जब आप किसी रिश्ते की शुरूआत करते हैं, तब सिर्फ प्यार नजर आता है। पर जैसे-जैसे समय बीतता है, आप एक-दूसरे को एक्सप्लोर करते हैं, तो बहुत कुछ अच्छा और बहुत कुछ बुरा भी दिखाई देने लगता है। थोड़ी-बहुत नोंक-झोंक हर रिश्ते में होती है। पर कभी-कभी असहमतियां इतनी ज्यादा हो जाती हैं, कि आप दोनों एक-दूसरे से अलग होने का फैसला करते हैं।
रिलेशनशिप में आने से पहले लोग कुछ नहीं सोचते है बस उस समय प्यार दिखाई देता है। लेकिन उस समय ये बात समझ नहीं आती है कि ये प्यार है या लगाव लेकिन जब लाइफ की हकीकत धीरे-धीरे सामने आने लगती है तो लड़ाई झगड़े बढ़ने लगते है। तब प्यार और लगाव में अंतर समझ आने लगता है। जिसके बाद लोग ब्रेक अप कर लेते है।
ब्रेकअप की कई वजह हो सकती हैं जैसे विचारों का न मिलना, एक-दूसरे की रेस्पेक्ट नहीं करना, संगति न मिलना, केयर नहीं करना, केवल लगाव को प्यार समझना, टॉक्सिक रिलेशनशिप और भी ऐसे कई कारण हो सकते है, जो आपके ब्रेकअप की वजह बन सकते हैं।
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ब्रेकअप के बाद अपने पार्टनर के साथ बिताए गए लम्हों को भूलना काफी मुश्किल हो सकता है। समय के साथ आप आपने आपको संभाल लेते हो, लेकिन वो यादें आप नहीं भुला पाते हो जो आपने अपने एक्स के साथ बिताई होती है। वो यादें या तो आप अच्छे लम्हें याद करके करते हो या फिर पुरानी फोटो को देख कर आप उन्हे याद करते हो।
इन अच्छी यादों में आप इतना खो जाते हैं कि एक स्तर पर आकर आप बुरी चीजें भूल जाते हैं जो अपके साथी ने आपके साथ की होती हैं। कई लोग इसके बाद वापस अपने एक्स के पास जाने का निर्णय लेते हैं। पर उन्हें नहीं पता होता है कि अप उन मुठ्ठीभर यादों की वजह से उनके पास वापस जाने के बारे में सोच रहीं है या वास्तव में आप दोनों को एक-दूसरे के साथ वापस आना चाहिए?
यह किसी भी रिश्ते की सबसे पहली जरूरत है। आपको उनके बारे में सोचने से पहले यह जरूर चेक करना चाहिए कि आप दाेनों का बातचीत का स्तर क्या है।
बातचीत या संचार किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाता है। अगर आप उनसे बात करते हुए कम्फर्टेबल नहीं हैं, तो इस रिश्ते में लौटना आपके लिए सही नहीं होगा। अगर पुरानी यादों में आपको उनका चिल्लाना, बदतमीजी से बात करना और आपका सम्मान न करना भी शामिल है, तो यह आपके लिए एक और खराब शुरूआत होगी।
वहीं अगर इस दूसरी मुलाकात या दूसरी शुरूआत में वे आपसे बात करना चाहते हैं, आपको सुनना चाहते हैं, तो आप उन्हें दोबारा एक और मौका दे सकती हैं। असल में आपको एक ऐसे पार्टनर की जरूरत है जो आपकी केयर करे और आपको सम्मान भी दे। इज्जत न करना किसी भी रिलेशन में सबसे बड़ा रेड फ्लैग होता है।
सहमति और असहमति हर रिश्ते में होती है, लेकिन उसकी वजह से अपने पार्टनर पर हावी हो जाना बिल्कुल भी सही नहीं है। एक अच्छे रिश्ते में स्वस्थ बहसों की गुंजाइश बची रहती है।
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भारत में, खासतौर से मध्यम वर्ग में ज्यादातर स्त्रियां अपने पार्टनर का सम्मान तो करती हैं, पर उनके साथ एक दाेस्त की तरह सहज नहीं हो पातीं। जबकि दोस्ती किसी भी रिश्ते का मूल है। किसी भी रिश्ते के शुरू होने के लिए दोस्ती सबसे महत्तवपूर्ण है। अगर आप अपने एक्स पार्टनर के साथ एक दोस्त की तरह सहज नहीं हैं, तो सिर्फ कुछ मूमेंट्स के लिए या दूसरों को दिखाने के लिए उनके साथ होना आपको और भी तनाव में डाल सकता है।
दोस्ती ही एक लंबे और स्थिर रिश्ते की वजह बनती है। वैज्ञानिक शोध भी यही मानते हैं कि आप उन्हीं के साथ ज्यादा सुखी रह सकते हैं, जिनके साथ आप दोस्त की तरह सहज हैं।
आपको अब भी याद है कि उन्होंने आपको धोखा दिया था। इसलिए न चाहते हुए भी आपने उन्हें छोड़ने का फैसला किया। पर एक समय के बाद आप उनके पास वापस लौटना चाहती हैं। पर क्या अब आप उन्हें वाकई माफ कर चुकी हैं? या क्या आप उन पर पहले की तरह भरोसा कर पाएंगी?
आपको ये सवाल अपने आप से पूछने हैं। अगर इनका जवाब हां है, तभी आपको उनके पास वापस लौटने का फैसला करना चाहिए। पर इसके साथ यह भी जरूरी है कि आप उन्हें फिर से परख लें, कि क्या वाकई वह भरोसा करने के लायक है भी या नहीं?
दोबारा किसी ऐसे रिश्ते में शामिल होना, जहां आप हर पल असुरक्षित महसूस करती रहें, आप दोनों के लिए ही खतरनाक है।
सुनने में भले ही अजीब लगे पर ज्यादातर लोग लव और लस्ट या एडिक्शन के बीच अंतर नहीं कर पाते। जब आप किसी के साथ लंबे समय तक रहते हैं या बात करते हैं, तब आपको एक-दूसरे की आदत होने लगती है। जबकि प्यार में आप न केवल एक-दूसरे के साथ होना चाहते हैं, बल्कि एक-दूसरे का सम्मान और स्पेस का भी ख्याल रखते हैं।
सोशल मीडिया पर और बाज़ारों में वैलेंटाइन डे छाया हुआ है, आपकी सारी सहेलियां डेट प्लान कर रहीं हैं, सिर्फ इसलिए आपको अपने पार्टनर के पास लौटना है, तो यकीन मानिए यह फैसला मूर्खतापूर्ण होगा।
आप थोड़ा और समय लीजिए, दोनों की स्थिति और जरूरतों का आकलन कीजिए। उसके बाद ही तय कीजिए कि आपको उनके साथ जाना है या नहीं।
प्यार का अर्थ केयर, समर्पण और गहरा भावनात्मक लगाव होता है। इनके अभाव में कोई भी रिश्ता बहुत लंबा नहीं चल सकता।
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