स्वस्थ रहने के लिए आपके आहार में हरी सब्जियां और फल बहुत जरूरी है। इनमें भी मौसमी फल और सब्जियां सेहत के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल माने जाते हैं। ये हमें बदल रहे मौसम के साथ खुद को समायोजित करने में मदद करते हैं। ऐसा ही एक फल है सीताफल (custard apple)। जिसका स्वाद तो लाजबाव होता ही है, साथ ही यह सेहत के लिए भी बहुत खास है। पर इसमें मिठास अन्य फलों से बहुत ज्यादा होती है। यही वजह है कि इसे कस्टर्ड एप्पल कहा जाता है। पर शायद आप नहीं जानतीं कि ये स्वादिष्ट फल डायबिटीज कंट्रोल (Diabetes) करने के साथ ही अस्थमा (Asthma) की समस्या में भी राहत देता है। आइए जानते हैं एक्सपर्ट से इस बारे (Custard apple benefits) में सब कुछ।
सीताफल का वैज्ञानिक नाम एनोना स्क्वैमोसा (Annona squamosa) होता है। इसे शरीफा के नाम से भी जाना जाता है। जब यह फल पक जाता है, तब इसे खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सीताफल के गूदे की स्मूदी का सेवन भी काफी लोकप्रिय है। दिवाली और छठ की पूजा में इस फल का विशेष तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
डॉ. एलिन कैनडी, सर एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में नुट्रिशन एंड डायटेटिक्स (Nutrition & Dietetics) विभाग की प्रमुख हैं। वह कहती हैं कि सीताफल को ‘गुड मूड’ के नाम से भी जाना जाता है। यह मोसमी फल फाइबर, विटामिन-बी 6, एंटी-डायबिटिक और एंटी बॉयोटिक गुणों से भरपूर होता है।
डॉ. कैनडी कहती हैं, “डायबिटीज के मरीजों के लिए शरीफा का सेवन करना काफी फायदेमंद है। क्योंकि इसमें एंटी-डायबिटिक गुण शामिल होते हैं। सीताफल ब्लड ग्लूकोज के लेवल को स्थिर रखता है। इसके साथ ही यह मधुमेह के लिए जिम्मेदार विभिन्न जोखिमों को भी रोकने में प्रभावी रूप से काम करता है। सीताफल डायबिटीज के लक्षणों को कुछ हद तक कम कर सकता है, लेकिन यह मधुमेह का उपचार नहीं है। बेहतर उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
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यदि आप अपने कम वजन से परेशान है, तो सीताफल आपकी मदद कर सकता है। असल में, कम वजन होने की एक बड़ी वजह यह है कि बॉडी को जितनी एनर्जी की आवश्यकता होती है, उससे कहीं अधिक खर्च होती है। सीताफल को ऊर्जा का एक बेहतर स्रोत माना जाता है, जो वजन बढ़ाने में सहायता करता है।
अस्थमा की समस्या इन्फ्लेमेशन (फेफड़ों के रास्ते में सूजन) की वजह से होती है। ऐसे में सीताफल में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इससे काफी हद तक राहत दिला सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी क्रिया अस्थमा के जोखिम को कम करने में सहायता करती है। ऐसे में सीताफल का सेवन अस्थमा में लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
सीताफल विटामिन-बी6 का अच्छा स्रोत माना जाता है। विटामिन-बी6 का सेवन, हृदय रोग के जोखिम को काफी कम कर सकता है। इस खतरे में हार्ट अटैक भी शामिल है।
पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए सीताफल लाभकारी हो सकता है। स्वस्थ्य पाचन के लिए फाइबर की आवश्यकता होती है। सीताफल में भरपूर मात्रा में फाइबर शामिल होता है। पाचन क्रिया में सुधार के साथ यह कब्ज की परेशानी से राहत दिला सकता है।
सीताफल में कुछ मात्रा मैग्नीशियम और कैल्शियम की भी मौजूद होती है। यदि कोई व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी से ग्रस्त है, तो सीताफल में शामिल कैल्शियम और मैग्नीशियम के सेवन से कुछ हद तक इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यह उच्च रक्तचाप की वजह से हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे को भी कम करता है।
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