गतिशीलता या मोबिलिटी से मतलब है कि आपके जॉइंट सॉकेट के अंदर किस तरह चलते हैं। गतिशीलता के कारण ही जॉइंट्स को आस-पास के ऊतकों के साथ स्वतंत्र रूप से स्थानांतरित करने की क्षमता देता है। इससे हमारा शरीर सुचारू रूप से मूव कर पाता है। हम अपने कंधे को चारों और घुमाना चाहते हैं। मोबिलिटी के अभाव में यह संभव नहीं हो सकता है। यह जोड़ सहित पूरे शरीर को लचीला बनाता है। लचीलेपन से ही मांसपेशियों को स्ट्रेच करने की क्षमता आ पाती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि फिटनेस के लिए इन 4 मोबिलिटी एक्सरसाइज को करना जरूरी (mobility exercises for fitness) है।
हील एंड ग्रो फिटनेस सेंटर के ओनर और फिटनेस एक्सपर्ट राघव चौहान कहते हैं, ‘यदि लचीलापन या मोबिलिटी नहीं है, तो समय के साथ कार में अंदर जाना और बाहर निकलना, जूते पहनने के लिए झुकना या अलमारी से कुछ सामान निकालने की कोशिश करना, कपड़े फैलाना, लैपटॉप पर काम करना जैसे सरल काम करना भी कठिन हो सकता है।
गतिहीनता के कारण चलने की प्रक्रिया भी ख़राब हो सकती है। बहुत अधिक बैठने के कारण हिप्स के फ्लेक्सर्स इतने कड़े हो जाते हैं कि वे खुल नहीं पाते हैं। इसलिए चलने पर हम केवल छोटे कदम ही रख पाते हैं। उम्र बढ़ने पर चलने के दौरान पैर इधर-उधर होने की संभावना अधिक होने लगती है। इससे शरीर झुक जाता है।’
यदि मोबिलिटी एक्सरसाइज नियमित रूप से किया जाए, तो इन समस्याओं को रोकने में मदद मिल सकती है और उम्र के साथ होने वाली नेचुरल समस्या धीमी हो सकती है।
फर्श पर घुटने टेकें और हिप्स को एड़ियों की ओर नीचे करें। अब दोनों आर्म को फर्श पर आगे की ओर ले जाएं। धड़ को घुटनों के ऊपर और सिर को भुजाओं के बीच में आने दें। यह चाइल्ड पोज है। कुछ गहरी सांस लेने के लिए रुकें। टेबलटॉप स्थिति में आएं। वजन को आगे की ओर तब तक खिसकाएं जब तक कि कंधे कलाइयों के ऊपर न आ जाएं।
हिप्स घुटनों के ऊपर न आ जाएं। पैर की उंगलियों को नीचे पलटें और पैरों को फर्श से धकेलें, बाहों को फैलाएं ताकि हिप्स ऊपर उठ जाएं।शरीर जमीन के साथ एक त्रिकोण बनाएगा। धड़ को लंबा करते हुए कुछ गहरी सांसें लें और धीरे-धीरे घुटनों को फर्श पर छोड़ें। पैर की उंगलियों को खोलें और चाइल्ड पोज में वापस आ जाएं। कुल मिलाकर तीन बार दोहराएं।
पैरों को कंधों से थोड़ा चौड़ा करके खड़े रहें। इस अभ्यास के लिए पैर की उंगलियां बाहर की ओर हों। शरीर के निचले हिस्से पर तब तक बैठें जब तक कि जांघें फर्श के समानांतर न हो जाएं या जितना हो सके। वजन को आगे बढ़ाने और हाथों को सामने फर्श पर रखने से पहले एक सेकंड के लिए रुकें। घुटनों को दूर फैलाएं।
अपने आप को जमीन की ओर झुकाएं। यदि संभव हो तो चेस्ट को फर्श पर लाएं। यदि आंतरिक जांघों और कमर में खिंचाव अधिक है, तो जरूरत के हिसाब से आर्म्स से स्वयं को सहारा दें। पैर की उंगलियों को बाहर की ओर करके गहरे स्क्वाट में आने से पहले एक सेकंड के लिए रुकें। धीरे-धीरे चलते हुए खड़े हो जाएं। 8 से 12 बार दोहराएं।
दाहिने हाथ में डंबल या केटलबेल लेकर फर्श पर मुंह करके लेट जाएं। वजन अधिक लगता है, तो किसी हल्के कैन का उपयोग करें। दाहिना हाथ चेस्ट के ऊपर सीधा फैलाएं। बायां हाथ सिर के ऊपर कान के पास फर्श पर टिकाएं। दाहिने पैर को मोड़ें। दाहिने पैर को बाएं घुटने के बगल में फर्श पर रखें। बाएं कंधे पर रोल करें, जिससे दायां घुटना फर्श पर आ जाए। अब दाहिने पैर को फर्श पर फैलाएं। धीरे-धीरे कूल्हों को आगे की ओर घुमाएं। दाहिने घुटने को मोड़कर और हाथ को ऊपर की ओर रखते हुए वापस उसी स्थिति में आ जाएं। इसे 8 से 12 बार दोहराएं। फिर सावधानी से पीठ के बल लेट जाएं।
घुटनों को कूल्हे की चौड़ाई के बराबर दूरी पर रखते हुए फर्श पर झुकें। दाएं पैर को आगे बढ़ाएं ताकि दाहिना घुटना दाएं एंक्ल के ऊपर रहे। दाहिनी जांघ फर्श के समानांतर रहे। आर्म्स को बगल में या हाथों को हिप्स पर रखते हुए हिप्स से दाहिने पैर पर झुकते हुए वजन को पीछे की ओर ले जाएं। इससे दाहिने पैर की उंगलियां ऊपर आ पाती हैं। संतुलन के लिए हाथों को फर्श पर रखें। इसे 8 से 12 बार दोहराएं।
यह भी पढ़ें :- Working Women Fitness : सिर्फ 3 दिन करें ये 5 एक्सरसाइज, नहीं बढ़ेगा वेट, न आएगी स्टिफनेस
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।