हाल ही में एक बार फिर चीन की तरफ से कोविड-19 को लेकर जारी हुए अलर्ट के कारण चीन सहित पूरे विश्व में सतर्कता बढ़ गई है। वहीं, कोरोना वायरस के अलावा अब पूरे विश्व में ‘नोरोवायरस’ को लेकर भी काफी बवाल मचा हुआ। आम भाषा में ‘विंटर वॉमिटिंग बग’ (Winter Vomiting Bug) और ‘स्टोमक फ्लू’ (Stomach Flu) के नाम से जाना जाने वाला यह वायरस, व्यक्ति की सेहत पर काफी दुष्प्रभाव छोड़ता है। ‘नोरोवायस’ (Norovirus) एक ऐसा वायरस हैं, जिसके कारण संक्रमित व्यक्ति को उलटी और दस्त जैसी अनेक समस्याएं देखने को मिल सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर वर्ष पूरे विश्व में अनुमानित रूप से नोरोवायरस के 685 मिलियन केस देखने को मिलते है। जिनमें 5 साल से कम उम्र के बच्चों के 200 मिलियन मामले शामिल हैं। इसके साथ ही नोरोवायरस के संदर्भ में WHO की रिपोर्ट बताती है कि नोरोवायरस प्रति वर्ष अनुमानित 200,000 मौतों का कारण बनता है, जिसमें 50,000 बच्चों की मृत्यु भी शामिल है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार नोरोवायरस एक वायरल बीमारी है, जो वैश्विक स्तर पर ‘एक्यूट गैस्ट्रोएन्टेरिटिस’ का सबसे आम कारण है। यदि आसाम भाषा में समझें तो, नोरोवायरस एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है, जो गैस्ट्रोएंटेराइटिस, पेट और आंतों की सूजन का कारण बनता है। यह दुनिया भर में गैस्ट्रोएंटेराइटिस के फैलने का एक प्रमुख कारण है, और यह विकसित और विकासशील दोनों देशों में तीव्र गैस्ट्रोएंटेराइटिस के बड़ी संख्या में मामलों के लिए जिम्मेदार है।
अमेरिका, यूके और ब्रिटेन सहित विश्व के कई अन्य देशों में सर्दियों के समय यह वायरस काफी तेज़ी से फैलता है। अमेरिका की एक संस्था ‘टुडे’ में छपी रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में सालाना
‘स्टोमक फ्लू’ से लगभग 19 से 21 मिलियन लोग प्रभावित होते है, जिनमें कई लोगों की तो मृत्यु भी हो जाती है।
सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, आमतौर पर इस बीमारी का नाम ‘स्टोमक फ्लू’ हैं, लेकिन इसके लक्षण और कारण इन्फ्लुएंजा से संबंधित है। CDC के अनुसार, नोरोवायरस किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, लेकिन इसके होने की संभावना छोटे बच्चों और बुज़ुर्ग लोगों में अधिक होती है।
साथ ही, CDC के अनुसार, आपको अपने जीवन में कई बार नोरोवायरस बीमारी हो सकती है क्योंकि नोरोवायरस मूलतः कई प्रकार के होते हैं। यदि आपको कभी एक प्रकार के नोरोवायरस से संक्रमण हो जाता है, तो इसका मतलब यह नहीं कि इसके बाद आप इसके अन्य प्रकारों से प्रभावित नहीं होंगे। CDC की रिपोर्ट के अनुसार, प्रभावित करने वाले इन वैरिएंट्स के विरुद्ध सुरक्षा विकसित करना संभव है। लेकिन, यह ठीक से ज्ञात नहीं है कि सुरक्षा कितने समय तक चलती है।
यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस की एक रिपोर्ट बताती है कि, किसी व्यक्ति में आमतौर पर नोरोवायरस के संपर्क में आने के 12 से 48 घंटे बाद लक्षण विकसित होते हैं। नोरोवायरस बीमारी वाले अधिकांश लोग 1 से 3 दिनों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन वे इसके बाद भी कुछ दिनों तक वायरस के स्प्रेडर बन सकते है। नोरोवायरस संक्रमण आमतौर पर तीव्र गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बनता है, और अलग-अलग प्रकारों के कारण इसके लक्षण अलग हो सकते है, लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण भी है।
1 जी मिचलाना: नोरोवायरस संक्रमण अक्सर मतली की भावना से शुरू होता है, जिसमें व्यक्ति को दिन में 1 बार से लेकर 10-12 बार तक उल्टियां हो सकती है।
2 दस्त: आमतौर पर डायरिया होने पर जैसी समस्या होती है, वैसी ही नोरोवायरस संक्रमण में भी पानी जैसा दस्त होना एक सामान्य लक्षण है। यह बार-बार हो सकता है, जिसके कारण डीहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है।
3 पेट में ऐंठन: नोरोवायरस संक्रमण में अक्सर पेट में दर्द या पेट में ऐंठन अक्सर अनुभव होती है और काफी असुविधाजनक हो सकती है।
4 बुखार: कुछ व्यक्तियों को लो-ग्रेड फीवर भी हो सकता है, हालांकि नोरोवायरस संक्रमण वाले हर व्यक्ति को इस लक्षण का अनुभव नहीं होता है।
5 डिहाइड्रेशन: उल्टी और दस्त के कारण तरल पदार्थ की कमी से डीहाइड्रेशन हो सकता है, जो मूत्र उत्पादन में कमी, माउथ और थ्रोट ड्राइनेस, और चक्कर आना या चक्कर आना जैसी समस्याओं का कारण बनती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नोरोवायरस संक्रमण आम तौर ठीक हो जाता है। हालांकि, कमजोर इम्युनिटी वाले बुज़ुर्ग, बच्चों व आम लोगों के लिए यह संक्रमण काफी खतरनाक भी साबित हो सकता है, इसलिए उन्हें सतर्क रहना चाहिए।
नोरोवायरस एक संक्रामक बीमारी है, इसलिए यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलती है। US CDC के अनुसार, नोरोवायरस से संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधे संपर्क में आना या उनके साथ भोजन, टॉवल या अन्य चीज़े शेयर करने से इसके फैलने का खतरा बढ़ता है। इसके बाद ही नोरोवायरस के मौजूद कणों वाली किसी सतह को छूने से भी इसके फैलने की संभावनाएं बढ़ती है।
पिछले कुछ वर्षों से भारत में भी नोरोवायरस के कुछ केस देखने को मिले है। वर्ष 2021 में भारत में पहला नोरोवायरस का केस देखा गया था, जिसके बाद वर्ष 2021 में लगभग 950 लोग नोरोवायरस से संक्रमित हुए। इसके बचाव के लिए नियमित रूप से हाथ धुलना, डिसइंफेक्टेंट का प्रयोग करना, सैनिटाइज़र का प्रयोग करना, फलों व सब्जियों को अच्छे से धुलना आदि शामिल है।
सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, नोरोवायस संक्रमण के लिए अभी कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है। फिलहाल इसका उपचार लक्षणों से राहत और डीहाइड्रेशन को रोकने पर केंद्रित है। इसमें मुख्यतः डीहाइड्रेशन की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए मौखिक रूप से या ज्यादा गंभीर मामलों में नसों से ‘रिहाइड्रेशन’ की प्रक्रिया की जाती है।
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