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Winter laziness : आलसी सर्दियों में एक्टिव रहना है, तो फॉलो करें ये 4 जरूरी टिप्स

सर्दियों का मौसम आते ही हम आलस, सुस्ती और उदास सा महसूस करने लगते है। क्या आपको भी ऐसी कोई परेशानी होती है तो चलिए जानते है इसके क्या कारण है और इससे कैसे निपटना।
Updated On: 28 Nov 2023, 09:57 pm IST
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winter mei laziness
सर्दियों के महीनों में छोटे दिन और कम धूप आपके मूड और प्रोडक्टिविटी के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

क्या आप सर्दियों के ड्राई महीनों में थका हुआ, चिड़चिड़ा, मूडी या उदास महसूस करते हैं? तो ऐसा महसूस करने वाले आप अकेले नहीं हैं। जैसे-जैसे दिन छोटे होते जाते हैं और तापमान गिरना शुरू हो जाता है, “विंटर ब्लूज़” (winter blues)कई लोगो को परेशान करने लगते हैं। असल में ये एक ऐसी चिकित्सीय स्थिति का संकेत हो सकता है, जिसे सीजनल एफेक्टिव डिसऑडर(seasonal affective disorder) या एसएडी के रूप में जाना जाता है।

इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने बात की डॉ. राजेश्वरी पांडा नें, डॉ. राजेश्वरी पांडा मेडिकवर अस्पताल, नवी मुंबई में पोषण और आहार विज्ञान विभाग की एचओडी है।

क्यों सर्दियों में होने बढ़ जाता है आलस (causes of laziness in winter)

1 धूप का न निकलना और सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर (Seasonal affective disorder)

सर्दियों के महीनों में छोटे दिन और कम धूप आपके मूड और प्रोडक्टिविटी के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। दरअसल, सूरज की रोशनी हमारी सर्कैडियन रिदम को प्रभावित करती है, जो हमारे मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को बदल देती है।

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सूरज की रोशनी हमारी सर्कैडियन रिदम को प्रभावित करती है। चित्र: अडोबी स्टॉक

सेरोटोनिन(serotonin) हमारे दिमाग द्वारा बनाया जाने वाला एक रसायन है जो हमारे मूड, अच्छाई की भावनाओं और खुशी को स्थिर करता है। यह हार्मोन हमारे पूरे शरीर पर प्रभाव डालता है। यह मस्तिष्क कोशिकाओं (brain cells) और अन्य कोशिकाओं को एक दूसरे के साथ संपर्क करने में भी मदद करता है। सेरोटोनिन सोने, खाने और पाचन में मदद करता है। जब हमारा दिमैग बहुत कम सेरोटोनिन का उत्पादन करता है, तो यह डिप्रेशन(depression) का कारण बन सकता है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के अनुसार, सेरोटोनिन के स्तर में बदलाव से आपकी एनर्जी का स्तर कम हो सकता है, आपकी उन चीजों में भी इच्छा कम हो सकती है जो कभी आपको खुशी देती थीं। पर्याप्त धूप के बिना, सेरोटोनिन का स्तर कम हो सकता है।

2 कुछ खास तरह के आहार (choose good diet)

डॉ. राजेश्वरी पांडा बताती है कि चीनी और कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate) से भरपूर आरामदेह खाद्य पदार्थों से ऊर्जा को नुकसान पहुंच सकता है और सुस्ती बढ़ सकती है। इसलिए आपको अपने आहार में साबुत अनाज(whole grain), फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा को संतुलित मात्रा में लेना चाहिए। थकान से बचने के लिए हाइड्रेटेड रहें।

3 हाइड्रेशन का कम होना (low hydration)

डिहाइड्रेशन से आपको थकान(fatigue) और मोटिवेशन में कमी महसूस हो सकती है। इससे बचने के लिए पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। हर्बल चाय और गर्म सूप पीने से भी आपको हाइड्रेट होने में मदद मिल सकती है।

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4 कैफीन का अधिक सेवन करना (high caffeine)

कैफीन पर बहुत अधिक निर्भर रहने से ऊर्जा खत्म हो सकती है और नींद के पैटर्न में भी परेशानी आ सकती है। इसलिए आपको कैफीन का सेवन सीमित करना जरूरी है, खासकर दोपहर और शाम को। हर्बल चाय या डिकैफ़िनेटेड विकल्प आपके लिए बेहतर काम कर सकते है।

यहां हैं वे टिप्स जो सर्दियों में आलस को दूर भगा सकते हैं (tips that can drive away laziness in winter)

1 एक रूटीन बनाना है जरूरी

अपने काम को एक आकार प्रदान करने और उत्पादक बने रहने को आसान बनाने के लिए एक दैनिक रूटीन का होना बहुत जरूरी है। इसलिए उसे बनाएं और फॉलो करें ताकि आप केवल ये न सोचते रहे कि क्या करें और क्या नहीं।

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हर्बल चाय और गर्म सूप पीने से भी आपको हाइड्रेट होने में मदद मिल सकती है। चित्र : शटरस्टॉक

2 प्राकृतिक रोशनी का प्रयोग करें

पर्दे और ब्लाइंड खोलकर प्राकृतिक रोशनी का लाभ लें। काम करते समय या आराम करते समय खिड़कियों के पास बैठें। इससे आपको सूरज की थोड़ी बहोत रोशनी मिल सकती है।

3 खुद को हाइड्रेटेड रखना न भूलें

सर्दियों में प्यास कम लगने के कारण हम पानी नहीं पीते है और सोचते है कि सर्दियों में पानी की जरूरत कम होती है। ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पानी पीना बहुत जरूरी है।

4 माइंडफुलनेस एक्टिविटी करें

तनाव कम करने और फोकस बढ़ाने के लिए ध्यान या गहरी सांस लेने जैसी माइंडफुलनेस एक्टिविटी में शामिल होने से आपको विंटर ब्लूज को दूर करने में मदद मिल सकती है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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