Blackleg disease : इंसानों के लिए घातक हो सकता है पशुओं को संक्रमित करने वाला पैथोजेन्स ब्लैक लेग

पशुओं और मवेशियों को घातक रूप से प्रभावित करता है ब्लैक लेग रोग का पैथोजेन। अब तक पूरे विश्व में 3 इंसानों के इससे संक्रमित होने के मामले आ चुके हैं । कैसे होता है यह और इसका उपचार क्या है?
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नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज (Neglected tropical diseases-NTDs) अलग -अलग प्रकार के पैथोजेन्स के कारण होती हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 18 Oct 2023, 10:05 am IST
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कभी-कभी पशुओं को प्रभावित करने वाले बैक्टीरिया भी आम इंसानों के लिए स्वास्थ्य जोखिम बहुत अधिक बढ़ा देते हैं। पशुओं में ब्लैकलेग रोग का कारण बनने वाला पैथोजेन है क्लोस्ट्रीडियम चौवोई (Clostridium chauvoei bacteria) । यह आमतौर पर पशुओं की जान को ही जोखिम में डालता है। लेकिन अब तक पूरे विश्व में 3 मामले आ चुके हैं, जिसमें इस बैक्टीरिया ने इंसानों को भी प्रभावित कर दिया। इसके कारण 2 लोगों की तो मौत हो गई। गहन इलाज के बाद एक ऑस्ट्रेलियाई महिला की जान बचा ली गई। आइये इस बैक्टीरिया के संक्रमित करने के कारण और उपचार (causes and treatment of Blackleg disease) के बारे में जानते हैं।

क्या है ब्लैकलेग रोग (What is Blackleg disease)

ब्लैकलेग रोग मवेशियों और भेड़ों को होने वाली अत्यधिक घातक बीमारी है। यह क्लोस्ट्रीडियम चौवोई बैक्टीरिया ((Clostridium chauvoei bacterium) के कारण होता है। अक्सर यह पशुओं को हुए घाव, किसी प्रकार की सर्जरी के कारण हुई चीड-फाड़ के घावों तक यह बैक्टीरिया अपना रास्ता बना लेता है। इसके संक्रमण का परिणाम होती है ब्लैकलेग बीमारी। यह बीमारी बेहद घातक है, जिसका नियंत्रण पावरफुल वैक्सीन के माध्यम से हो पाता है। इसमें कई क्लोस्ट्रीडियल जीवों के लिए एंटीजन होते हैं। ब्लैकलेग संक्रमण तब होता है जब पशु चरते समय बैक्टीरियल स्पोर (bacterial spores) को निगल लेते हैं। बैक्टीरियल स्पोर आंत में प्रवेश कर ब्लड स्ट्रीम के माध्यम से स्केलेटल मसल्स तक फैल जाते हैं, जहां निष्क्रिय होकर स्पोर रहते हैं। इसके कारण पशुओं की मौत भी हो जा सकती है।

मनुष्यों तक कैसे पहुंचा (Blackleg Disease in Humans)

एक अमेरिकी और एक जापानी लोगों के लिए घातक साबित होने वाला यह बैक्टीरिया एक ऑस्ट्रेलियाई महिला के भी संक्रमण का कारण बना। ऑस्ट्रेलिया के मेडिकल जर्नल में भी इसके बारे में प्रकाशित किया गया। बैक्टीरिया से संक्रमित होने के बाद 48 वर्षीय महिला के पेट में दर्द, दस्त, सदमे के लक्षण और बुखार भी हो गया। ब्लड टेस्ट करने पर क्लोस्टीरिडीयम बैक्टीरिया पाया गया। रोगी की हिस्ट्री की जांच के बाद पता चला कि यह संक्रमण गार्डनिंग और मिट्टी के संपर्क में आने पर हुआ था। दरअसल, महिला घर बदलने और पौधों को मिट्टी में लगाने की प्रक्रिया में संलग्न थी। उनकी बाहों पर बिल्लियों की खरोंचें भी घाव के रूप में थीं। इसी खरोंच के माध्यम से ब्लैकलेग के पैथोजेन्स महिला के शरीर तक पहुंचे।

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ब्लैक लेग संक्रमण गार्डनिंग और मिट्टी के संपर्क में आने पर हो सकता है। चित्र:शटर स्टॉक

शरीर में टोक्सिंस का प्रोड्क्शन (blackleg causes toxins production)

रोगी में पैथोजेन ने नेक्रोटाइज़िंग एंटरोकोलाइटिस का कारण बनने वाले विषाक्त पदार्थों का उत्पादन किया। इससे आंत ऊतक के हिस्से मर जाते हैं। इसे फ्लेश ईटिंग रोग के रूप में वर्णित किया जा सकता है। मेलबर्न विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा विशेषज्ञ प्रोफेसर डेविड बेग्स के अनुसार, क्लोस्ट्रीडियम जीवाणु ब्लैकलेग का कारण बनता है। वह बोटुलिज़्म और टेटनस का कारण बनने वाले बैक्टीरिया परिवार से है, जो मिट्टी से भी उठाए जाते हैं। जब वे अंदर जाते हैं, तो पोषक तत्वों से भरपूर वातावरण जिसमें ऑक्सीजन नहीं है, की तलाश करते हैं

ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने का प्रयास (Black Leg Disease Treatment)

मवेशियों में ब्लैक लेग मनुष्यों के गैंग्रीन सिंड्रोम की तरह दिखता है। जहां संक्रमण के कारण आसपास के सभी ऊतक मर जाते हैं। महिला का एंटीबायोटिक्स और हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी से इलाज किया गया। एंटीबायोटिक्स और हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी से मरीज के लिवर और किडनी की कार्यक्षमता में सुधार होता है। इस प्रक्रिया का उपयोग शरीर के ऊतकों तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने के लिए किया जाता है। हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी क्लॉस्ट्रिडियम संक्रमण के विकास को सीमित करता है। क्लॉस्ट्रिडियम मधुमेह रोगियों के पैर में गैंग्रीन का कारण बनता है

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बैक्टीरिया आमतौर पर पर्यावरण में होते हैं और मवेशियों या मनुष्यों के उनसे संक्रमित होने की संभावना बनी रहती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

कैसे हो बचाव (Blackleg Prevention)

ऑस्ट्रेलिया के अल्फ्रेड अस्पताल और मोनाश विश्वविद्यालय में इन्फेक्शियस डिजीज के प्रमुख प्रोफेसर एंटोन पेलेग के अनुसार,  यह कोई संक्रामक बीमारी नहीं है। बैक्टीरिया आमतौर पर पर्यावरण में होते हैं और मवेशियों या मनुष्यों के उनसे संक्रमित होने की संभावना बनी रहती है। इससे बचने के लिए गार्डेनिंग करते समय ग्लव्स पहनने और उसके बाद हाथ साफ़ करना बेहद जरूरी है।

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