रामबूटन (नेफेलियम लैपेसियम) दक्षिण पूर्व एशिया का एक फल है। यह सैपिन्डेसी परिवार का सदस्य है, जिसमें लीची और लोंगन जैसे अन्य फल भी शामिल हैं। रामबूटन अपनी अलग तरह की बनावट और मीठे, रसीले गूदे के लिए जाना जाता है।
भारत में रामबूटन की विभिन्न किस्में उगाई जाती हैं, जिनमें स्वाद, रंग और रूप में भिन्नता होती है। कुछ लोकप्रिय भारतीय रामबूटन किस्मों में रोंगडोर, ओलौर और कर्नाटक शामिल हैं। रामबूटन आमतौर पर दक्षिणी राज्यों में उपलब्ध होता है जहां इसे उगाया जाता है। भारत के अन्य हिस्सों में, यह उतना व्यापक रूप से नहीं पाया जा सकता है।
रामबूटन को विभिन्न भारतीय भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उदाहरण के लिए, इसे अंग्रेजी में ‘रामबूटन’, हिंदी में ‘रामबूटन’ या ‘पुलासन’, कन्नड़ में ‘हुजराना’ और तमिल में ‘रामबुस्तान’ कहा जाता है।
2021 में ऐसी खबर सामने आई भी की रामबूटन का फल खाने से केरल में एक 12 साल के छोटे बच्चे की मौत हो गई थी। उस बच्चे का नाम मुहम्मद हाशिम था। सितंबर 2021 की सुबह, हाशिम का गांव इस खबर से जागा कि हाशिम की निपाह संक्रमण के कारण मृत्यु हो गई, यह राज्य में मई 2018 में उसी जिले से वायरस के प्रकोप की रिपोर्ट और नियंत्रण के बाद केरल में पहला ऐसा मामला था, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी।
जिसके बाद केरल में फिर निपाह का विस्फोट हुआ है और अब फिर से ये फल चर्चा में है और लेग इसे खाने से डर रहें है।
हालांकि बाद में इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ऑफ पूना में इस फल का परिक्षण किया गया जिसमें इस फल में कोई निपाह वायरस नही पाया गया था।
रामबूटन विटामिन सी, विटामिन ए, पोटेशियम और आयरन सहित आवश्यक विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है। ये पोषक तत्व समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को बनाए रखने में विभिन्न भूमिका निभाते हैं।
रामबूटन में विटामिन सी, कैरोटीनॉयड और फेनोलिक यौगिक जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट आपकी कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं, जो पुरानी बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं।
रामबूटन आहारीय फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो नियमित मल त्याग में सहायता करके, कब्ज को रोकने और एक स्वस्थ गट माइक्रोबायोम को बढ़ावा देकर पाचन स्वास्थ्य का समर्थन करता है। फाइबर के कारण आप ओवर इटिंग करने से बचते है।
अपनी उच्च जल सामग्री के साथ, रामबूटन आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है, जिसके कारण आप इस फल को खाकर तरोताजा महसूस कर सकते है। समग्र स्वास्थ्य के लिए उचित हाइड्रेशन आपके लिए बहुत जरूरी है।
रामबूटन में मौजूद पोटेशियम आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है, जिससे संभावित रूप से उच्च रक्तचाप और हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन को कम करके हृदय स्वास्थ्य में मदद कर सकते है।
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