‘लाइफ में चैलेंज लेना सीखना है या खुद को मानसिक और शारीरिक स्तर पर फिट रखना है, तो हॉकी खेलें। हॉकी आपके मसल्स को मजबूत बनाती है। आपको अगला कदम कौन सा उठाना है, यह भी हॉकी खेल सिखाता है।’ भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता पुनिया हॉकी को सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक ग्रोथ वाला खेल भी मानती हैं। वास्तव में हॉकी एक ऐसा खेल है जो आपको सिर से पांव तक एंगेज रखता है। यही वजह है कि भारत ने हॉकी को अपना राष्ट्रीय खेल बनाया और हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस (Major Dhyan Chand birthday) को नेशनल स्पोर्ट्स डे (National Sports Day 2023) के रूप में मनाने का फैसला किया। अगर आप तनाव में हैं, फोकस खो रहीं हैं या बढ़ते हुए वजन से परेशान हैं, तो हॉकी खेलना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल 29 अगस्त को मनाया जाता है। यह हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है। हॉकी तन और मन दोनों को मजबूती देता है। इसलिए यह बच्चे, युवा और बुजुर्ग तीनों पीढ़ियों में यह लोकप्रिय है। और अब तो भारतीय महिला हॉकी टीम भी दुनिया भर में अपनी सफलता के झंडे गाढ़ रही है।
जर्नल ऑफ़ एमर्जिंग टेक्नोलॉजी एंड एनोवेटिव रिसर्च के अनुसार, नियमित हॉकी खेलने से शरीर को कई फायदे मिल सकते हैं। उनमें से 7 प्रमुख फायदे यहां दिए जा रहे हैं।
खेल की तेज़ गति के लिए ऊर्जा की खपत बहुत अधिक होती है। इस खेल से बड़ी संख्या में कैलोरी जलाने में मदद मिलती है। प्रत्येक खिलाड़ी प्रति पाउंड प्रति मिनट लगभग 0.061 कैलोरी जला सकता है। यदि नियमित रूप से हॉकी खेला जाये, तो यह वजन घटा (hockey for weight loss) सकता है।
हॉकी में जरूरी ऊर्जा और मांसपेशियों की ताकत हृदय प्रणाली के विकास में मदद करती है। यह मांसपेशियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करती है। पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पंप करने से सांस लेने और सेलुलर एक्टिविटी में सुधार होता है।
हॉकी को कार्डियो एक्सरसाइज के तौर पर भी किया जा सकता है। इसमें शुरुआत धीमी होती है और फिर खेल रफ़्तार पकड़ लेता है। उच्च तीव्रता वाला पैटर्न अधिक कैलोरी जला सकता है। इससे मेटाबोलिज्म एक्टिव हो जाता है। मेटाबोलिज्म एक्टिव नहीं होने के कारण ही हमें कई तरह की बीमारियां घेरने लगती हैं। इसे सक्रिय रखने के लिए रोजाना आधे घंटे हॉकी खेल सकती हैं।
हॉकी से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह संयोजी ऊतकों (strong connective tissue) को मजबूत कर सकती है। इससे चोट का जोखिम कम हो पाता है। पैर की मांसपेशियों, जैसे कि हैमस्ट्रिंग, एन्क्ल और हिप्स की फ्लेक्सर मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। यह ट्राइसेप्स, फोरआर्म्स और कंधे की मांसपेशियों की सहनशक्ति विकसित करता है। इससे बोंस और जॉइंट्स भी मजबूत होते हैं। इससे शरीर स्वस्थ, मजबूत और उसकी समग्र कार्यप्रणाली में सुधार होता है।
हॉकी खेलने से हाथों और आंखों के बीच समन्वय होता है। इस खेल का अभ्यास समन्वय क्षमताओं को विकसित करने में सहायता करता है। व्यक्ति फुर्तीला होता है। शरीर के प्रत्येक अंग में समन्वय स्थापित होता है।
11 लोगों की टीम के साथ खेलने से टीम वर्क की भावना विकसित होती है। यदि आपको कम बोलने की आदत है, तो इस खेल से आपकी कम्युनिकेशन स्किल डेवलप होती है। हॉकी खेल के दौरान सही निर्णय लेने की आदत रोजमर्रा की जिंदगी में भी मदद कर सकती है।
मसल्स रिलैक्स होते हैं, जिससे तनाव घटता है। इसके कारण हुई शरीर की एक्सरसाइज मूड को बेहतर करता है। इसके कारण एंडोर्फिन हॉर्मोन शरीर से सीक्रेट होता है, जिससे अवसाद, तनाव और एंग्जायटी कम हो जाती है। आधे घंटे रोज खेली गयी हॉकी मस्तिष्क को मजबूत करती है।
तो डियर गर्ल्स ओटीटी और वेब सिरीज छोड़िए अपनी एक हॉकी टीम बनाइए। भले ही बहुत अच्छे स्किल और स्ट्रोक न हों, पर अपनी सेहत के लिए इस गेम को समय दीजिए। सेहत आपको किसी भी जीत या हार को बेहतर तरीके से संभालना सिखाती है।
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