दिन प्रतिदिन हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, इसका सबसे बड़ा कारण है, हम सभी की नियमित दिनचर्या की सामान्य गलतियां। विश्व में हार्ट अटैक से होने वाले मौत की संख्या बहुत बढ़ गई है, वहीं भारत में भी ये काउंट समय के साथ बढ़ता जा रहा है। बेहद कम उम्र में ही लोग हृदय संबंधी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं, वहीं हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण चलते फिरते अचानक से अपनी जान गवां दे रहे हैं। ऐसे में इस समय लोगों को अपने हृदय स्वास्थ्य को लेकर पूरी तरह से सचेत होने की आवश्यकता है।
जीवन शैली की गतिविधियों एवं खान-पान में बदलाव कर इसके खतरे को कम किया जा सकता है। साथ ही समय-समय पर अपने हार्ट को डिटॉक्स करना भी बेहद जरूरी है (how to detox heart naturally), जिसमें कुछ खास आयुर्वेदिक टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं।
योग इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और हेल्थ कोच हंसाजी योगेंद्र ने हार्ट डिटॉक्स के कुछ आयुर्वेदिक टिप्स सुझाए हैं (heart detox)। तो चलिए जानते हैं, आयुर्वेद के अनुसार हार्ट हेल्थ को किस तरह मेंटेन रखा जा सकता है।
हार्ट डिटॉक्स करने और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हार्ट हेल्दी फूड्स खाना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिनका सेवन हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इन खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषक तत्व और प्रॉपर्टीज ब्लड प्रेशर को नियमित और ब्लड वेसल्स को स्वस्थ रहने में मदद करती हैं, जिससे कि आपका हार्ट लंबे समय तक स्वस्थ रहता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां, आंवला, अनाज, ऑलिव ऑयल, लहसुन, नींबू और नट्स जैसे प्रभावी फूड्स आपके हार्ट के लिए बहुत जरूरी होते हैं। आयुर्वेद इन्हें अपनी नियमित डाइट में शामिल करने की सलाह देता है। इसके अलावा हार्ट को डिटॉक्स करने के लिए आपको एडेड शुगर युक्त ड्रिंक, खासकर शराब से पूरी तरह परहेज रखने की आवश्यकता होती है।
ऐसे कुछ खास आयुर्वेदिक मेडिसिंस हैं, जो आपके समग्र हार्ट को डिटॉक्स कर हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में आपकी मदद कर सकते हैं।
त्रिफला समग्र सेहत को बनाए रखने में आपकी मदद करती है। खास कर यह हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद कारगर होती है। त्रिफला को तीन खास जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार किया जाता है, इन तीन जड़ी बूटियों में शामिल हैं अमलकी, बिभीतक और हरितकी। त्रिफला का सेवन बॉडी में हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में आपकी मदद करता है, जिस से आर्टरीज में प्लाक जमा नहीं होते और यह कलॉग नहीं होती है।
अर्जुन की छाल एक कार्डियो प्रोटेक्टिव हर्ब है, जो ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देती है और हार्ट की मांसपेशियों को मजबूत बनाती हैं।
अश्वगंधा एक खास आयुर्वैदिक हर्ब है, जो आपके हार्ट की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। साथ ही साथ ब्लड को प्यूरिफाई करने मदद करती है। इतना ही नहीं यह आपकी मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद कमाल की होती है।
लहसुन एक बेहद प्रभावी सुपरफूड है जो सेहत संबंधी तमाम समस्याओं का एक प्रभावी उपचार साबित हो सकता है। अपनी दिन की शुरुआत लहसुन की कलियों को चबाते हुए कर सकती हैं। इससे बॉडी में ब्लड कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य रहता है और ब्लड वेसल्स हेल्दी रहते हैं। जो एक स्वस्थ हृदय के लिए बहुत जरूरी है।
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हालांकि, सभी को कच्चे लहसुन का स्वाद पसंद नहीं होता है, तो आप इन्हें कुछ अन्य माध्यम से अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं, जैसे कि लहसुन की चाय, लहसुन की चटनी आदि।
मसाज बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता हैजेड जिससे कि हार्ट के लिए ब्लड को पंप करना आसान हो जाता है और ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है। अगर आप किसी और से मसाज नहीं लेना चाहती हैं, तो आप खुद को भी सेल्फ मसाज दे सकती हैं। अपने अनुसार किसी भी तेल को गुनगुना कर लें और इससे अपने गर्दन, चेस्ट, हाथ और पैरों के हिस्से को मसाज दें। यह स्ट्रेस रिलीज करता है और ब्लड वेसल्स को भी खोल देता है।
नियमित रूप से मेडिटेशन, प्राणायाम, ब्रीदिंग एक्सरसाइ में भाग लेने से ब्लड प्रेशर सामान्य रखता है और हार्ट फंक्शंस इंप्रूव होते है। इससे स्ट्रेस मैनेजमेंट में भी मदद मिलती है, जो की हृदय संबंधी समस्याओं का एक बड़ा फैक्टर है। नियमित रूप से मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने की आदत बनाएं।
नियमित रूप से उचित मात्रा में पानी पीने का प्रयास करें। जब बॉडी हाइड्रेटेड रहती है, तो टॉक्सिंस को रिमूव करना आसान हो जाता है। इसके अलावा आप नींबू पानी, आंवला जूस, एलोवेरा जूस आदि जैसे डिटॉक्स ड्रिंक को अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं, इनकी प्रॉपर्टीज टॉक्सिंस को रिमूव करते हुए आपके हार्ट फंक्शन को भी इंप्रूव करती हैं।
नींद की गुणवत्ता और समय आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। यह हार्ट के लिए सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही रूप से कार्य करता है। यदि आप पर्याप्त नींद ले रही हैं, तो इससे आपका हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है और डिटॉक्सिफिकेशन में भी मदद मिलती है। वहीं नींद की कमी हृदय संबंधी समस्याओं के खतरे को बढ़ा देती है।
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