आपने कभी-न-कभी उपवास (Fasting) तो अवश्य रखा होगा, लेकिन क्या आप व्रत का वैज्ञानिक महत्व जानते हैं? क्या आपको पता है कि उपवास किस प्रकार स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है? बेशक, भारत में उपवास को धर्म और आस्था से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन धार्मिक महत्व से अलग व्रत के फायदे स्वास्थ्य से भी जुड़े हैं।
व्रत की परिभाषा हर व्यक्ति के मुताबिक अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर उपवास के दौरान व्यक्ति किसी निर्धारित वक़्त के लिए किसी खास भोजन व पेय आदि का त्याग करता है। कभी-कभी व्यक्ति व्रत के दौरान पानी, फल या सिर्फ जूस ही लेते हैं और कभी दिनभर में कुछ भी नहीं लेते। उपवास (Fasting) की अवधि एक दिन, एक सप्ताह या इससे ज्यादा भी हो सकती है। जैसा कि आपको पता है कि उपवास न सिर्फ श्रद्धा और भक्ति से जुड़ा होता है, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी कई हैं।
उपवास के फायदे में शरीर को साफ करना शामिल है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित पबमेड सेंट्रल (PubMed Central) रिसर्च पेपर के अनुसार, यदि ऐसा उपवास रखा जाए, जिसमें खाद्य पदार्थों के सेवन के बजाय तरल पदार्थ शामिल हों, तो शरीर सही प्रकार से डिटॉक्सीफाई हो सकता है। इससे पाचन बेहतर होने के साथ ही पेट संबंधी परेशानियां और स्किन संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं।
आज के समय में अधिकतर लोगों की परेशानी मोटापा है। ऐसे में समय रहते इस पर ध्यान न दिया गया, तो यह कई शारीरिक समस्याओं की वजह भी बन सकता है। वैसे वजन कम करने के लिए उपवास अच्छा तरीका हो सकता है। पबमेड सेन्ट्रल की रिसर्च पेपर के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग से बढ़ती चर्बी को कम करने में सहायता मिल सकती है। इस उपवास में ठोस पदार्थों की जगह पेय पदार्थों का सेवन किया जाता है या फिर खाने का समय बदला जाता है।
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उपवास पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। उपवास करने से शरीर के खुद का हीलिंग तंत्र सही से कार्य करता है, जिससे शरीर कई प्रकार की परेशानियों से खुद-ब-खुद लड़ना शुरू कर देता है। रिसर्च के अनुसार, 62.33% लोगों को उपवास के दौरान अपच की परेशानी नहीं हुई, 27% लोगों की अपच की परेशानी ठीक हो गई। साथ ही व्रत को “चमत्कारिक इलाज” भी कहा जाता है, जिससे पाचन संबंधी विकार दूर हो सकते हैं।
कई बार सिर्फ क्रीम और कॉस्मेटिक का ही नहीं, बल्कि खान-पान का प्रभाव भी स्किन पर होने लगता है। ज्यादा तेल-मसाले या बाहरी खाने से स्किन रूखी और बेजान दिखने लगती है और कील-मुंहासे भी हो सकते हैं। ऐसे में व्रत लाभकारी हो सकता है। उपवास रखने से शरीर डिटॉक्सीफाई हो सकता है। जब शरीर डिटॉक्सीफाई होगा, तो शरीर में मौजूद विषाक्त तत्व बाहर निकलेंगे, जिससे स्किन में नई चमक आएगी और त्वचा खूबसूरत और चमकदार दिखने लगेगी।
पबमेड सेन्ट्रल के अनुसार, अनिरंतर उपवास से वजन कम करने में सहायता मिल सकती है। इससे कोलेस्ट्रॉल का जोखिम भी कम हो सकता है। एक रिसर्च पेपर में कहा गया है कि एक दिन के अंतराल के बाद किए जाने वाले व्रत से कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है। इससे ट्राइग्लरसाइड यानी एक प्रकार का वसा और खराब कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल हो सकता है।
शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाने पर इससे पीड़ित लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इससे छुटकारा पाने के लिए व्रत फायदेमंद माना जा सकता है। ब्लड शुगर से पीड़ित लोगों के लिए उपवास काफी कारगर साबित हो सकता है। हालांकि, जिनका ब्लड शुगर अनियंत्रित है, वो डॉक्टर की परामर्श के बाद ही उपवास रखें।
व्रत का प्रभाव सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी होता है। इससे एकाग्रता में सुधार हो सकता है। साथ ही ध्यान केंद्रित करने में मदद मिल सकती है। यहीं नहीं, चिंता-तनाव और अनिद्रा जैसी परेशानी दूर करने के लिए भी उपवास को जाना जाता है। उपवास करने से व्यक्ति को भावनात्मक रूप से शांत रहने और खुशी का एहसास करने में सहायता मिल सकती है।
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