किडनी डिजीज एक गंभीर समस्या है, जिसमें किडनी धीरे धीरे काम करना बंद कर देती है। इस समस्या से निदान पाने के लिए सही आहार का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। एक स्वस्थ आहार किडनी के लिए कारगर होता है, जो किडनी के स्वास्थ्य को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में मदद कर सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि किडनी डिजीज में डैश डाइट कारगर (DASH Diet for Kidney) हो सकता है।
डॉ. एलएच हीरानंदानी अस्पताल, मुंबई (पवई) में यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रकाश चंद्र शेट्टी बताते हैं, ‘डैश डाइट हाई ब्लड प्रेशर को रोकने के लिए आहार संबंधी अप्रोच (Dietary Approaches to Stop Hypertension) है। यह डाइट प्लैनिंग हार्ट हेल्थ के लिए उपयोगी आहार माना जाता है। जिन लोगों को किडनी की बीमारी है, उनके लिए भी डैश डाइट अनुकूल है।
डैश डाइट की योजना के लिए किसी विशेष खाद्य पदार्थ की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सिर्फ कुछ खाद्य पदार्थों को दैनिक और साप्ताहिक रूप से पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए शामिल किया जाता हैं।
यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रकाश चंद्र शेट्टी बताते हैं, ‘फल, सब्ज़ियां,
साबुत अनाज, नट्स, बीन्स,
वसा रहित या कम वसा वाले डेयरी उत्पाद,
पोल्ट्री, मछली,
नॉन ट्रॉपिकल वेजिटेबल आयल को शामिल किया जाता है।
संतृप्त वसा से भरपूर खाद्य पदार्थ, ट्रॉपिकल आयल जैसे कि कोकोनट आयल, पाम आयल
फैटी मीट, प्रोसेस्ड मीट और रेड मीट, पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पाद, अंडे, तले हुए खाद्य पदार्थ
कई फास्ट फूड और फ्रोजेन फ़ूड, जिनमें सोडियम की मात्रा भी अधिक होती है
एडेड और आर्टिफिशियल शुगर वाले खाद्य पदार्थ
एडेड शुगर वाले पेय पदार्थ
नमकीन खाद्य पदार्थ (हाई सोडियम की मौजूदगी)
डॉ. प्रकाश चंद्र शेट्टी के अनुसार, डैश डाइट के अलावा, गुर्दे की बीमारी के रोगियों को खाद्य पदार्थों में पोटेशियम की मात्रा पर भी ध्यान देना चाहिए। गुर्दे की बीमारी वाले मरीजों को अपने आहार में पोटेशियम की मात्रा सीमित करने की आवश्यकता हो सकती है। जिन खाद्य पदार्थों में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, उनसे बचना चाहिए।
आटिचोक, एवोकैडो , केले, बीन्स (बेक्ड, ब्लैक बीन्स)
चोकर या ब्रान वाले अनाज, ब्राउन राइस
दूध से बने खाद्य पदार्थ, ग्रेनोला, ख़रबूज़े,
नट्स, संतरे और संतरे का जूस, आलू, एप्रिकॉट,
किशमिश, पालक, टमाटर, साबुत गेहूं की रोटी और पास्ता, विंटर स्क्वैश को अपने भोजन में शामिल नहीं (DASH diet for kidney) करना चाहिए।
डॉ. प्रकाश चंद्र शेट्टी के अनुसार, आहार में बदलाव के अलावा, क्रोनिक किडनी डिजीज के उपचार में किडनी को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए किडनी हेल्थ की लगातार निगरानी जरूरी है। इसके लिए मेडिकल टीम के साथ काम करना होगा। डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाइयां लेना, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना जरूरी है। यदि रोगी को डायबिटीज है, तो ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रखना भी जरूरी है।
नियमित व्यायाम करना, स्वस्थ वजन बनाए रखना या अधिक वजन होने पर वजन कम करना, पर्याप्त नींद लेना, स्मोकिंग नहीं करना, तनाव और अवसाद का प्रबंधन (management of stress and depression in kidney disease) भी जरूरी है। स्थिति बिगड़ने पर डायलिसिस (Dialysis) और किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) उपचार के विकल्प (DASH diet for kidney) हो सकते हैं।
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