आप में से कई ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हे सुबह उठते के साथ थकान का अनुभव होता हो। साथ ही कुछ लोग शरीर में अकड़न और दर्द का भी अनुभव करते हैं। इसका असर पूरी दिनचर्या पर पड़ता है। कई बार हम थकान की वजह से अपनी महत्वपूर्ण कार्यों को स्किप कर देते हैं। हालांकि, पुरे दिन काम करने के बाद शाम के समय थकान का अनुभव होना सामान्य हो सकता है, परन्तु पूरी रात सोने के बाद सुबह थकान होने की आखिर क्या वजह हो सकती है? सुबह की थकान (Morning tiredness) के लिए कई सामान्य स्थितियां जिम्मेदार हो सकती हैं।
यदि आपको भी सुबह उठते के साथ थकान का अनुभव होता है तो आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानें इसके पीछे छिपे कुछ सामन्य कारण। इन्हे समझें और इनमें से आप क्या गलती कर रही हैं उसे पहचानें और फ़ौरन इसपर काम शुरू करें।
ब्लू लाइट निकालने वाले आर्टिफिशियल लाइटिंग डिवाइस, जो मेलाटोनिन के स्राव को दबा देते हैं, सुबह की थकाने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। यह एक हार्मोन है जो आपके शरीर की सर्कैडियन रिदम को रेगुलेट करने में मदद करता है। मेलाटोनिन की कमी से आपके लिए रात में अच्छी नींद लेना कठिन हो जाता है, जिससे अगली सुबह आपको थकान महसूस होती है।
ज़ेन मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, मुंबई में परामर्श चिकित्सक और संक्रमण रोग विशेषज्ञ डॉ. विक्रांत शाह कहते हैं कि यदि आपको थायराइड की समस्या है, तो आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसकी वजह से सुबह उठने पर आपको थकान महसूस हो सकती है। थायराइड की स्थिति में बहुत कम या बहुत अधिक थायराइड हार्मोन का उत्पादन होता है, जिससे आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म बिगड़ जाता है। यह नींद की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है, जिससे सुबह उठने पर थकान का अनुभव हो सकता है।
डिहाइड्रेशन से शरीर में अमीनो एसिड की उपस्थिति कम हो जाती है, जिससे मेलाटोनिन के उत्पादन पर असर पड़ता है। पर्याप्त मेलाटोनिन के बिना, रात को अच्छी और पर्याप्त नींद लेना मुश्किल हो जाता है, जिससे दिन के दौरान थकान महसूस कर सकती हैं।
स्लीप एनवायरनमेंट आपकी स्लीप क्वालिटी को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। मैट्रेस संबंधी समस्या की वजह से सुबह उठते के साथ शरीर में अकड़न और दर्द का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा आपके रूप का अधिक ठंडा या अधिक गर्म टेम्प्रेचर भी इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हो सकता है। वहीं यदि आपके कमरे में अधिक आवाज आती है तो यह भी आपकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है इस स्थिति में नींद पूरी न होने पर सुबह की थकान का सामना करना पड़ता है।
पुरे दिन में अधिक बार कॉफ़ी पीने, खासकर दिन में 2 बजे के बाद कॉफ़ी या कैफीन युक्त अन्य ड्रिंक्स के सेवन से नींद आने में परेशानी हो सकती है। ज्यादा कैफीन आपकी रात की नींद की गुणवत्ता को बनाये रखने में परेशानी साथ ही फ्रिक्वेंट यूरिनेशन की स्थिति पैदा करता है। कॉफ़ी, चॉकलेट, और कुछ टी और ड्रिंक्स में कैफीन मौजूद होता है।
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कैफीन कुछ दवाओं में भी पाया जा सकता है, जिनमें कुछ नुस्खे और ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं भी शामिल हैं। यह सभी आपकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं और रात को उचित नींद प्राप्त न करने की वजह से अगले सुबह आप थकान और बॉडी पेन का अनुभव कर सकती हैं।
खून में आयरन का अपर्याप्त स्तर होने से आप सोते समय और अगली सुबह उठने पर थकान महसूस कर सकती हैं। डॉ. शाह के अनुसार “आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप आयरन युक्त आहार लें और यदि संभव हो तो आप आयरन की खुराक भी ले सकती हैं, लेकिन इससे पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। पालक, किशमिश, खुबानी, मटर, बीन्स, सी फूड्स, पोल्ट्री आदि को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।
स्लीप एपनिया की स्थिति में आपकी सांस के रिदम में रुकावट आती है। स्लीप एपनिया की स्थिति में खर्राटे, सोते समय हांफना, सूखे मुहं के साथ जागना, सुबह सिरदर्द का अनुभव होना, लंबी नींद के बाद थकान महसूस होने जैसे लक्षण शामिल हैं।
जो व्यक्ति सोचते हैं कि उन्हें स्लीप एपनिया हो सकता है, उन्हें डॉक्टर को दिखाना चाहिए। चिकित्सा उपचार हृदय की समस्याओं और अन्य संभावित जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है।
उपरोक्त में से किसी भी स्थिति के पता लगाने के लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले अपने रुटीन को ठीक करें। रात में अच्छी और गहरी नींद लें। इसके लिए बेडरूम हाइजीन का ख्याल रखना भी जरूरी है। इसके बाद भी अगर आप सुबह की थकान का अनुभव करती हैं, तो किसी विशेष स्वास्थ्य स्थिति का पता लगाने के लिए जरूरी है कि विशेषज्ञ से परामर्श करें।
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