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Listeria : कमजोर इम्युनिटी में घातक हो सकता है लिस्टेरिया, जानिए दूषित भोजन से होने वाली इस बीमारी के बारे में सब कुछ

इन दिनों ऑस्ट्रेलिया में लिस्टेरिया नामक संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। दूषित भोजन, ज्यादा दिनों के प्रोसेस्ड मीट और अन पास्टुरीकृत डेयरी प्रोडक्ट खाने से इसका जोखिम बढ़ सकता है। यह कैसे फैलता है और भारत में इसकी क्या स्थिति है, आइए जानते हैं।
Published On: 18 Sep 2023, 06:00 pm IST
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संक्रमण से बचाव जरुरी है. चित्र : अडोबी स्टॉक

इन दिनों ऑस्ट्रेलिया में लिस्टेरिया से संक्रमित होने की खबरें लगातार आ रही हैं। यहां के क्वींसलैंड, न्यू साउथ वेल्स और विक्टोरिया जैसे राज्यों में इसके मामले अधिक पाए जा रहे हैं। 17 सितंबर 2023 तक अकेले न्यू साउथ वेल्स में लिस्टेरियोसिस के मामलों की संख्या 25 तक पहुंच गई। लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स (Listeria monocytogenes) के कारण यह बैक्टीरियल संक्रमण होता है। यह विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं, शिशुओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए अधिक जोखिम पैदा करता है। जानते हैं भारत में (Listeria in India) इसके संक्रमण की क्या स्थिति है और यह कैसे फैलता है।

भारत में लिस्टेरिया के मामले (Listeria in India)

आगरा (उत्तर प्रदेश) के दयालबाग़ एजूकेशनल इंस्टीट्यूट में वनस्पतिशास्त्र के शोधकर्ता प्रेमसरन तिरुमलाई अपने शोध निष्कर्ष में बताते हैं कि ह्यूमन लिस्टेरियोसिस पश्चिम देशों में होने वाली एक खतरनाक बीमारी है। पिछले दो दशकों में यह भारत में भी इसके छिटपुट मामले सामने आये हैं। 1981 के बाद से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लिस्टेरियोसिस के 20 से अधिक प्रकोप हुए हैं, जो सीधे तौर पर विभिन्न प्रकार के भोजन से जुड़े हुए हैं। लिस्टेरियोसिस के लगभग सभी मामले भोजन से उत्पन्न होते हैं।

कैसे होता है लिस्टेरिया (listeria Causes)

नेचर जर्नल के अनुसार, लिस्टेरिया बैक्टीरिया मिट्टी, पानी और जानवरों के मल में पाया जा सकता है। लिस्टेरियोसिस कन्टेमिनेटेड फ़ूड से होता है, जो बैक्टीरिया एल. मोनोसाइटोजेन्स के कारण होता है। यह लिस्टिरिया से संक्रमित कच्ची सब्जियों, प्रोसेस्ड मीट, हॉट डॉग्स, अन पास्टूराइज दूध नरम खाद्य पदार्थ सहित दूषित खाद्य पदार्थ खाने से होता है। ताजे फल ख़ासकर खरबूजे खाने से भी हो सकता है।

क्या हैं इसके लक्षण (listeria symptoms)

लिस्टेरिया से प्रभावित होने पर लक्षण 1 महीने बाद भी दिखाई दे सकते हैं। बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द इसके लक्षण हो सकते हैं। पेट में गड़बड़ी, दस्त, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द, इलूजन, संतुलन खोना, मांसपेशियों में संकुचन हो सकता है। गंभीर लिस्टेरियोसिस ब्लड स्ट्रीम या मस्तिष्क तक फैल सकता है। गंभीर संक्रमण से सेप्सिस, मेनिनजाइटिस या एन्सेफलाइटिस हो सकता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक नहीं फ़ैल सकता है। यह मां से गर्भ में पल रहे बच्चे को हो सकता है।

क्या यह संक्रमण घातक हो सकता है (Is Listeria fatal)

यह आमतौर पर दूषित भोजन से होता है। स्वस्थ लोग लिस्टेरिया संक्रमण से बीमार नहीं पड़ते हैं। यह अजन्मे शिशुओं, नवजात शिशुओं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए घातक हो (Listeria in India) सकती है।

लिस्टेरिया से प्रभावित होने पर बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द हो सकते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

कैसे किया जा सकता है का उपचार (Listeria Treatment)

लिस्टेरियोसिस का इलाज है। हेल्थ केयर प्रोवाइडर शरीर को संक्रमण से छुटकारा दिलाने के लिए एंटीबायोटिक्स दे सकता है। यदि किसी व्यक्ति को लिस्टेरियोसिस है, तो सबसे पहले वह डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के अनुसार दवाएं ले। बुखार को नियंत्रित करने और मांसपेशियों के दर्द से राहत पाने के लिए नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं ली जाती हैं। उसे खूब आराम करना चाहिए। खूब सारे तरल पदार्थ पीना चाहिए और हल्का आहार लेना चाहिए

 संक्रमित होने के जोखिम को कम करने के उपाय (Listeria Prevention)

यदि किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है या गर्भवती है, तो खाने-पीने संबंधी सावधानी बरतना जरूरी है।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

1 बिना पाश्चुरीकृत डेयरी उत्पादों और जूस से बचें।
2 खाना पकाने से पहले और बाद में अपने हाथ और खाने की सतह को धोएं।
3 कच्चे फलों और सब्जियों को साफ करने के लिए स्क्रब ब्रश, साफ बहते पानी और फल एवं सब्जी वॉश का उपयोग करें

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लिस्टेरिया से बचाव के लिए प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद मीट से परहेज करें। चित्र: शटरस्टॉक

4 हॉट डॉग, अंडे की रेसिपी, सी फ़ूड, मीट को 74 डिग्री सेल्सियस के इंटरनल तापमान पर पकाएं। प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद फ़ूड से परहेज करें। खोलने के बाद इन वस्तुओं को फ्रिज में रखें।
5 खाने को तब तक गर्म करें जब तक कि भाप न निकलने लगे। यदि वे कई दिन पुराने हैं, तो कोई भी बचा हुआ खाना (Listeria in India) न खाएं।
6 भोजन को अपने रेफ्रिजरेटर में रखने से पहले प्लास्टिक रैप या फ़ॉइल में लपेटें, या प्लास्टिक बैग या साफ़, ढके हुए कंटेनर में रखें। सुनिश्चित करें कि कच्चे मांस जैसे खाद्य पदार्थों का रस अन्य खाद्य पदार्थों पर न गिरे।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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