योग हर किसी के लिए जरूरी है, चाहे आपकी उम्र और क्षमता कुछ भी हो। बच्चा भी योग का अभ्यास कर सकता है। योग विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि 5 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चे योग का अभ्यास शुरू कर सकते हैं। योग शुरू करने में कभी देर नहीं होती है। मन और शरीर की मजबूती के लिए योगासन जरूरी हैं। यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। इससे लंबे समय तक युवा महसूस करने और दिखने में मदद मिलती है। इसलिए कुछ ख़ास योगासन हर उम्र में करना (yogasana at every age) चाहिए।
योग शारीरिक गतिविधि, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, माइंडफुलनेस और ध्यान के लिए प्रेरित करती है। यह शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, इमोशनल वेलनेस में सुधार करता है, संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ाता है। यह हड्डियों को मजबूत करता है, ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है और सामाजिक संबंध को बढ़ावा देता है।
योग आसन के अभ्यास से शक्ति और लचीलापन विकसित होता है। इससे नसों को आराम मिलता है और मन शांत होता है। आसन मांसपेशियों, जॉइंट्स, स्किन और शरीर के ग्लैंड, नर्व्स, आंतरिक अंगों, हड्डियों, सांस और मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं।
योग प्रशिक्षक डॉ. स्मृति अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘कुछ योगासन हर उम्र में किये जा सकते हैं। शरीर को मध्य में रखते हुए सांस लें। शरीर को साइड की तरफ रखने के दौरान छोड़ें। सांस लेते हुए शरीर को ऊपर करें, सांस छोड़ते हुए नीचे जाएं।
डॉ. स्मृति बताती हैं, ‘यह आसन शरीर को टॉक्सिन फ्री करता है, पाचन में सुधार करता है। यह पैंक्रीआज़ और लीवर को स्वस्थ रखता है और बैकबोन को स्वस्थ रखता है।
कैसे करें अर्धमत्स्येन्द्रासन (How to do Ardhamatsyendrasana)
. फर्श पर बैठ जाएं।
. दाहिने पैर को घुटने से मोड़ें।
. बाएं पैर के घुटने को ऊपर उठाते हुए मोड़ें।
. दाहिने हाथ को पीछे की ओर फैलाएं और हथेली को पीठ के पीछे फर्श पर सपाट रखें।
. बाएं हाथ को सिर के ऊपर उठाएं।
. समान रूप से सांस लेते हुए 30 सेकंड तक पोज बनाए रखें।’
डॉ. स्मृति बताती हैं, ‘डायबिटीज के मरीज को ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद करता है। फेफड़ों की शुद्धि और दिमाग को आराम देने के लिए वक्रासन किया जा सकता है। यह वजन घटाने में मदद कर शरीर को लचीला बनाता है। यह पीठ और गर्दन के दर्द से भी राहत दिलाता है।’
कैसे करें वक्रासन (How to do Vakrasana)
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करें. दाहिने हाथ को बाएं घुटने के विपरीत दिशा में रखें।
.अब अपनी पीठ घुमाएं, पीछे देखें और ऊपर देखें।
.सामान्य रूप से सांस लेते हुए पोज बनाए रखें।
फिर गर्दन और सिर को सीधा करके और हाथों और पैरों को फ्री करके मूल स्थिति में लौट आएं।
यह प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करता है। यह पाचन में सुधार, बैकबोन की गतिशीलता और स्किन में सुधार करता है।
कैसे करें अर्ध पश्चिमोत्तानासन (How to do Ardha paschimottanasana)
अपना पैर उठाएं और दाहिने पैर के ऊपरी हिस्से को बाएं कूल्हे की क्रीज पर रखें।
अब दाहिने हाथ को पीठ के चारों ओर ले आएं।
दाहिने पैर को बांधने के लिए पकड़ लें।
सांस छोड़ें और आगे की ओर मोड़ने से पहले बैकबोन को ऊपर उठाएं।
पांच सांस तक यहीं रुकें।
अत्यधिक योनि स्राव हो रहा है, तो मार्जरीआसन इससे राहत देने में मदद कर सकता है। यह मेंस्ट्रुअल हेल्थ को हेल्दी बनाने में मदद करता है। यह थायराइड सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह नर्वस सिस्टम को शांत करता है।
कैसे करें मार्जरीआसन ((How to do Marjariasana)
. मार्जरीआसन शरीर के सभी अंग पर प्रभाव डालता है।
.घुटनों को हिप्स के नीचे और हाथों को कंधों के नीचे रखना है।
. सांस लें और पेट को नीचे गिराते हुए शरीर की हड्डियों और टेलबोन को ऊपर उठाएं।
. सांस छोड़ें, शरीर को छत की ओर पीछे की ओर खींचें और सिर नीचे झुकाएं।
प्रसव के बाद शरीर को रीजुवेनेट करने, थायरॉइड हेल्थ, प्रजनन स्वास्थ्य को दुरुस्त करती है।
मार्जरीआसन की सभी मुद्रा करें।
. इसके बाद 1 पैर को पीछे की ओर खींचते हुए सिर की तरफ ले जाने की कोशिश करें।
. यह प्रक्रिया दूसरे पैर के साथ भी दोहराएं।
. एक पैर को स्थिर रखना है।
भुजंगासन पेट को टोन करता है। बेली फैट कम करने में मदद करता है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द काम करने का सबसे बढ़िया उपाय है। इससे शरीर का लचीलापन बढ़ता है।
कैसे करें भुजंगासन (How to do Bhujangasana)
. आराम की मुद्रा में पेट के बल लेट जाएं।
. धीरे-धीरे पैरों को पास लाएं।
. आर्म्स को इस प्रकार हिलाएं कि वे कोहनी पर मुड़ी हुई हों और हथेलियां कंधों के करीब हों।
. कोहनियों को फर्श से थोड़ा ऊपर (yogasana at every age) उठाएं।
. शरीर के धड़ को जमीन से ऊपर उठाएं।
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