कुसुम या सेफ फ्लावर (safflower) का पौधा दुनिया भर में पाया जाता है। सेफ फ्लावर के सीड जरूरी फैटी एसिड, लिनोलिक एसिड के समृद्ध स्रोत हैं। यह सूरजमुखी तेल का एक विकल्प है। इसकी न्यूट्रीशन वैल्यू सूरजमुखी तेल (Sunflower) के बहुत करीब है। कुसुम के बीज का तेल कई तरह के रोगों से बचाव भी करता है। खासकर हृदय स्वास्थ्य के लिए यह विशेष रूप से फायदेमंद है। कोल्ड प्रेस्ड कुसुम तेल का उपयोग हृदय रोग के लिए दवा (Safflower seed oil for heart) के रूप में किया जाता है। आयुर्वेद में इसे दैनिक खाना पकाने वाले भोजन में शामिल करने की सलाह दी जाती है।
कुसुम तेल (safflower seed oil) मुख्य रूप से ओलिक और लिनोलिक एसिड से बना होता है। ये दोनों मिलकर 90% अनसैचुरेटेड फैट बनाते हैं। इसमें पामिटिक एसिड और स्टीयरिक एसिड जैसे फैटी एसिड भी 10% होते हैं। कुसुम तेल में मौजूद लिनोलिक एसिड हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। कुसुम में मौजूद केमिकल ब्लड क्लोटिंग को रोकने, ब्लड वेसल्स को चौड़ा करने, ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकते हैं।
सामान्य खाना पकाने वाले तेल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है कुसुम तेल। इसमें प्रति चम्मच 12.7 ग्राम ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है। इसमें ओलिक एसिड जैसे ओमेगा-9 फैटी एसिड भी होता है। इससे ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रह सकता है। इसमें सूजन-रोधी गुण (Safflower seed oil for heart) भी होते हैं।
आहार में अन्य तेलों के स्थान पर कुसुम तेल का उपयोग किया जा सकता है। तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैट (Monounsaturated Fat) का स्रोत है। यह हार्ट हेल्दी फैट होता है।यह ब्लड शुगर को कम करने और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकता है। इस तेल से हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में कुल और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL or Bad Cholesterol) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सकती है।
कुसुम तेल ब्लड को पतला (Blood thinner) कर सकता है। यह ब्लड क्लोट को धीमा कर सकता है। इसे ओरली भी लिया जा सकता है। उपयोग करने के लिए यह पूरी तरह सुरक्षित है। इसे लगातार 8 सप्ताह तक स्किन पर लगाया जा सकता है। यह संभवतः सुरक्षित (Safflower seed oil for heart) होता है।
कुसुम तेल ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकता है। इससे मधुमेह वाले लोगों में इसे नियंत्रित करना कठिन हो सकता है।
जिन लोगों को रक्तस्राव संबंधी समस्याएं हैं और पेट या आंतों के अल्सर हैं या क्लोटिंग डिसऑर्डर है, उन्हें इसके तेल का अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। यह ब्लड क्लोट को धीमा कर सकता है। यह रक्तस्राव विकारों वाले लोगों में रक्तस्राव का खतरा (Bleeding Risks) बढ़ा सकता है।
कुसुम का तेल उन लोगों में एलर्जी पैदा कर सकता है, जो एस्टेरसिया या कंपोजिट परिवार पौधों के प्रति संवेदनशील होते हैं। इस परिवार के सदस्यों में रैगवीड, गुलदाउदी, गेंदा, डेज़ी और कई अन्य फूल और पौधे शामिल हैं।
कुसुम तेल ब्लड के थक्के को धीमा कर सकता है। इससे सर्जरी के दौरान और बाद में रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है। निर्धारित सर्जरी से कम से कम 2 सप्ताह पहले कुसुम तेल का उपयोग बंद कर देना चाहिए।
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