ज्यादा नमकीन और ज्यादा मीठा दोनों ही स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होते है। लगातार हृदय संबधी समस्याओं से मरने वाले लोगों की तादाद में बढ़ोतरी हो रही है। दरअसल, गलत लाइफस्टाइल और अनहेल्दी इंटिंग इसका मुख्य कारण है। जो इंग्रीडिएंट हार्ट को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। वे हैं नमक और चीनी। दोनों की ही अधिकता आपके शरीर में हृदय संबधी समस्याओं के खतरे को बढ़ा देती हैं। जानते हैं कि किस प्रकार नमक और चीनी पहुंचाते हैं हृदय को नुकसान (Salt and sugar effects on heart)। इसके अलावा अपने हार्ट को हेल्दी के लिए किन बातों का रखें ख्याल।
हर साल वर्ल्ड हार्ट डे (World heart day) सेलिब्रेट करने का मकसद लोगों को हृदय संबधी समस्याओं के बारे में जानकारी देना है। जगह जगह करवाए जाने वाले कार्यक्रमों के ज़रिए लोगों को हार्ट संबधी समस्याओं और उनके बढ़ते खतरे के बारे में सचेत किया। जाता है। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन की ओर से इस साल की वर्ल्ड हार्ट डे थीम (World heart day theme) यूज हार्ट फॉर एवरी हार्ट (Use heart for every heart) सिलेक्ट की गई है। ताकि लोग हृदय रोगों को लेकर सतर्क रहें।
टेबल साल्ट दो मिनरल्स को कंबाइन करके बनता है। इसमें 40 फीसदी सोडियम और 60 फीसदी क्लोराइड पाया जाता है। दरअसल, खाने में नमक होने के बावजूद अधिकतर लोग उपर से नमक डालकर खाना पसंद करते है। 70 फीसदी नमक की प्राप्ति पैकड फूड से होती है। वहीं 15 फीसदी नेचुरल और 11 फीसदी नमक खाना पकाने में प्रयोग किया जाता है। एनसीबीआई के मुताबिक वे लोग जो हार्ट फेलियर (heart failure) और हृदय संबधी समस्याओं के शिकार हैं। उन्हें रोज़ाना सोडियम इनटेक 1500 मिली ग्राम से कम लेना चाहिए। जो बॉडी में वॉटर रिटेंशन, ब्लड प्रेशर और हार्ट डैमेज के खतरे को कम कर देता है।
नमक हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बेहद आवश्यक मिनरल है। अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन करने से हार्ट के अलावा ओवरऑल हेल्थ को नुकसान झेलना पड़ता है। वहीं भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के मुताबिक सोडियम का सेवन प्रति दिन में 5 ग्राम से कम होना चाहिए। नमक सोडियम का एकमात्र स्रोत नहीं है। इसके अलावा रोटी, पिज्जा, सैंडविच, पेय पदार्थ और चीज़ से भी सोडियम की प्राप्ति होती है।
यूरोपियन हार्ट जर्नल ओपन के अनुसार अगर आप 1,000 मिलीग्राम सोडियम (sodium) को डाइट में एड करते हैं। तो इससे केरोडिट आर्टरीज के नैरो होने का खतरा 9 फीसदी और कोरोनरी आर्टरीज के संकरी होने का जोखिम 16 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
प्रोसेस्ड शुगर व आर्टिफिश स्वीटनर सेहत के लिए बेहद हानिकारक साबित होते है। इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि आप जितनी शुरू अपने खाने में एड करते हैं। उतना ही हृदय संबधी समस्याओं का खतरा बढ़ने लगता है। इसके अलावा अत्यधिक शुगर वेटगेन का कारण बनने लगती है। इसके अलावा डाइबिटीज़ और हाई कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) का खतरा बढ़ जाता है।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी स्कूल ऑफ मेडिसिन के एक रिसर्च में पाया गया है कि अत्यधिक फैट्स और शुगर नॉन अल्कोहल फैटी लीवर का भी कारण बनने लगता है। इस रिसर्च में इन्टेस्टाइंस और फेफड़ों को जांचने के बाद पाया गया कि गट हेल्थ इससे प्रभावित होती है। जिसके कारण इसका असर लीवर पर भी दिखने लगता है।
वहीं अमेरिकन डायबिटीक एसोसिएशन की मानें, तो शुगर का इनटेक फीमेल में 24 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से बताया गया है। अन्यथा शरीर हृदय संबधी समस्याओं का शिकार हो जाता है। वहीं इंटरनेशनल मेडिसिन जर्नल के मुताबिक वे लोग जो दिनभर में 17 से लेकर 21 फीसदी कैलोरीज़ इनटेक करते हैं। उन्हें बहुत जल्द हार्ट संबधी समस्याएं अपनी चपेट में ले लेती हैं।
जब भी आप किसी खाद्य पदार्थ को खरीदने के लिए मार्किट जा रहे हैं। तो सबसे पहले लेबल पर लिखे इंग्रीडिएंटस और उसकी पर्सटेज को ज़रूर पढ़े। शुगर और नमक की 20 फीसदी या उससे ज्यादा डेली वेल्यू को लेना नुकसानदायक हो सकता है।
खाना घर पर ही तैयार करें। इससे आप अपनी आवश्यकतानुसार नमक को एड कर पाएंगे। दरअसल, खाने को लंबे वक्त तक चलाने के लिए उसमें अत्यधिक मात्रा में शुगर और सॉल्ट को एड किया जाता है। ऐसे में अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें और सप्ताह की एक फास्ट फूड मील को कट कर दें।
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कस्टमाइज़ करेंचीनी और नमक दोनों ही स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। अगर आप एक दम इन दोनों चीजों को मील से हटा देते हैं। तो इसका नकारात्मक प्रभाव आपकी बॉडी पर दिखने लगेगा। ऐसे में धीरे धीरे दोनों चीजों को कम करे। इसके अलावा लो सोडियम और शुगर लेस चीजों का प्रयोग करें।
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