कई वर्षों से कलौंजी के बीज का उपयोग ब्रेड, सब्जी, मछली और दाल तड़के में फ्लेवरिंग एजेंट की तरह होता आ रहा है। कलौंजी अपने एंटीहिस्टामाइन और एंटीफंगल गुणों के लिए जानी जाती है। काले रंग के ये छोटे बीज सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद हो सकते हैं। कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने से लेकर वजन घटाने तक में यह मददगार होते है। कलौंजी को अनियन सीड्स और निगेला सीड्स (onion seeds or nigella seeds) के नाम से भी जाना जाता है। यह हाई ब्लड शुगर को संतुलित रखती है। पर क्या आप जानती हैं, कि बालों (Kalonji for hair) के लिए यह एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व साबित हो सकती है! जी बिल्कुल सही! कलौंजी के फायदे कभी खत्म न होने वाली किताबों जैसे हैं।
हेल्थ शॉट्स ने डर्मेटोलॉजिस्ट और कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ अंशिका कुकरेजा से इस बारे में बातचीत की, तो चलिए डॉक्टर से जानते हैं, कलौंजी के आपके बालों के लिए फायदे।
1. कलौंजी बालों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए इसे रेडिकल्स के प्रभाव से मुक्त रहने में मदद करती है।
2. रूखे, सूखे और बेजान बालों में कलौंजी का तेल नमी बनाए रखने में मदद करता है।
3. कलौंजी मास्क की एंटीफंगल प्रॉपर्टी बालों से डैंड्रफ को खत्म करने में मदद करती हैं।
4. इसके ऑयल से स्कैल्प की मसाज करना स्कैल्प इर्रिटेशन और इचिंग को कम करता है। कलौंजी ऑयल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी एक्शन स्कैल्प को एलर्जी फ्री रखते हैं।
5. नियमित रूप से इन बीजों का इस्तेमाल बाल झड़ने की समस्या को कम करने के साथ ही बालों को घना और खूबसूरत बनाता है।
ऊपर बताए गए सभी फायदे खुद में बहुत खास हैं। परंतु वायरल एक रील में यह दावा किया गया है, कि कलौंजी के बीज सफेद बालों को काला करने में मदद कर सकते है।
हमने इस बारे में डॉक्टर कुकरेजा से पूछा, आपको बता दें कि डॉक्टर कुकरेजा हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन भी है। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि “बढ़ती उम्र के साथ बालों के फॉलिकल्स से मेलानिन नामक कलर सेल्स खत्म होने लगते हैं। जिसके कारण बाल सफेद हो सकते है। कुछ अध्ययनों की मानें तो कलौंजी के तेल मेलानिन की कमी को पूरा करते हैं और बालों के प्राकृतिक रंग को बनाए रखने में रखते हैं। यह आपके काले और हेल्दी बालों की अवधि को भी बढ़ा सकते है।
आगे डॉक्टर कहती है, कि यदि मेरी मानें तो कलौंजी के बीज प्रीमेच्योर सफेद बालों को बढ़ने से रोकते हैं, और हेयर एजिंग प्रोसेस को भी धीमा कर देते हैं।
यह कहना बिल्कुल भी उचित नहीं है, कि बालों को सफेद होने से पूरी तरह रोका जा सकता है, परंतु यदि उचित देखभाल दी जाए तो हेयर एजिंग की अवधि को धीमा किया जा सकता है।
डॉक्टर कुकरेजा कहती है, कि अकेला कलौंजी का तेल या अधिक मात्रा में इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसे हमेशा किसी अन्य तेल, जैसे जैतून, बादाम और नारियल तेल के साथ मिलाकर ही लगाना चाहिए। हालांकि, जिन्हें डैंड्रफ की समस्या है वह नारियल और कलौंजी के तेल के मिश्रण का इस्तेमाल न करें, अन्यथा यह डैंड्रफ को और ज्यादा बढ़ा सकता है। तेल को बालों की जड़ों के साथ-साथ निचले हिस्सों पर भी लगाएं।
वे साथ ही सुझाव देती हैं, “किसी भी चीज का अधिक उपयोग हानिकारक हो सकता है। तो कलौंजी के उचित परिणाम के लिए इसे सप्ताह में केवल 1 से 2 बार लगाने का प्रयास करें। अन्यथा इसका प्रभाव गलत रूप में सामने आ सकता है। यदि किसी को इरिटेशन और एलर्जिक रिएक्शन महसूस हो रहा है, तो फौरन कलौंजी से बने किसी भी नुस्खे का इस्तेमाल रोक दें। और जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें।”
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