगों की यदि जांच की जाये, तो कम से कम 55 प्रतिशत लोगों में एलर्जी पाई जा सकती है। कम से कम एक एलर्जीन के लिए सकारात्मक परीक्षण हो सकता है।

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परफ्यूम में पाए जाने वाले केमिकल से एलर्जी हो सकती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

कितने समय तक रह सकती है समस्या 

कुछ हल्के लक्षण थोड़े समय के लिए रहते हैं। कुछ को ठीक होने में हफ्तों लग सकते हैं। परफ्यूम एलर्जी के हल्के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं: खुजली, दाने और जलन । इसके कारण आंखों के आसपास और गले के आसपास खुजली हो सकती है।

एलर्जी के क्या हो सकते हैं गंभीर परिणाम

यदि आपको सुगंध के संपर्क में आने के बाद छींक या अन्य हल्की जलन का अनुभव होता है, तो यह केवल सुगंध के प्रति संवेदनशीलता हो सकती है। परफ्यूम एलर्जी के अधिक होने पर अस्थमा जैसी अधिक गंभीर जटिलता हो सकती है। परफ्यूम एलर्जी वाले रोगियों में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

क्या होना चाहिए ट्रीटमेंट (Treatment of Perfumes side effects)

आप परफ्यूम से होने वाली एलर्जी से बचना चाहती हैं। इसके गंभीर स्वास्थ्य जोखिम से भी बचना चाहती हैं, तो सबसे अच्छा उपाय परहेज़ है। सभी सुगंधों से बचना असंभव है। उस स्थिति में ओवर-द-काउंटर एलर्जी दवा, सिरदर्द और एलर्जिक राइनाइटिस का इलाज कराया जा सकता है। यदि आपको परफ्यूम से एलर्जी (perfumes side effects) है, तो इसके निर्धारण के लिए किसी एलर्जी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। वे आपको सही सलाह दे सकते हैं कि कौन-सा उपचार लक्षणों से सर्वोत्तम राहत देगा।

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टैनिंग से बचने का आपका विश्वसनीय तरीका क्या है?

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एलर्जी से बचना चाहती हैं, तो ओवर-द-काउंटर एलर्जी दवा लें। चित्र: शटरस्टॉक

क्या प्राकृतिक उपचार भी हो सकता है?

क्वेरसेटिन लेना बढ़िया उपाय हो सकता है। यह सुगंध के प्रति प्रतिक्रिया को कम करने में मदद कर सकता है। क्वेरसेटिन एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो प्राकृतिक रूप से प्लांट बेस्ड फ़ूड में पाया जाता है। क्रूसिफेरस सब्जियां जैसे ब्रोकोली या फूलगोभी, प्याज, ग्रीन टी और खट्टे फल में यह पाया जाता है। इन सभी फ़ूड को आहार में शामिल करना चाहिए।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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