40 के बाद वेटलिफ्टिंग कर रही हैं, तो चोटों के जोखिम से बचने के लिए याद रखें ये जरूरी बातें

हालांकि 30 के बाद ही महिलाओं की बोन हेल्थ कमजाेर होने लगती है। मगर चालीस की उम्र में जब वे पेरिमेनोपॉज फेज में दाखिल होती हैं, तब हड्डियों के टूटने और चोटिल होने का जोखिम और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
weightlifting heart disease ke jokhim ko kam karta hai.
ट्रेडमिल पर वार्म-अप को पांच या 10 मिनट माना जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
Published On: 29 Mar 2024, 11:03 am IST
  • 125
Yash Agarwal
इनपुट फ्राॅम

कई महिलाएं अपने शरीर को युवा और मजबूत बनाए रखना चाहती हैं, लेकिन शरीर के बल्की होने के डर से वेटलिफ्टिंग से घबराती हैं। हालांकि, वेटलिफ्टिंग, स्ट्रेंथ एक्सरसाइज 40 से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए एक नियमित शरीरिक गतिविधि होनी चाहिए, क्योंकि यह मांसपेशियों को टोन करने, हड्डियों की डेन्सिटी बनाए रखने, फेट बर्न करने और आपके पूरे स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए वेट ट्रेनिंग जरूरी है। मगर इस दौरान जरा सी लापरवाही आपको चोटिल कर सकती है। इससे बचने के लिए कुछ चीजों (weightlifting tips to avoid injuries) को याद रखना जरूरी है।

पेरिमेनोपॉज़ में महिलाओं को अधिक होता है चोट लगने के खतरा

फिटनेस और वेलनेस एक्सपर्ट यश अग्रवाल बताते है कि प्रीमेनोपॉज़ल और पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में टेंडन और लिगामेंट की चोट के जोखिम अधिक होता है। उदाहरण के लिए, मेनोपॉज़ से पहले के वर्षों में एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट टूटने का जोखिम पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होता है।

weight lifting se bachen
वेट ट्रेनिंग करने से आपको सामान्य दिनों की तुलना में उचित परिणाम नहीं मिल पाता। चित्र : एडॉबीस्टॉक

जिस जगह महिलाओं को और अधिक चोट लगने का खतरा होता है वो है कंधे जिसे अक्सर फ्रोज़न शोल्डर भी कहा जाता है। इसका सबसे ज्यादा पता 40-60 वर्ष की उम्र वाली महिलाओं में होता है। सेक्स हार्मोन में बदलाव, कोलेजन की कमी अक्सर महिलाओं के कंधों को प्रभावित करती है।

जिम में चोट लगने से कैसे बचें (weightlifting tips to avoid injuries)

1 मांसपेशियों के अनुसार वॉर्मअप करें

ट्रेडमिल पर वार्म-अप को पांच या 10 मिनट माना जाता है। ये कोई बूरा विचार नहीं है लेकिन अगर आप कोई वेटलिफ्टिंग करने जा रहें है तो ये शायद थोड़ा गलत फैसला हो सकता है। एक अच्छा वार्म-अप किसी भी मीवमेंट के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए आपको अपनी मांसपेशियां के हिसाब से सबसे अच्छा मूवमेंट पैटर्न क्या होगा ये पता होना बहुत जरूरी है।

मान लीजिए कि लैग का दिन है और तो इसके लिए आपको अपने पैरों को वेट के साथ वार्म अप करना पड़ेगा क्योंकि इससे पैर ट्रेन होंगे। पैरों के लिए वॉर्म अप करने का सबसे अच्छा तरिका है कि आप स्क्वैट्स करें। बॉडी-वेट स्क्वैट्स, बिना वजन के स्क्वैट्स, या बिना प्लेट वाले बारबेल के साथ बैक स्क्वैट्स वार्म-अप के लिए एक अच्छा विकल्प है।

मांसपेशी के अनुसार वार्म-अप सेट का दूसरा उद्देश्य पसीना बहाकर काम करने के लिए शरीर को तैयार करना है। इसके लिए आपको पहले कम वजन और फिर धीरे धीरे ज्यादा वजन की और बढ़ना है।

weight lifting ke fayde
चोट को रोकने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक मूवमेंट करते समय सबसे कमजोर बिंदू पर ध्यान देना। चित्र- अडोबी स्टॉक

2 धीरे से शुरूआत करते हुए तेजी की तरफ बढ़ें

मांसपेशियों में तनाव के समय को बढ़ाने के लिए शक्ति प्रशिक्षण में गति में बदलाव करें, जो मांसपेशियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हर रैप में 3-4 सेकंड का लक्ष्य रखते हुए, निचले चरण को धीमा करें। इसी तरह, मांसपेशियों के संकुचन पर जोर देते हुए उठाने के चरण को नियंत्रित करें।

पोल

नवरात्रि उपवास वेट लॉस में मददगार हो सकते हैं?

मूवमेंट में आप थोड़ा थोड़ा रूक सकते है, इसमें आइसोमेट्रिक होल्ड को शामिल करें। सेट में दोहराव की गति बदलती रहें, धीमी गति से शुरू करके मांसपेशियों को थकाएं, फिर गति बढ़ाएं। पिरामिड गति का उपयोग करें, धीमी गति से शुरुआत करें और तेज़ गति की ओर बढ़ें।

ये रणनीति मांसपेशियों की सक्रियता को बढ़ाती है और विकास करने में मदद करती है। जिससे ताकत में सुधार होता है। गति में बदलाव करके आपको चोट को रोकने में मदद मिलती है।

3 मूवमेंट को पूरा करने पर ध्यान दें

चोट को रोकने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक मूवमेंट करते समय सबसे कमजोर बिंदू पर ध्यान देना और उसे ट्रेम करना बहुत जरूरी है। आपको मांसपेशियों के विकास को बढ़ाने के लिए गति की पूरी श्रंखला पर ध्यान देना चाहिए। कई बार मूवमेंट को हम पूरा करने की बजाय बीच में ही छोड़ देतें हैं। चोट से बचने के लिए मूवमेंट की पूरी श्रृंखला करना बहुत जरूरी है।

BMI

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें

ये भी पढ़े- आप 30 की हैं, 40 की या 50 की, अपने वर्कआउट रुटीन में जरूर शामिल करें ये 6 योगासन

लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

अगला लेख