इस बदलते मौसम सर्दी-खांसी, कफ जैसे संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में इनसे बचाव के लिए शरीर को तैयार करना बेहद आवश्यक है, इम्यूनिटी को मजबूत बनाने से लेकर समय-समय पर बॉडी को डिटॉक्स करते रहने से इन सभी परेशानियों से बचाव में मदद मिलती है। इसके लिए आपको अधिक मेहनत करने की आवश्यकता नहीं है, कुछ खास आयुर्वेदिक नुस्खे हैं, जो इनसे बचाव में आपकी मदद कर सकते हैं।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ चैताली राठौड़ ने इस बदलते मौसम शारीरिक संक्रमण से बचाव के लिए कुछ खास आयुर्वेदिक नुस्खे सुझाए हैं। तो चलिए जानते हैं, इन नुस्खों के बारे में, साथ ही जानेंगे यह किस तरह से काम करते हैं (ayurvedic remedies for cold and cough)।
हल्दी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। इसके साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट का एक बेहतरीन स्रोत है। ताजी अदरक और सूखे अदरक दोनों ही हानिकारक बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करते हुए आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं, जिससे कि संक्रमण फैलाने वाले कीटाणु आपको प्रभावित नहीं करते। इतना ही नींद दालचीनी और काली मिर्च में भी एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, साथ ही साथ इनमें मौजूद अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व बॉडी को डिटॉक्स कर इन्हें संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करते हैं।
इसे बनाने के लिए आपको चाहिए – एक कप गाय का दूध उबालें, कच्ची हल्दी, ताजी अदरक, सूखी अदरक, दालचीनी का एक छोटा टुकड़ा और काली मिर्च
इस तरह तैयार करें
दूध को हल्का गुनगुना होने दें, फिर इसमें कच्ची हल्दी, ताजी अदरक, सूखी अदरक, दालचीनी का एक छोटा टुकड़ा और काली मिर्च डालें।
अब इन्हें एक साथ लगभग 5 मिनट तक उबलने दें, उसके बाद इसे छान लें और गर्मा गर्म पियें।
एक बार में केवल एक कप दूध लें। दिन में केवल एक बार इसका सेवन करें।
मुलेठी की चाय गले की खराश और कफ के जवाब से राहत पाने का एक सबसे बेहतरीन और प्रभावी घरेलू उपचार साबित हो सकती है। यह इन्फ्लेमेशन को कम कर देती है, जिससे कि गले की खरास से राहत पाने में मिलती है, साथ ही साथ यह छाती में जमे कफ को भी लुब्रिकेट कर इसे बाहर निकाल देती है। इतना ही नहीं मुलेठी में मौजूद प्रॉपर्टीज आपकी इम्यूनिटी को बढ़ावा देती हैं, जिससे संक्रमण आसानी से आपकी सेहत को प्रभावित नहीं कर पाते।
इसे बनाने के लिए आपको चाहिए – मुलेठी पाउडर या मुलेठी की स्टिक, एक कप पानी
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कस्टमाइज़ करेंइस तरह तैयार करें
एक छोटा कप पानी लें और उसमें उबाल आने दें।
इसमें 2-3 ग्राम मुलेठी पाउडर या मुलेठी की एक छोटी स्टिक डालें, अच्छी तरह मिलाएं और इसे घूंट-घूंट करके लें।
नोट: यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो इससे परहेज करें।
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हल्दी और सोंठ दोनों एंटीऑक्सीडेंट का एक बेहतरीन स्रोत हैं। इसके साथ ही इनमें एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज पाई जाती है, जो संक्रमण फैलाने वाले हानिकारक बैक्टीरिया के प्रभाव को कम कर देती हैं। शहर में सूदिंग प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो आपके गले एवं छाती को राहत प्रदान करती हैं। इसके साथ ही यह सभी एक साथ मिलकर इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं और शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार रखते हैं। इनके नियमित सेवन से आपको बदलते मौसम में पूर्ण रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी।
इसे बनाने के लिए आपको चाहिए – हल्दी 1/2 छोटी चम्मच, सोंठ 1/4 छोटी चम्मच, शहद 1 बड़ा चम्मच
इस तरह तैयार करें
आपको एक छोटी कटोरी में सोंठ, हल्दी और शहद को एक साथ मिला लेना है।
तैयार किए गए इस मिश्रण को दिन में एक या दो बार लें।
उपरोक्त लक्षणों से राहत पाने के लिए भाप लेना सबसे प्रभावी और अच्छा तरीका है। भाप लेने के लिए जड़ी-बूटियों का उपयोग कर सकती हैं।
अजवाइन (कैरम के बीज), तुलसी के पत्ते, हल्दी पाउडर, पुदीने के पत्ते, दालचीनी की छड़ी और नीलगिरी के तेल (1-2 बूंद) को गर्म पानी में डालकर इनसे भाप लें।
भाप लेने से बंद नाक से राहत मिलती है। साथ ही छाती में जमें हुए कफ को निकालने में भी मदद मिलती है।
गर्म पानी पीने से आपके अवरोधक कफ को कम करने में मदद मिलेगी।
जमे कफ को हटाने और छाती का रास्ता साफ करने के लिए गर्म पानी से गरारा करें।
खाद्य पदार्थों को पचाने में सुपाच्य भोजन की आवश्यकता होती है, क्योंकि इस समय हमारी पाचन अग्नि सबसे कम होती है, इसलिए पेट को हल्का और ताजा भोजन दें।
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