Chest Congestion: बढ़ता प्रदूषण और सर्दी बच्चों में बढ़ा सकती है चेस्ट कंजेशन, एक्सपर्ट बता रहे हैं सही उपचार

हवा में मौजूद पॉल्यूटेंटस को क्लीन करने के लिए दवा के अलावा बच्चों का ख्याल रखना भी ज़रूरी है। जानते हैं बच्चों में चेस्ट कंजेशन के कारण और उससे बचने के उपाय भी।
Chest congestion badhne ke kaaran
जानते हैं बच्चों में चेस्ट कंजेशन के कारण और उससे बचने के उपाय भी। चित्र- अडोबा स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 3 Nov 2023, 14:40 pm IST
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घर के बाहर कदम रखते ही खांसी की समस्या तेज़ी से बढ़ने लगती है। अगर बात बच्चों की करें, तो समस्या गंभीर रूप भी धारण कर सकती है। जी हां खांसना, छींकना और रनिंग नोज, बच्चों में ये सभी चेस्ट कंजेशन के वो शुरूआती लक्षण है, जो मौसम में तब्दीली आने के साथ ही उन्हें अपनी चपेट में ले लेते हैं। इससे बच्चों की चेस्ट में कफ जमने की समस्या बढ़ने लगती है। सीने में होने वाली जकड़न नन्हे मुन्नों के लिए परेशानी का कारण बन जाती है। हवा में मौजूद पॉल्यूटेंटस को क्लीन करने के लिए दवा के अलावा बच्चों का ख्याल रखना भी ज़रूरी है। जानते हैं बच्चों में चेस्ट कंजेशन (chest congestion with kids) के कारण और उससे बचने के उपाय भी।

अमेरिकन अकेडमी ऑफ पीडियाटरिक्स के अनुसार 4 साल से कम उम्र के बच्चों को हद से ज्यादा दवाएं देना नुकसानदायक साबित हो सकता है। अगर बच्चा सर्दी और जुकाम से ग्रस्त है और उसे नोज़ कंजेशन है, तो डॉक्टरी जांच के बाद ही दवाएं दें। इसके अलावा कुछ होम रेमिडीज़ की मदद से बच्चों का ख्याल रखना चाहिए।

बच्चों में चेस्ट कंजेशन की समस्या बढ़ने के कारण (Reason of Chest congestion)

इस बारे में बात करते हुए एमबीबीएस, चाइल्ड एंड न्यू बॉर्न स्पेशलिस्ट डॉ अभिषेक नायर कहते हैं कि मौसम में मौजूद स्मोक बच्चों की चेस्ट को तेज़ी से प्रभावित करती है। वायु में मौजूद हानिकारक तत्व और स्मोक बच्चों की चेस्ट में केजेशन का कारण बनते हैं। स्मोकिंग और वाहनों से निकलने वाला धुएं से छाती में कफ जमने लगती है। इससे गला खराब, खांसी और नाक बंद होने की समस्या बढ़ने लगती है। बच्चों को बाहर ले जाने से पहले मास्क अवश्य पहनाएं। इसके अलावा घर में भी एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कीं। दरअसल, चार दीवारी में भी पॉल्यूटेंटस का खतरा बना रहता है। अगर बच्चा चेस्ट कंजेशन से ग्रस्त हैं, तो गैदरिंग अवॉइड करें। इसके अलावा वॉटर इनटेक को बढ़ाने से भी विषैले पदार्थों कां आसानी से डिटॉक्स किया जा सकता है।

Chest congestion badhne ke kaaran
वायु में मौजूद हानिकारक तत्व और स्मोक बच्चों की चेस्ट में कंजेशन का कारण बनते हैं। चित्र- अडोबा स्टॉक

बच्चों को चेस्ट कंजेशन से बचाने और उपचार के लिए इन बातों का ध्यान रखें

1 नियमित तौर पर हैंड वॉश जरूर करें और करवाएं

अगर बच्चे बाहर से खेलकर या घूमकर लौटते हैं। तो सबसे पहले उनके हाथों को धुलवाएं। इससे शरीर में संक्रमण के पहुंचने का खतरा खुद ब खुद कम हो जाता है। अगर आप गंदे हाथों से कुछ भी खाते हैं, तो पाचन संबधी समस्याएं भी बढ़ने लगती है। हाथों को साबुन की जगह लिक्विड सोप से वॉश करें।

2 ह्यूमिडिफायर का करें प्रयोग

चेस्ट कंजेशन बढ़ने से बच्चों में खांसी और जुकाम के साथ बुखार भी आने लगता है। ऐसे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल ज़रूर करें। इसे घर के किसी भी कोने में लगाने से वायुमंडल में मौजूद बैक्टीरिया को आसानी से दूर किया जा सकता है। इसके अलावा कफ की समस्या से भी बचा जा सकता है।

khud ko hydrate rakhna hai zaruri
बच्चे को पानी के अलावा नारियल पानी और हेल्दी स्मूदीज़ पिलाएं। चित्र : शटरस्टॉक

3 बेबी को हाइड्रेटेड रखें

पानी की कमी शरीर में टॉक्सिन का कारण बनने लगती है। शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ इस समस्या को बढ़ा देते हैं। इससे चेस्ट कंजेशन बढ़ता हैं, जिससे बच्चे को सांस लेने में भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। बच्चे को पानी के अलावा नारियल पानी और हेल्दी स्मूदीज़ पिलाएं। इससे बच्चें में निर्जलीकरण की समस्या से बचा जा सकता है।

4 नेबुलाइज़र का प्रयोग करें

डॉक्टर की सलाह के अनुसार बच्चे को नेबुलाइज करें। इससे लंग्स में होने वाली इं्फ्लामेशन की समस्या को सुलझाया जा सकता है। इससे बार बार आने वाली खांसी और रनिंग नोज़ की समस्या हल होने लगती है। इसमें लिक्विड मेडिकेशन का प्रयोग किया जाता है। रोज़ाना कुछ दिन नेबुलाइज़र का प्रयोग बच्चे को चेस्ट केजेशन की समस्या से दूर कर सकता है।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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