सुबह की शुरूआत कई लोगों की जूस के साथ ही होती है। जूस हमारी सेहत को भरपूर पोषण देता है इसलिए हम सभी दिन की शुरूआत जूस के साथ ही करते है। हर किसी को अलग अलग तरह की जूस पसंद होते है। लोग अपने पोषक मूल्यों के हिसाब से जूस का चयन करते है। आज हम आपको एलोवेरा जूस के बारे में बताएंगे।
एलोवेरा आपकी स्किन हेल्थ, हेयर हेल्थ और यहां तक की आपकी सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है। एलोवेरा का मास्क का इस्तेमाल चेहर को बेदाग करने के लिए किया जाता है। इसके मास्क का इस्तेमाल बालों को सोफ्ट बनाने के लिए भी किया जाता है। लेकिन आज हम आपको इसके स्किन और हेयर हेल्थ के फायदों के बारे में नहीं बल्की इसके जूस पीने के फायदों के बारे में बताएंगे।
आज, बहुत से लोग पाचन में सहायता करने, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, ओरल हेल्थ में सुधार करने और बहुत कुछ करने के लिए एलोवेरा जूस पीते हैं।
एलोवेरा में पॉलीफेनोल्स जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते है। एंटीऑक्सीडेंट ऐसे पदार्थ होते हैं जो शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स को निष्क्रिय करने का काम करते है। फ्री रेडिकल्स ऐसे रसायन होते हैं जो शरीर सामान्य चयापचय प्रक्रियाओं के दौरान बनाता है। अधिक मात्रा में होने पर ये सेलुलर क्षति का कारण बन सकते हैं, जिससे कैंसर और अन्य पुरानी बीमारियों बढ़ सकती है।
एक कप एलोवेरा जूस विटामिन सी के दैनिक मूल्य का लगभग 10% आपके शरीर को देता है। विटामिन सी एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर को आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली और कोलेजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, घाव भरने और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है।
एलोवेरा में जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण होते हैं जो संभावित रूप से ओरल हेल्थ के लिए बहुत अच्छा है। आप एलोवेरी जूस को पी सकते है या इसका कुल्ला कर सकते है।
एक अध्ययन के अनुसार, जिसमें 1,358 व्यक्तियों को शामिल करके 6 अलग अलग अध्ययन किए, एलोवेरा माउथवॉश मसूड़ों की सूजन को कम करने के लिए, क्लोरहेक्सिडिन जितना ही प्रभावी था। इसमें पाया गया कि यह प्लाक बिल्डअप को कम करने में उतना प्रभावी नहीं था।
एलोवेरा की पत्तियों के बाहरी गूदे, जिसे लेटेक्स कहा जाता है, में एलोइन होता है। एलोइन एक कार्बनिक यौगिक है जो पौधे को लैक्सेटिव गुण देने का काम करता है। यह मल त्याग को उत्तेजित करके कब्ज का इलाज कर सकता है। अध्ययनों में पाया गया कि एलोवेरा कब्ज और दस्त सहित बाउल मुमेंट के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
एक रिसर्च में बताया गया कि एलोवेरा सिरप के सेवन से गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग के लक्षणों में कमी आई थी, गैस्ट्रोएसोफेगल से पीड़ित व्यक्ति सीने में जलन, डकार आना और बेचैनी से ग्रसित रहता है।
डायबिटीज से पीड़ित लोगों में ब्लड शुगर को कम करने के लिए पारंपरिक उपचार के लिए वर्षों से एलोवेरा का इस्तेमाल किया जाता रहा है। प्रीडायबिटीज वाले लोगों पर एक अध्ययन में पाया गया कि चार सप्ताह तक दिन में दो बार 300 मिलीग्राम एलोवेरा का रस लेने से उच्च ब्लड शुगर में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला था।
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