Irritable Bowel Syndrome : पेट में मरोड़ और गैस की वजह हो सकती है यह बीमारी, जानिए इसका कारण और उपचार

पेट की कई समस्याओं में से एक है इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम। इसके कारण पेट में मरोड़ और गैस की समस्या हो सकती है। इसके लक्षणों के ट्रिगर करने से बचाव ही इसका उपचार है।
IBS ke karan pet me dard hota hai.
आईबीएस के मरीज़ तेज दर्द, पेट में मरोड़, ब्लोटिंग, जलन और पेट भरा हुआ महसूस करने की शिकायत करते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 18 Oct 2023, 10:12 am IST
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मेडिकली रिव्यूड

पेट में गड़बड़ी की वजह से भी हमारा स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इसके कारण न सिर्फ हमें पेट में दर्द होता है, बल्कि गैस की भी समस्या होती है। पेट की कई समस्याओं में से एक है इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (IBS) । यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आंतों में परिवर्तन के कारण पेट की परेशानी होती है। इसके कारण पेट में दर्द कुछ महीनों तक भी रह सकता है। आइये जानते हैं इस समस्या (Irritable Bowel Syndrome) के लक्षण और इससे बचाव के उपाय।

इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम के कारण (Irritable Bowel Syndrome Causes)

प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में सीनियर कन्सल्टेंट, गैस्ट्रोइंटेरोलोजिस्ट (SENIOR CONSULTANT GASTROENTEROLOGY, Primus Super Speciality Hospital) डॉ. पल्लवी गर्ग (Dr. Pallavi Garg) बताती हैं, ‘गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की दीवार में पाई जाने वाली नसों के अतिसंवेदनशील होने पर आईबीएस, यानी चिडचिडा आंत्र सिंड्रोम हो सकता है। ये नसें रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क की नसों से भिन्न होती हैं। कुछ लोगों में आईबीएस आंत की नसें मस्तिष्क के साथ सही ढंग से कम्युनिकेट नहीं करने के कारण होती हैं। तनावपूर्ण घटना, कुछ मानसिक विकार, जैसे अवसाद, एंग्जायटी और अन्य फिजिकल कारणों से भी हो सकता है। पाचन तंत्र में बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी वजह बन सकता है। इसके लक्षण 40 वर्ष की आयु से पहले पहले विकसित हो जाते हैं। कई रोगियों को बचपन या टीनएज में यह शुरू हो जाता है।’

ये हो सकते हैं लक्षण (Irritable Bowel Syndrome Symptoms)

आईबीएस (Irritable Bowel Syndrome) इन्फ्लेमेट्री बोवेल डिजीज (Inflammatory Bowel Disease) से बहुत अलग है। आईबीएस पेट में दर्द या आंत की आदतों में बदलाव से जुड़ा हो सकता है। इसके मरीज़ तेज दर्द, पेट में मरोड़, ब्लोटिंग, जलन और पेट भरा हुआ महसूस करने की शिकायत करते हैं। पेट में दर्द विशिष्ट खाद्य पदार्थ खाने, खाने के बाद भावनात्मक तनाव महसूस करने, कब्ज या दस्त से शुरू हो सकता है।’

क्या हो सकता है इलाज (Irritable Bowel Syndrome Treatment)

आईबीएस (IBS) का उपचार पूरी तरह लक्षणों से राहत देने पर केंद्रित होता है। यदि हल्के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तनाव को प्रबंधित कर आहार और जीवनशैली में बदलाव लाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

1 एलर्जी वाले खाद्य पदार्थ से बचें (Allergic Foods for Irritable Bowel Syndrome)

उन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, जो लक्षणों (IBS Symptoms) को ट्रिगर करते हैं। कई लोगों में आईबीएस के लक्षण बदतर हो जाते हैं, जब वे कुछ खाद्य पदार्थ खाते या पेय पदार्थ पीते हैं। इनमें गेहूं, डेयरी प्रोडक्ट, खट्टे फल, बीन्स, पत्तागोभी (cabbage) और दूध भी हो सकते हैं।

2 हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाएं (High Fibre foods for IBS)

सीलिएक रोग नहीं होने के बावजूद ग्लूटेन (गेहूं, जौ और राई) खाना बंद कर देते हैं, तो उन्हें आईबीएस नहीं होता है।इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम से बचाव के लिए हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाना चाहिए। अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीना चाहिए। साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए और पर्याप्त नींद भी लेनी चाहिए।

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इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम से बचाव के लिए हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाना चाहिए। चित्र : अडोबी स्टॉक

3 गैस वाले खाद्य पदार्थ (Gaseous Food for Irritable Bowel Syndrome)

यदि सूजन या गैस का अनुभव होता है, तो कार्बोनेटेड और अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों और कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज कर सकती हैं, जो गैस बढ़ाने का कारण बन सकते हैं। कुछ लोग कार्बोहाइड्रेट जैसे फ्रुक्टोज, फ्रुक्टेन, लैक्टोज के प्रति संवेदनशील होते हैं। फ़रमेंटेड ऑलिगोसेकेराइड, डिसैकराइड, मोनोसैकेराइड और पॉलीओल्स इनके लिए परेशानी बढ़ा सकते हैं। ये कुछ अनाज, सब्जियों, फलों और डेयरी उत्पादों में पाए जाते हैं

4 हेल्थकेयर एक्सपर्ट की सलाह लें (Healthcare expert advice for Irritable Bowel Syndrome)

यदि समस्याएं गंभीर हैं, तो हेल्थकेयर एक्सपर्ट से सुझाव लेने में देरी नहीं करें। अवसाद या तनाव होने पर परेशानी बढ़ सकती है। लक्षणों के आधार पर डॉक्टर द्वारा दवा दी जाती है

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यदि समस्याएं गंभीर हैं, तो हेल्थकेयर एक्सपर्ट से सुझाव लेने में देरी नहीं करें। चित्र: शटरस्टॉक

5 फाइबर सप्लीमेंट और लेक्सेटिव (Fibre supplement and Laxatives for IBS)

तरल पदार्थों के साथ फाइबर जैसे सप्लीमेंट लेने से कब्ज को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यदि फाइबर कब्ज में मदद नहीं करता है, तो ओवर-द-काउंटर लेक्सेटिव दिया जा सकता है। मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड ओरल या पॉलीइथाइलीन ग्लाइकोल दिया जा सकता है।

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