हिन्दू रीति-रिवाज़ में त्योहारों की अलग ही महत्ता है। त्योहारों में सभी लोग अपने इष्ट को पूजते हैं और व्रत-उपवास करते हैं। त्योहारों की इसी लड़ी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आने को है। इस दिन को लड्डू-गोपाल के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है और अपने आराध्य के लिए लोग व्रत-उपवास भी रखते हैं लेकिन उपवास के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य भी बेहद आवश्यक है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कई लोग उपवास रखते है तो कई लोग प्रसाद भी तैयार करते है। लेकिन प्रसाद तैयार करते समय हमें उस प्रसाद के पोषण मूल्यों के बारें में भी सोचना चाहिए।
जन्माष्टमी के प्रसाद में आम तौर पर हम दूध और दही जैसी पौष्टिक चीज़े तो प्रयोग ही हैं, लेकिन इस बार अगर हम विटामिन और मिनरल्स से भरपूर खरबूजे के बीजों (muskmelon seeds benefits) को इस्तेमाल करें, तो आध्यात्मिक और पौष्टिक तौर पर उस प्रसाद की गुणवत्ता जरूर बढ़ जायेगी ।
खरबूज के बीजों को अंग्रेजी में ‘मस्कमेलन सीड्स’ भी कहा जाता है, जो कि खरबूजे के अंदर मौजूद होते हैं। ये छोटे और बूँदाकार बीज होते हैं, जिनका रंग सफेद, काला या भूरा हो सकता है। खरबूज के बीज खाने में आकर्षक होते हैं और उनमें कई पोषक तत्व और उपयोगी गुण होते हैं।
खरबूजे के बीज को स्वास्थ्यवर्धक तरह से प्रयोग करने के लिए आपको सबसे पहले खरबूजे को काट कर उसके बीजों को अलग निकाल दें और उसके बाद उसे सूखने के लिए रख दें।
बीजों के सूखने के बाद आपको बीजों के ऊपर से उनके छिलकों को हटाना होगा और उसके बाद आप खरबूजे के बीजों को प्रयोग कर सकतें हैं।
खरबूजे की तरह ही खरबूजे के बीजों में भी कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। खरबूजे के बीज के बारे में जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने योग गुरु और नैचुरोपैथ अंकिता महाजन से बात की। अंकिता ने बताया कि खरबूजे के बीज शरीर को पौष्टिकता देते है और साथ ही कई बीमारियों से बचाव भी करते है। इसमें विटामिन, मिनरल्स, फॉस्फोरस जैसे कैई तत्व पाए जाते हैं।
अंकिता कहती हैं, “खरबूजे के बीज में पोटैशियम, विटामिन सी, और आर्गिनाइन होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। साथ ही खरबूजों के बीजों में विटामिन ई और विटामिन सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स पाएं जाते है, जो कि ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने में मदद करते हैं और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम करते हैं।”
खरबूजे के बीज (Muskmelon seeds benefits) का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो होता है, यानी वे शरीर के ग्लूकोज के स्तर को तेजी से बढ़ाने में मदद नहीं करते हैं। इसका मतलब है कि खरबूजे के बीज खाने से ब्लड शुगर का स्तर स्थिर रह सकता है, जिससे डायबीटीज के प्रबंधन में मदद मिल सकती है।
साथ ही अंकिता ने बताया कि , यह छोटा सा बीज वास्तव में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने में मदद करता है। डायबिटीज़ के मरीज इसे अपनी डाइट में शामिल कर अच्छी सेहत पा सकते हैं। पोटेशियम, फाइबर और पानी की मात्रा होने के कारण यह बीज उच्च रक्तचाप वाले मरीजों के लिए फायदेमंद है।
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कस्टमाइज़ करेंवहीं, उन्होंने बताया खरबूजे के बीज में अच्छी मात्रा में फाइबर होती है, जो खून में शुगर के स्तर को सामान्य करने में मदद करती है। फाइबर खाने से शरीर का ग्लूकोज धीरे से अवशोषित होता है, जिससे ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से वृद्धि नहीं होती।
अंकिता ने बताया कि, खरबूजे के बीज स्किन और बालों के लिए विभिन्न पौष्टिक तत्व प्रदान करते हैं जो उन्हें स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करते हैं। खरबूजे के बीज में प्रोटीन और बी-विटामिन (बी7) पाए जाते हैं, जो बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
इनका सेवन करने से बालों की मजबूती और चमक बढ़ सकती है। साथ ही खरबूजे के बीजों में मैग्नीशियम और जिंक की अच्छी मात्रा होती है, जो बालों के झड़ने को कम करने में मदद करते हैं।
जन्माष्टमी पर आप खरबूजे के बीजों को विभिन्न तरह से उपयोग कर सकते है। इन बीजों से आप कोई मिठाई या कोई पकवान बना सकते हैं तो वहीं इसे हेल्पिंग इंग्रीडिएंट के रूप में प्रयोग करके किसी चीज़ में डाल भी सकते हैं।
खरबूजे के बीज का सबसे अच्छा प्रयोग आप इसकी बर्फी बना कर कर सकते है। इसके लिए आपको सबसे पहले, खरबूजे के बीजों की छिलका हटा के उन्हें पीसना होगा और उसके बाद उसे मध्यम आंच पर भून लें। इसके बाद दूध, चीनी, इलायची पाउडर डालकर सबको मिला लें और ठंडा होने के लिए रख दें। ठंडा होने के बाद इसे बर्फी के आकार में काट लें।
आप खरबूजे के बीजों को खीर के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए खरबूजे के बीजों को पीसकर उसमें दूध और चीनी डाल दे। इसके बाद माध्यम आंच पर इसे कुछ देर तक पकाएं। अच्छे से पकने के बाद आपकी खीर तैयार है, इस खीर को प्रसाद के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं।
आप खरबूजे के बीज के लड्डू भी बना सकतें हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको बीजो को भूनना पड़ेगा फिर उसमें गुण या चीनी मिलाकर उनके लड्डू बनाएं और उन्हें प्रसाद के रूप में प्रस्तुत करें।
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