29 सितम्बर से शुरू हो चुके पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2023) में कई आहार का खूब सेवन किया जाता है, तो कुछ खाद्य पदार्थ के सेवन की मनाही की जाती है। किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करना और नहीं करना पूरी तरह मौसम और वातावरण को ध्यान में रखकर किया जाता है। परंपरा के साथ इसे इसलिए जोड़ा जाता है, ताकि जरूरी मानकर ऐसा कर लिया जाये। 15 दिन तक चलने वाले पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष में काले तिल का खूब प्रयोग किया जाता है। तर्पण के दौरान इसे पूर्वजों को भी अर्पित किया जाता है। इसके फायदे (black sesame seeds benefits) जानने से पहले जानते हैं पितृ पक्ष में तिल के प्रयोग के कारण।
भाद्रपद पूर्णिमा के बाद शुरू होता है 16 दिनों का पितृ पक्ष। इस अवधि में मृत पूर्वजों की पूजा-आराधना की जाती है। काले तिल के साथ जल का तर्पण किया जाता है। तिल को प्रसाद रूप में बांटा और खाया भी जाता है। पितृ पक्ष के दौरान तेजी से मौसम बदलते हैं। इसके कारण शरीर में भी मौसमी बदलाव के कारण होने वाले बदलाव से गुजरता है। तिल न सिर्फ इम्यून सिस्टम को मजबूत कर शरीर को मौसमी बीमारियों से बचाता है, बल्कि शरीर को गर्म भी रखता है।
न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, कॉपर, फास्फोरस, पोटैशियम और जिंक जैसे मिनरल्स से भरपूर होते हैं काला तिल। यह दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। काले तिल के तेल का उपयोग कुछ मामलों में ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में भी किया जाता है। काला तिल ऑक्सीडेटिव तनाव कम करता है। इसलिए क्रोनिक डिजीज से पीड़ित लोगों को यह फायदा पहुंचाता है।
फ़ूड केमिस्ट्री जर्नल के अनुसार, काले तिल आहार फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं। ये स्वस्थ पाचन और नियमित मल त्याग को बढ़ावा देते हैं। फाइबर पाचन में सहायता करता है, कब्ज को रोकता है और स्वस्थ आंत वातावरण बनाता है। काले तिल में हार्मोन को रेगुलेट करने के गुण होते हैं, खासकर महिलाओं में।अलसी के बीज की तरह काले तिल के बीज में भी लिगनेन का हाई लेवल मौजूद होता है। इसलिए यह एस्ट्रोजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों की श्रेणी में आता है। खाना पकाने में तिल के तेल का उपयोग किया जाए, तो भोजन के माध्यम से एस्ट्रोजन लेवल को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
काले तिल का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है। ध्यान रखें कि हेल्दी वे में इसका प्रयोग करने पर शरीर को अधिक फायदे मिलते हैं।
काले तिल को सलाद, स्टर-फ्राई, नूडल्स, सब्जियों, चावल के डिश जैसे सुशी, डेसर्ट और यहां तक कि ब्रेकफास्ट के लिए तैयार ओट्स, पाय आदि पर भी छिड़क कर खाया जा सकता है। दोपहर में दही या सेब के स्लाइस पर छिड़कने पर भी काले तिल का स्वाद बढ़िया मिलता है।
किसी भी प्रकार की गाढ़ी सॉस में इसे मिलाकर खाया जा सकता है। ब्लैक बीन सॉस बनाकर भी खाया जा सकता है। सोया सॉस और लहसुन के साथ इसे मिलाकर तैयार किया जा सकता है। इन्हें अलग-अलग फ़ूड के साथ खाया जा सकता है!
काले तिल को मसाले के रूप में खाने के लिए पहले इसे पीसने की जरूरत नहीं होती है। लगभग दस मिनट तक पानी में गर्म करने के बाद इसे रॉ खाया जा सकता है। किसी भी गर्म भोजन को परोसने से तुरंत पहले काले तिल को उस पर छिड़क सकती हैं। काले तिल को स्टर-फ्राई के रूप में खाया जाता है।
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