प्रेगनेंसी के अगर दिखें ये 5 संकेत, तो भूल कर भी न करें नजरअंदाज, हो सकते हैं गंभीर खतरे

कई बार महिलाओं को प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस की जानकारी तक नहीं होती। ऐसे में परेशानी से बचने के लिए मां-बाप बनने वाले हर व्यक्ति को प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस के बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी है।
Jante hain kuchh dangerous pregnancy symptoms ke baare me.
जानते हैं कुछ डेंजरस प्रेगनेंसी सिम्पटम्स के बारे में। चित्र : शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 30 Oct 2023, 21:00 pm IST
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प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई सारे बदलाव नजर आना शुरू हो जाते हैं। ज्यादातर प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस फ्री होती है और उनमें किसी तरह का रिस्क फैक्टर भी नहीं होता। हालांकि, हर किसी में प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस एक जैसे नहीं होते और इन्हें समझना भी आसान नहीं होता। कई बार महिलाओं को इन कॉम्प्लिकेशंस की जानकारी तक नहीं होती। ऐसे में परेशानी से बचने के लिए मां-बाप बनने वाले हर व्यक्ति को प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस के बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी है।

मैत्री वीमेन की संस्थापक और सीके बिरला हॉस्पिटल की सीनियर गाइनेकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन डॉक्टर अंजलि कुमार ने सभी पैरेंट्स टू बी के लिए प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस की जानकारी दी है। ताकि आप इन कॉम्प्लिकेशंस के साइन और सिम्पटम्स (Danger signs in pregnancy) की सही जानकारी प्राप्त कर सके और हर तरह की गंभीर समस्या को अवॉयड कर सके।

आईए जानते हैं कुछ डेंजरस प्रेगनेंसी सिम्पटम्स के बारे में (Danger signs in pregnancy)

1. वेजाइनल ब्लीडिंग

प्रेगनेंसी में किसी भी प्रकार की वेजाइनल ब्लीडिंग असामान्य है। इस दौरान होने वाली ब्लीडिंग किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकती है। इसलिए यदि आप में से किसी को भी प्रेगनेंसी के दौरान ब्लीडिंग का अनुभव होता है, या हो रहा है, तो फौरन अपनी गाइनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें। वहीं हर ट्राइमेस्टर की ब्लीडिंग अलग-अलग संकेत देती है।

पहले ट्राइमेस्टर में ब्लीडिंग होना इम्पेनडिंग अबॉर्शन और एक्टोपिक प्रेगनेंसी के संकेत हो सकते हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी की स्थिति में फर्टिलाइज्ड एग यूट्रस में ट्रांसप्लांट होने की जगह किसी अन्य जगह पर ट्रांसप्लांट हो जाते हैं। वहीं यदि सही समय पर इसकी देखभाल की जाए, तो यह बेहद खतरनाक हो सकती है।

Vaginal sex after bleeding
प्रेगनेंसी में वेजाइनल ब्लीडिंग होने के लिए कौन से कारण जिम्मेदार हैं । चित्र- अडोबी स्टॉक

दूसरे ट्राइमेस्टर में ब्लीडिंग होने का मतलब इम्पेनडिंग अबॉर्शन होता है। साथ ही थर्ड ट्राइमेस्टर में ब्लीडिंग का मतलब प्री मेच्योर लेबर, लो लाइन प्लेसेंटा और प्लेसेंटल सेपरेशन हो सकता है। प्लेसेंटा मां से बच्चे तक ब्लड को कैरी करने का काम करता है। वहीं यह यूट्रस के टॉप पर लोकेटेड होता है।

2. पेट दर्द

प्रेगनेंसी के दौरान पेट में दर्द होना एक गंभीर समस्या का संकेत हो सकते हैं और इसे फौरन मेडिकल अटेंशन की आवश्यकता होती है। पहले ट्राइमेस्टर में पेट दर्द इम्पेनडिंग अबॉर्शन और एक्टोपिक प्रेगनेंसी का संकेत हो सकते हैं। वहीं दूसरे ट्रिमेस्टर में यह इम्पेनडिंग अबॉर्शन के संकेत हो सकते हैं। वहीं कई बार बिना किसी दर्द के भी अबॉर्शन और मिसकैरेज हो सकता है, जिसे सर्विकल इंकंपेटेंस कहते हैं।

