सर्दी के मौसम में अक्सर बालों को जल्द ड्राई करने के लिए हेयर ड्रायर का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं पार्टी के लिए खुद को तैयार करने के लिए हीट स्टाइलिंग टूल की मदद ली जाती है। हर बार हेयर स्टाइलिंग के लिए अगर हीटिंग प्रोसेस का प्रयोग किया जाता है, तो वो बालों के टैक्सचर को कई प्रकार से प्रभावित करता है। इससे न केवल बालों का रूखापन बढ़ने लगता है बल्कि वे कमज़ोर होकर टूटने व झड़ने भी लगते हैं। हीटिंग टूल्स के नियमित इस्तेमाल से बालों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। जानते हैं रूखे और बेजान बालों को हेल्दी बनाए रखने के लिए कौन सी टिप्स हैं कारगर (tips to deal with heat damaged hair)।
हीट डैमेज हेयर उन बालों को कहा जाता है, जो हाई टैम्परेचर की चपेट में आने से अपनी शाइन को खोने लगते हैं। आमतौर पर स्टाइलिंग टूल के लिए फ्लैट आयरन, कर्लिंग आयरन और हेयर ड्रायर का इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, बाल केराटिन नामक प्रोटीन से बने होते है और बार बार हीट के संपर्क से बालों को मज़बूती प्रदान करने वाले प्रोटीन बॉण्ड टूटने लगता है। इस बारे में कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ जतिन मित्तल का कहना हैं कि हीटिंग प्रोसेस से बालों की नमी को नुकसान होने लगता है। इसके चलते वो शुष्क हो जाते हैं, जिससे टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
बालों में रूखेपन का बढ़ना
स्प्लिट एंड्स से जूझना
डलनेस की समस्या
हेयर कलर में परिर्वतन महसूस होना
नमी की कमी पाए जाना
बालों के बीचों बीच उंगलिया फैरान से टूटने की आवाज़ का आना
स्प्लिट एंड्स को हटाने और बालों को झड़ने से रोकने के लिए नियमित तौर पर बालों को ट्रिम करवाएं। इससे बालों की ओवरऑल हेल्थ और लुक को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। ट्रिम से बालों की ग्रोथ भी बेहतर तरीके से होने लगती है।
बालों को नमी और पोषण को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से डीप कंडीशनिंग के प्रोसेस को फॉलो करें। डॉ मित्तल के अनुसार ऐसे हेयर प्रोडक्ट्स को चुनें, जिसमें केराटिन, आर्गन ऑयल या शिया बटर जैसे तत्व शामिल हों। इससे बालों का रूखापन कम होने लगता है।
प्रोटीन ट्रीटमेंट लेने से बालों की खोई नमी लौट आती है। इससे बालों में फिर से प्रोटीन की मात्रा को बैंलेंस किया जाता है, जो हीटिंग के चलते कम होने लगती है। इसके लिए बालों के टैक्सचर को ध्यान में रखते हुए प्रोटीन ट्रीटमेंट का चुनाव करें और प्रोडक्टस के इस्तेमाल पर भी ध्यान दें।
बालों को हेल्दी और मुलायम बनाए रखने के लिए हीट स्टाइलिंग टूल्स से बचें। जहां तक संभव हो सामान्य तापमान और हवा में ही बालों को सुखाने का प्रयास करें। इससे बालों का मॉइश्चर बरकरार रहता है। साथ ही नेचुरल हेयर स्टाइल को अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं।
बालों की हीटिंग से बचाने के लिए हीट प्रोटेक्टेंट स्प्रे या सीरम को बालों पर अप्लाई करें। इससे बालों पर हाई टैम्परेचर का प्रभाव कम होता है और प्रोटीन की मात्रा भी बनी रहती है। बालों की लंबाई और वॉल्यूक के हिसाब से माइल्ड सीरम को बालों की लैन्थ पर अप्लाई करें।
हेयर स्टाइलिंग में हीटिंग के साथ कूलिंग स्टाइल उपकरण भी उपलब्ध होते हैं। इनकी मदद से बालों के टैक्सचर को नुकसान पहुंचाए बगैर उन्हें स्टाइलिंग के लिए प्रयोग कर सकते हैं। टैम्परेचर सेटिंग्स का ख्याल अवश्य रखें ताकि बालों को किसी प्रकार के नुकसान से बचा जा सके।
अगर आपके बाल गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो रहे हैं और ज्यादा मात्रा में झड़ रहे हैं, तो ऐसे में ट्राइकोलॉजिस्ट या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। वे बालों के बढ़ रहे पतलेपन को कम करने के लिए संभव उपचार आरंभ कर सकते हैं।
बालों का वॉल्यूम तेज़ी से घटना किसी समस्या का संकेत हो सकता है। अगर आपके स्कैल्प पर गंजापन बढ़ रहा है, तो चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है। इससे हेयरफॉल के रूट कॉज़ को आसानी से पहचाना जा सकता है। ।
हीट से बालों को होने वाले नुकसान से अगर घरेलू नुस्खों के बावजूद भी समस्या हल नहीं हो पा रहा है, तो ये बालों के लिए अलार्मिंग साइन हो सकता है। ऐसे में समस्या को समझकर उसका उपचार करने के लिए डॉक्टर की मदद लें।
कई बार स्कैल्प इंफेक्शन भी बालों के झड़ने की समस्या को बढ़ा देता है। ऐसे में हेयरफॉल से बचने के लिए संक्रमण का इलाज ज़रूरी है। इंफेक्शन के चलते स्कैल्प पर लालिमा, सूजन व दर्द की संभावना बढ़ने लगती है। इससे राहत पाने के लिए उपचार ज़रूरी हैं।
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