शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी है आपका मानसिक स्वास्थ्य और ब्रेन का ध्यान रखना। ब्रेन आपके शरीर के सभी फंक्शन को संतुलित रखने में मदद करता है। ऐसे में ब्रेन के प्रति बरती गई छोटी सी लापरवाही न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी नुकसानदेह हो सकती है। हालांकि, नियमित दिनचर्या की कई ऐसी गतिविधियां हैं, जो आपके ब्रेन की सेहत के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। वहीं इन गतिविधियों में समय रहते सुधार न करने से आपका मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ नियमित गतिविधियों के बारे में जो आपके ब्रेन को डैमेज (habits that damage your brain) कर सकती हैं।
भारतीय योगा गुरु, योगा इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और टीवी की जानी-मानी हस्ती डॉक्टर हंसाजी योगेंद्र ने ऐसी ही 6 नियमित आदतों पर बातचीत की है, जो ब्रेन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं। तो आइए जानते हैं उन गतिविधियों के बारे में और आज से ही इन गतिविधियों में सुधार करना शुरू कर दें।
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जरूरत से ज्यादा काम करने के कारण आमतौर पर लोगों का दिमाग तनाव से घिरने लगता है। वहीं इसके कारण आपकी सेहत खराब होने लगती है, जिसे हम कहीं न कहीं नजरअंदाज करके अपने काम को जारी रखते हैं। और ऐसा करते हुए हम अपने मानसिक स्वास्थ्य और ब्रेन को बुरी तरह प्रभावित कर देते हैं।
तनाव और बीमारी में शारीरिक और मानसिक किसी तरह का भी काम करने से शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए जब आप बीमार हों तो अपने शरीर को पर्याप्त आराम दें। क्योंकि ऐसा करने से आपके शरीर के साथ-साथ ब्रेन को भी उचित आराम प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
अधिक मात्रा में रिफाइंड शुगर के सेवन से ब्रेन और शरीर द्वारा प्रोटीन और आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है। जिसके कारण विभिन्न प्रकार के ब्रेन डिसऑर्डर जैसे कि मेमोरी लॉस, लर्निंग डिसऑर्डर, हाइपरएक्टिविटी और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ब्रेन के साथ समग्र शरीर की सेहत को बनाए रखने के लिए कम से कम मात्रा में शुगर का सेवन करें।
स्मोकिंग हमारी सेहत के लिए कितना हानिकारक है, इससे तो आप सभी वाकिफ होंगी। हालांकि, यह न केवल लंग्स और हार्ट को प्रभावित करता है, बल्कि इसके कारण ब्रेन के कई सेल्स भी सिकुड़ जाते हैं। वहीं यह डिमेंशिया, अल्जाइमर जैसे कई अन्य ब्रेन डिसऑर्डर की समस्या का कारण बनता है।
दिन भर में एक उचित समय के लिए एंटरटेनमेंट जैसे कि म्यूजिक सुनना, सोशल मीडिया पर दोस्तों से बातें करना, किसी तरह के टेलीविजन शो देखने जैसी गतिविधियों में शामिल होना मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उचित होता है। वहीं जरूरत से ज्यादा और लंबे समय तक एंटरटेनमेंट के साधनों में उलझे रहने के कारण डिप्रेशन, एंजाइटी, लो सेल्फ एस्टीम, सेल्फ हार्मिंग थॉट, अकेलापन इत्यादि जैसे ब्रेन डिसऑर्डर की संभावना बनी रहती है।
ऐसी किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए अपने फ्री टाइम को उचित गतिविधियों को करने में व्यक्त करें। इसके साथ ही अपने एंटरटेनमेंट के साधनों की क्वालिटी और क्वांटिटी का भी ध्यान रखना जरूरी है।
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सूरज की किरणों के संपर्क में न आना और अपने दिन का एक लंबा समय अंधेरे में बिताने से आपके शरीर में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन कम हो जाता है। यह हॉरमोन आपके मूड को संतुलित रखता है। डार्कनेस और अंधेरा आपके ब्रेन में मेलाटोनिन के प्रोडक्शन को असंतुलित कर देता है। मेलाटोनिन एक प्रकार का केमिकल है, जो आपके स्लीप पेटर्न को संतुलित रखता है।
कई स्टडी का मानना है, कि लंबा समय अंधेरे में व्यतीत करने से ब्रेन स्ट्रक्चर में भी बदलाव होने की संभावना बनी रहती है। जिसके कारण मेमोरी और लर्निंग एबिलिटी पर नकारात्मक असर पड़ता है। ऐसे में इन सभी असुविधाओं से बचने के लिए सूरज की किरणों का आनंद उठाएं, और अपनी खिड़की और दरवाजे को खुला रखें।
नींद हमारी समग्र सेहत के लिए काफी ज्यादा जरूरी है। खासकर मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए उचित नींद लेना अनिवार्य है। ऐसे में उचित नींद न लेना आपके याददाश्त को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। इसके साथ ही आपकी डिसीजन मेकिंग एबिलिटी भी कहीं न कहीं प्रभावित होती है। जब आप सो रही होती हैं, उस दौरान सेरेब्रॉस्पाइनल फ्लुएड आपके ब्रेन में फ्लोट कर रहा होता है। जो एक्सेस प्रोटीन को बाहर निकालने में मदद करता है।
पर्याप्त नींद न लेने से यह प्रोटीन बाहर नहीं आ पाती जिसके कारण अल्जाइमर और मेमोरी लॉस जैसे ब्रेन डिसऑर्डर डिजीज होने की संभावना बनी रहती है। ऐसी असुविधाओं से बचने के लिए हर रोज लगभग 7 से 8 घंटे की हेल्दी स्लीप जरूर लें।
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