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सर्विकल इंकंपेटेंस की स्थिति तब होती है, जब सर्विक्स यानी कि यूट्रस का माउथ बेहद कमजोर होता है और बच्चे को होल्ड नहीं कर पाता। ऐसे में दर्द के अलावा पेल्विक हैविनेस और वेजाइनल प्रेशर महसूस होने पर, जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से मिलें।

Vomiting hone ke kaaran
शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के चलते वायरस गैस्ट्रिक ट्रैक्ट में चला जाता है। जो आगे चलकर दस्त और बार बार जी मचलाने का कारण बनता है। चित्र:शटरस्टॉक

3. नॉन स्टॉप वॉमिटिंग

ज्यादातर लोग वॉमिटिंग और जी मचलने को प्रेगनेंसी के सामान्य सिम्पटम्स के तौर पर जानते हैं, परंतु एक्सेसिव वॉमिटिंग की वजह से डिहाईड्रेशन और गंभीर रूप से इलेक्ट्रोलाइट डिसबैलेंस हो सकता है। यह दोनों कंडीशन मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। यदि आपको दिन में 8 से 10 बार से अधिक वॉमिटिंग हो रहा है, या आप पिछले 8 घंटे से पानी नहीं पी पा रही हैं और पिछले 24 घंटे से आपने कुछ भी नहीं खाया, साथ ही यदि आपने 12 घंटे से यूरिन पास नहीं किया है, तो इस स्थिति में आपको इमीडिएट मेडिकल अटेंशन की आवश्यकता होती है।

4. बच्चे का मूवमेंट धीमा होना या इसमें कमी आना

बच्चों का हेल्दी मूवमेंट उंसके सेहतमंद होने का एक संकेत है। ज्यादातर महिलाएं पहली प्रेगनेंसी के 20 वे हफ्ते से फीटल मूवमेंट को महसूस करना शुरू कर देती हैं, तो वहीं इसके बाद दूसरी, तीसरी प्रेगनेंसी में महिलाओं को 18 बे हफ्ते से ही मूवमेंट महसूस होना शुरू हो जाता है। ऐसे में इसे किसी खतरे का संकेत घोषित करने से पहले अपने ट्राइमेस्टर और प्रेगनेंसी के हफ्तों के अनुसार आपको एक सामान्य बेबी किक काउंट की जानकारी होनी चाहिए।

इसके अलावा सभी के बॉडी में फीटल मूवमेंट अलग अलग होता है, तो आपको अपने बच्चे के सामान्य मूवमेंट का पता होना चाहिए। यदि आपके बेबी का नार्मल मूवमेंट कसी तरह से अलग है, तो इस पर फौरन गौर करें।

Jante hain kuchh dangerous pregnancy symptoms ke baare me.
इस स्थिति में प्रीमेच्योर लेवल, बेबी पुपिंग के साथ ही कुछ केसेस में इंट्रायूटरिन फेटल डेथ भी देखने को मिलता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

5. हथेलियों और पैरों के तलबो में इचिंग होना

प्रेगनेंसी के दौरान स्किन के स्ट्रेच होने और शरीर में हार्मोनल बदलाव आने से खुजली की समस्या हो सकती है। कुछ महिलाओं में पिछली प्रेगनेंसी के स्ट्रेच मार्क के आसपास लाल रंग के रैश निकल आते हैं, जिसे हम पप्स कहते हैं। इसे समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो यह बम्स के रूप में हाथ, पैर और पेट के आसपास भी निकल आते हैं। वहीं यदि इनसे अलग बिना किसी बम्स के आपकी हथेलियों एवं पैर के तलवों पर इचिंग हो रही है, तो यह IHPC के संकेत हो सकते हैं।

यह एक सीरियस कंडीशन है, जिसमें शरीर में बाइल एसिड जमा हो जाते हैं, जो स्किन में डिपॉजिट हो सकते हैं, जिसकी वजह से खुजली का सामना करना पड़ता है। वहीं इस स्थिति में प्रीमेच्योर लेवल, बेबी पुपिंग के साथ ही कुछ केसेस में इंट्रायूटरिन फेटल डेथ भी देखने को मिलता है। इसलिए इस संकेत को भूलकर भी नजरअंदाज न करें।

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लेखक के बारे में

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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