हम वर्षों से चाय के साथ बिस्कुट खाते आये हैं। इन दो कंपोनेंट को एक साथ खाने का स्वाद तो मजेदार होता ही है, फुर्सत में बैठकर किसी से ख़ास विषय पर बात करने के लिए भी प्रेरित करता है। हम एक परम्परा की तरह सुबह उठकर चाय बिस्कुट खाते हैं। आहार विशेषज्ञ मानते हैं कि एक-दूसरे का प्रेरक भोजन होने के बावजूद चाय और बिस्कुट स्वास्थ्य के लिए अन्हेल्दी (tea and biscuit effect) है।
हॉर्मोन एंड गट हेल्थ कोच डायटीशियन मनप्रीत कालरा अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘सुबह सबसे पहले चाय-बिस्कुट खाने से एसिडिटी हो सकती है। पेट की चर्बी बढ़ (chai biscuit can increase belly fat) सकती है। पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता ख़राब हो सकती है। चाय-बिस्किट खाने से ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) में तेज वृद्धि हो सकती है। इसके कारण आंतों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। दरअसल, चाय और बिस्कुट दोनों में प्रोसेस्ड चीनी होती है। इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
मनप्रीत कालरा के अनुसार, मैदा आंत में चिपककर बेली फैट बढ़ा सकता है। किसी भी प्रकार के बिस्कुट बनाने में बड़ी मात्रा में मक्खन का उपयोग किया जाता है। ये संतृप्त वसा (Saturated Fat) होती है। सामान्य आकार के बिस्किट में संतृप्त वसा की मात्रा आमतौर पर संतृप्त वसा के अनुशंसित दैनिक जरूरत (recommended daily value) का 30-50% होती है। गेहूं के आटे या मैदा में मौजूद संतृप्त वसा (Saturated Fat) की हाई मात्रा पेट के साथ-साथ हार्ट हेल्थ की समस्याएं पैदा कर सकता है।
बिस्कुट बनाने में सबसे अधिक पाम तेल का उपयोग किया जाता है। यह वसा आधारित है और नियमित उपयोग हृदय रोग के लिए जोखिम कारक हो सकता है। यह सस्ता है और उपभोग के लिए सबसे हानिकारक तेलों में से एक है। पाम ऑयल एंटीऑक्सीडेंट क्षमता को भी कम कर देता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
साधारण मीठे बिस्कुट में प्रति 25 ग्राम बैग में 0.4 ग्राम नमक होता है। अधिक मात्रा में नमक का सेवन हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ा सकता है। अधिक नमक के सेवन से भी वॉटर रिटेंशन होता है, जिससे सूजन और वजन बढ़ता है।
स्टोर से खरीदे गए बिस्कुट और कुकीज़ में ब्यूटाइलेटेड हाइड्रॉक्सीनिसोल (BHA) और ब्यूटाइलेटेड हाइड्रॉक्सीटोल्यूइन (BHT) होते हैं। ये दोनों मानव ब्लड के लिए हानिकारक हैं। इसके अलावा कुछ बिस्कुटों में डीएनए क्षति का कारण बनने वाला सोडियम बेंजोएट भी मौजूद होता है।
मनप्रीत कालरा चाय और बिस्कुट की बजाय 4विकल्प अपनाने के लिए कहती हैं। इनका सुबह सबसे पहले सेवन करना चाहिए।
पेट फूलने की समस्या से जूझ रही हैं, तो दिन की शुरुआत धनिये के पानी से करना चाहिए। इसे बनाने के लिए एक चम्मच पिसे हुए धनिये में एक गिलास गुनगुना पानी डालें। यह पाचन एंजाइमों की गतिविधि को बढ़ाता है, पाचन को बढ़ाता है और सूजन और पेट फूलना कम करता है।
आंत की परेशानियों से राहत पाने और आंत की सूजन को कम करने के लिए सौंफ का पानी पिया जा सकता है। सौंफ को कूटकर एक ग्लास पानी के साथ पीना चाहिए।
यदि अक्सर कब्ज का अनुभव होता है, तो एलोवेरा जूस पिया जा सकता है। इस पेय का रेचक प्रभाव हो सकता है।
मनप्रीत के अनुसार, दालचीनी के साथ नारियल का पानी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है। यह लेप्टिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है। यह सुबह की चीनी की लालसा से लड़ने में मदद कर सकता है।
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