हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) को अच्छा कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। यह कोशिकाओं से वसा और कोलेस्ट्रॉल को हटाने के लिए जाना जाता है। हाल में लांसेट रीजनल हेल्थ में प्रकाशित शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (HDLC) का अत्यधिक हाई लेवल हार्ट डिजीज (CVD) के जोखिम और मृत्यु दर में वृद्धि से विरोधाभासी रूप से जुड़ा हुआ है। हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन के प्रभावों की जांच करने के लिए एक बड़ी चीनी आबादी पर व्यापक अध्ययन (Lancet Study on HDL Cholesterol) किया गया।
चीन के लोगों के स्वास्थ्य मूल्यांकन और जोखिम को कम करने के लिए 35-75 वर्ष की आयु के 3,397547 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। उनकी बेसलाइन एचडीएल-सी लेवल मापा गया। इसके बाद राष्ट्रीय मृत्यु निगरानी प्रणाली और रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए चीनी केंद्र के महत्वपूर्ण पंजीकरण से मृत्यु दर डेटा का पता लगाया गया। इस अध्ययन में हृदय संबंधी और कैंसर से होने वाली मृत्यु दर (mortality rate) के साथ एचडीएल-सी का यू-आकार का संबंध पाया गया। यह देखा गया कि यू-आकार के पैटर्न इस्केमिक हृदय रोग (Ischemic Heart Disease), इस्केमिक स्ट्रोक (Heart Stroke) और लिवर कैंसर (HDL Cholesterol can cause Liver Cancer) के साथ एचडीएल सी (HDLC) का संबंध पाया गया।
स्टडी में देखा गया कि हाई और लो एचडीएल-सी दोनों ही मृत्यु दर के जोखिम में वृद्धि से जुड़े हैं। शोधकर्ताओं द्वारा एचडीएल-सी की जरूरी सीमा 50-79 मिलीग्राम/डीएल निर्धारित किया गया। डिस्लिपिडेमिया से पीड़ित व्यक्तियों को निम्न और उच्च एचडीएल-सी दोनों के सही मैनेजमेंट से ही लाभ हो सकता है।
अब तक एचडीएल को धमनियों (Artery) से कोलेस्ट्रॉल हटाने और शरीर से निकालने के लिए लिवर तक ले जाने वाला माना जाता है। एचडीएल का हाई लेवल हृदय रोग के जोखिम को कम करने वाला माना जाता है। लांसेट की स्टडी रिपोर्ट बताती है कि यदि किसी व्यक्ति का पहले से ही हाई एचडीएल-सी स्तर है, तो एचडीएल-सी स्तर में अतिरिक्त वृद्धि सीवीडी के जोखिम से जुड़ी हो सकती है। एचडीएल-सी का स्तर बढ़ने से अनजाने में सीवीडी (Cardio Vascular Disease) का खतरा बढ़ सकता है।
किसी भी एडल्ट के लिए एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (High Density Lipoprotein Cholesterol) की सीमा है- महिलाओं के लिए 35 से 80 मिलीग्राम/डीएल। वहीँ पुरुषों के लिए 35 – 65 मिलीग्राम/डीएल लेवल होना चाहिए।
वहीं किसी भी एडल्ट के लिए एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (Low Density Lipoprotein Cholesterol) 100 से 129 मिलीग्राम/डीएल के बीच होना चाहिए। मधुमेह या हृदय रोग वाले लोगों के लिए 100 मिलीग्राम/डीएल से कम होना चाहिए।
लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल हृदय स्वास्थ्य के लिए खराब है। रेड मीट के साथ-साथ प्रोसेस्ड मीट, प्रोसेस्ड सॉसेज तो सबसे अधिक लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन बढ़ाते हैं। वहीँ पूर्ण वसा वाली डेयरी (full cream dairy product), चीज़, मक्खन भी हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। तले हुए खाद्य पदार्थ, मिठाइयां भी नुकसानदेह हो सकती हैं।
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाना जरूरी है। ऑलिव आयल किसी भी अन्य मोनोअनसैचुरेटेड फैट की तुलना में हृदय रोग के जोखिम को कम (Lancet Study on HDL Cholesterol) करता है। इसके अलावा सीड्स, नट्स, फैटी फिश, डार्क चॉकलेट, एवोकाडो, बीन्स भी एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले होते हैं।
पर हाल के शोध निष्कर्षों को देखते हुए एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी शरीर में नहीं बढ़ने देना चाहिए। कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और मृत्यु के जोखिम को कम करने के लिए एलडीएल के साथ-साथ एचडीएल का भी नियंत्रित रहना जरूरी है।
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