बहुत से लोगों को आज भी एचआईवी के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। इस वजह से लोग अक्सर इसके शुरुआती संकेतों पर ध्यान नहीं देते और गंभीर परेशानी का शिकार हो जाते हैं। एचआईवी एक प्रकार का वायरस है, जो आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है। वहीं यह वायरस आगे चलकर एड्स का कारण बन सकता है। एड्स की बीमारी का कोई इलाज नहीं है, आप केवल अपनी जागरूकता को बढ़ाकर इनसे बचाव के आवश्यक तरीके आजमा सकते हैं। आप सभी को एचआईवी के प्रति जागरूक करने के लिए आज हम आपके द्वारा ही पूछे जाने वाले कुछ सामान्य सवालों के जवाब लेकर आए हैं (FAQs about HIV)।
हेल्थशॉट्स ने इस विषय पर आकाश हेल्थ केयर नई दिल्ली के इंटरनल मेडिसिन, सीनियर कंसल्टेंट डॉ प्रभात रंजन सिंहा से बात की। तो चलिए जानते हैं, एचआईवी से जुड़े कुछ सामान्य सवालों के जवाब (FAQs about HIV)।
यह सवाल सभी के मन में सबसे पहले आता है, कि आखिर HIV है? एचआईवी एक प्रकार का वायरस है, जो आपके शरीर पर अटैक करता है, और आपके इम्यून सिस्टम को बेहद कमजोर कर देता है। इससे बीमारियों से लड़ने की शरीर की क्षमता बेहद कम हो जाती है और आपको किसी भी बीमारी से उभरने में लंबा समय लगता है। वहीं वर्तमान समय में इस बीमारी का कोई भी परमानेंट इलाज नहीं है, परंतु आप ट्रीटमेंट के तहत एचआईवी होने के बावजूद भी एक हेल्दी लाइफ जी सकती हैं।
एचआईवी शरीर के फ्लूइड के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होता है। इन फ्लूइड्स में शामिल है:
प्री इजेकुलेट
सेमन
ब्लड
वेजाइनल सेक्रेशन
रेक्टल सेक्रेशन
ब्रेस्ट मिल्क
जब ये फ्लूइड एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो यह ब्लड स्ट्रीम में वायरस को ट्रांसमिट कर देते हैं, जिससे HIV फैल सकता है।
वहीं पेनिट्रेटिव वेजाइनल सेक्स, ओरल और एनल सेक्स, खासकर बिना प्रोटेक्शन के ऐसा करने पर HIV होने का खतरा बना रहता है। ओरल सेक्स में एचआईवी का खतरा कम होता है, परंतु ऐसा नहीं कि प्रोटेक्शन के बिना ओरल सेक्स पूरी तरह से सुरक्षित है।
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कुछ लोगों में एचआईवी का अधिक खतरा होता है जैसे कि:
वे पुरुष जो कंडोम के बिना मल्टीप्ल पार्टनर के साथ सेक्स करते हैं, उनमें HIV का खतरा अधिक होता है।
यदि कोई पुरुष बिना कंडोम के HIV पॉजिटिव किसी महिला के साथ पेनिट्रेटिव वेजाइनल और एनल सेक्स करता है, तो उन्हें HIV हो सकता है।
सिरिंज एयर नीडल शेयर करने से या किसी भी तरह से इंफेक्टेड ब्लड के संपर्क में आने से HIV हो सकता है।
जन्म के दौरान माता-पिता के HIV पॉजिटिव होने पर।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार 13 से 64 वर्ष के बीच के व्यक्ति को एचआईवी की जांच करवानी चाहिए। कुछ लोगों को फ्रिक्वेंटली अपनी जांच करवानी चाहिए, जैसे कि यदि आप एचआईवी पॉजिटिव किसी भी व्यक्ति के संपर्क में रहती हैं, तो आपको साल में एक बार जांच जरूर करवाना चाहिए।
वहीं यदि कोई पुरुष, अपने मेल पार्टनर के साथ सेक्स कर रहा है, तो उन्हें भी 3 महीने या 6 महीने पर एक बार HIV की जांच करवानी चाहिए। वहीं प्रेगनेंसी के शुरुआती स्टेज में महिलाओं को HIV की जांच करवानी चाहिए।
एचआईवी के तीन स्टेज होते हैं वहीं पहले स्टेज में फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं जैसे कि:
फीवर
गले की खराश
सिर दर्द
थकान
मांसपेशियों एवं हड्डियों में दर्द
इसके अलावा कुछ लोगों में लिम्फ नोड्स में सूजन, माउथ अलसर, इची और बम्पी रैश जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
एचआईवी ट्रांसमिशन को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान सावधानी बरतना। इसके अलावा सिरिंज और नीडल्स को किसी के साथ भी शेयर करने से बचें।
एचआईवी के ओवरऑल रिस्क को कम करने के लिए अपने और अपने पार्टनर के एसटीआई स्टेटस को लेकर खुलकर बातचीत करें। सेक्सुअल गतिविधि के दौरान बैरियर मेथड खासकर कंडोम का इस्तेमाल करना न भूले। यह एसटीआई और एचआईवी जैसी परेशानियों से फुल प्रोटेक्शन देता है। इसके अलावा सेक्शुअली एक्टिव होने के बाद एसटीआई की रेगुलर जांच करवाती रहें, समस्या सामने आए तो इसे फौरन ट्रीट करवाएं।
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