इन दिनों हार्ट डिजीज की समस्याएं सबसे अधिक देखी जा रही हैं। हमारे द्वारा खाया जाने वाला खाद्य पदार्थ भी इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। इन दिनों प्रीजर्व किये गये फ़ूड सबसे अधिक खाए जा रहे हैं। सोडियम इनमें सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि सोडियम नमक का एक प्रमुख मिनरल है। यह शरीर के ब्लड फ्लो में तरल पदार्थ की सही मात्रा बनाए रखने में मदद करता है। जब इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है, तो यह शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इससे कई बीमारियों सहित हृदय की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। आइये जानते हैं हृदय की बीमारियों से बचाव के लिए कितना सोडियम लेना चाहिए। कौन से फ़ूड लेना (how to reduce sodium intake) चाहिए।
जब सोडियम का अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है, तो हमारी रक्त वाहिकाएं पानी अधिक सोखने लगती हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इसके कारण दिल उतनी अच्छी तरह पंप नहीं करता, जितना उसे करना चाहिए। यह तरल पदार्थ का निर्माण, वजन बढ़ना, सूजन का कारण बन जाता है। दिल अच्छी तरह पंप नहीं करने के कारण ही सूजन बढ़ जाती है। इसके लिए आहार में सोडियम की सही मात्रा लेने में सावधानी बरतने की ज़रूरत है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, आहार में 70% से अधिक सोडियम पैकेज्ड खाद्य पदार्थों और रेस्तरां में पकाए गए भोजन से आता है। हमेशा घर पर तैयार ताजा भोजन खाने से सोडियम की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन 2,000 मिलीग्राम सोडियम से अधिक नहीं लेना चाहिए।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन इस बात के लिए सतर्क करता है कि किसी भी खाद्य पदार्थ को खाने से पहले उसके खाद्य लेबल जरूर पढ़ें। कुछ खाद्य पदार्थ, जिन्हें आप नमकीन नहीं मानती हैं, जैसे ब्रेड या कुकीज़ में सोडियम की बहुत अधिक मात्रा हो सकती है। भोजन खरीदने से पहले यह जानने के लिए पैकेजिंग की जांच करें कि उसमें कितना सोडियम है।
न्यूट्रिशनल फैक्ट पैनल उस भोजन की एक सर्विंग में मिलीग्राम सोडियम के साथ ही दैनिक अनुशंसित मात्रा का प्रतिशत भी बताता है। यह एक सर्विंग से कितना सोडियम मिलता है, वह भी सूचीबद्ध करता है। यदि आप सोडियम फ्री फ़ूड ले रही हैं, तो उसमें भी प्रति सर्विंग 5 मिलीग्राम से थोड़ा कम सोडियम होता है।
न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार, ताज़े फल और सब्जियों को खाने का प्रयास करें। फ्रोजन फ़ूड में मक्खन, सॉस या मसाला के रूप में सोडियम हो सकता है। बेकन, लंचमीट, हॉट डॉग, सॉसेज, सलामी और हैम जैसे प्रोसेस्ड मीट में सोडियम की मात्रा सबसे अधिक होती है। स्मोक्ड या डिब्बाबंद मीट या फिश में भी सोडियम अधिक होता है। इसकी बजाय ताज़ी या आइस में रखी गई मछली, चिकन या अन्य मीट खरीदें। इन्हें खुद पका कर और सीज़न कर खाने की कोशिश करें। फ्रोजन बीन्स नहीं खाएं।
न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार, ओट्स, क्विनोआ और व्हीट जैसे साबुत अनाज लेने की कोशिश करें। फलों या ड्राई फ्रूट्स के साथ ले सकती हैं। न्यूट्रिशन फैक्ट लेबल पर 5% डीवी सोडियम या उससे कम वाले अनाज की तलाश करें। कोशिश करें कि पैकेज्ड अनाज कम से कम खाएं।अनसाल्टेड पॉपकॉर्न, क्रैकर, नट्स लें।
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार, दूध, दही और कई अन्य डेयरी प्रोडक्ट में स्वाभाविक रूप से नमक कम होता है। पनीर और बटर का चुनाव भी कम या बिना नमक वाले विकल्प की करें।
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार, डिब्बाबंद साल्सा, सैलेड ड्रेसिंग, सोया सॉस और अन्य चटनी प्रोसेस्ड होने के कारण अत्यधिक नमकीन हो सकते हैं। यदि यह घर का बना हो सबसे अच्छा (how to reduce sodium intake) है। यदि आप पहले से बना हुआ खरीदती हैं, तो कम या बिना सोडियम वाले प्रोडक्ट लें। पोर्शन साइज़ भी देखें। केचप जैसी चीज़ें एक चम्मच से अधिक का उपयोग नहीं करें।
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार, अपने भोजन में नमक कम करने और बढ़िया स्वाद जोड़ने का तरीका है हर्ब्स का प्रयोग। लेमन जूस, काली या लाल मिर्च, अलग अलग स्पाइसेज, अलग-अलग हर्ब्स, इलायची, रोज़मेरी आदि का प्रयोग किया जा सकता है। इससे नमक की कमी (how to reduce sodium intake) नहीं खलेगी।
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