आजकल अलग-अलग तरह के हेयर ट्रीटमेंट इंट्रोड्यूस हो चुके हैं। वहीं महिलाएं स्ट्रेट, शाइनी और घने बालों के लिए इन ट्रीटमेंट्स पर हजारों रुपए खर्च कर देती हैं। केराटिन, स्मूदनिंग, स्ट्रेटनिंग आदि जैसे हेयर ट्रीटमेंट्स आजकल काफी ट्रेंडिंग हैं, साथ ही इनकी डिमांड भी दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। हालांकि, ये आपके बालों को कुछ समय के लिए सीधा और शाइनी तो बना देते हैं, पर लॉन्ग टर्म में आपको इनके कई साइड इफेक्ट्स नजर आ सकते हैं। इनके साइड इफेक्ट्स में सबसे कॉमन है “हेयर फॉल” की समस्या। आज हम बात करेंगे पोस्ट केराटिन हेयर फॉल के बारे में। डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर सु उर्फ सुयोमि ने पोस्ट केराटिन हेयर फॉल कंट्रोल के कुछ जरूरी टिप्स दिए हैं (post keratin hair loss)। तो चलिए जानते हैं, आखिर इन्हे किस तरह कंट्रोल किया जा सकता है।
2 से 3 बूंद रोजमेरी ऑयल को एक चम्मच कैरियर ऑयल जैसे कि आलमंड और ऑर्गन ऑयल के साथ मिक्स करें और अपने स्कैल्प पर इन्हे अप्लाई कर उंगलियों को सर्कुलर मोशन में घूमते हुए, अच्छी तरह से मसाज दें। इससे ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूव होता है और ऑक्सीजन और न्यूट्रिशन की पर्याप्त मात्रा स्कैल्प तक पहुंचती है। जिससे हेयर फॉलिकल स्वस्थ रहते हैं, साथ ही स्कैल्प में मॉइश्चर मेंटेन रहता है।
रोजमेरी ऑयल में मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य महत्वपूर्ण प्रॉपर्टीज और पोषक तत्व स्कैल्प के अंदर तक पेनिट्रेट होकर हेल्दी हेयर ग्रोथ के बढ़ावा देते हैं। ये सभी फैक्टर्स हेयर फॉल कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकते हैं। ऑयलिंग हेयर फॉल कम करने का एक प्रभावी तरीका है, इसे सभी को अपनाना चाहिए।
एक्सपर्ट के अनुसार प्रोटीन रिच फूड्स जैसे की टोफू, दाल, चने और बींस का सेवन शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करता है। ये हेल्दी हेयर ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी हैं। खास कर यदि अपने केराटिन और अन्य ट्रीटमेंट लिए हैं और इसके बाद आपको हेयर फॉल हो रहा है, तो यह उनसे डील करने में आपकी मदद कर सकता है। वहीं सामान्य लोगों के लिए भी पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेना बहुत जरूरी है। इससे हेयर फॉल कंट्रोल करने के साथ ही बॉडी वेट मैनेजमेंट में मदद मिलती है। वहीं ये शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है और मांसपेशियों को मजबूत बना देता है।
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हॉट स्टाइलिंग टूल्स जैसे कि ब्लो ड्रायर, कर्लिंग टांग, और स्ट्रेटनर आपके बालों को अधिक ड्राई कर देते हैं, जिसकी वजह से ब्रेकेज़ हो सकता है। बार बार इन टूल्स का इस्तेमाल करने से बाल कमजोर हो जाते हैं, और हेयर फॉल की समस्या परेशान करना शुरू कर देती है। स्ट्रेटनिंग, स्मूदनिंग और केराटिन ट्रीटमेंट के दौरान बाल काफी हाई हीटिंग प्रोसेस से गुजरते हैं, जिसकी वजह से बालों को काफी नुकसान पहुंचता है। साथ ही केमिकल्स के इस्तेमाल के कारण बाल और ज्यादा डैमेज हो जाते हैं। ऐसे में केराटिन के बाद भी हीटिंग टूल्स का इस्तेमाल करने से बालों को और ज्यादा नुकसान पहुंचता है।
बायोटीन, आयरन, जिंक और विटामिन B12 युक्त खाद्य पदार्थ सहित सप्लीमेंट्स ले सकती हैं। ये कुछ ऐसे पोषक तत्व हैं, जो बालों की सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। शरीर में इनकी उचित मात्रा के होने से स्कैल्प और बालों की सेहत बनी रहती है। साथ ही हेयर फॉल और थिनिंग जैसी समस्याएं नहीं होती।
गीले बालों में कंघी करने से सूखे बालों की तुलना में बाल अधिक टूटते हैं। गीले बालों में प्रोटीन कमजोर बॉन्ड जनरेट करता है। वहीं केराटिन ट्रीटमेंट के बाद बाल पहले से ज्यादा कमजोर हो जाते हैं। ऐसे में जब आप गीले बालों में कंघी करती हैं, तो ये और ज्यादा टूटते हैं। इसलिए इन्हे पहले पूरी तरह से ड्राई होने दें फिर बाद में इनमें कंघी करें, इससे हेयर फॉल कंट्रोल रहता है।
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